Thursday, May 2, 2024
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विश्व पटल पर मिल रहा भारत और भारतीयों को सम्मान:राष्ट्रपति

कानपुर। कानपुर की धरती पर पले बढ़े सांसद से राष्ट्रपति तक का सफर तय करने वाले, महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद,को कानपुर की धरती पर एक समय मिनी मुख्यमंत्री की हैसियत से अपनी धाक जमाने वाले और शौर्य चक्र से विभूषित कानपुर की ही धरती में जन्में स्व चौधरी हरमोहन सिंह की जन्म शताब्दी वर्ष समारोह में पहुंचने का अवसर मिला। मेहरबान सिंह पुरवा मे स्वर्गीय चौधरी हरमोहन सिंह यादव जन्म शताब्दी समारोह में गोष्ठी को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों से परिचित कराने पर जोर दिया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि आज पूरे विश्व में भारत और भारतीयों को सम्मान मिला है उन्होंने लोगों में हमसफर की भावना जगाने का आह्वान किया, तो बेहतर शिक्षण संस्थानों का हवाला देते हुए कानपुर की जिम्मेदारी देश के प्रति अहम बताई। वही आजादी के अमृत महोत्सव की भी चर्चा करते हुए उन्होंने गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों से परिचित कराने और इतिहास बताने पर जोर दिया।
समारोह में राष्ट्रपति ने कहा कि हरमोहन सिंह जब भी ट्रेन में चलते थे तो सभी को अपना हमसफर मानते थे। यह हमसफर की भावना अगर समाज में भी चरितार्थ हो जाए और लोग पास पड़ोस में भी जाति संप्रदाय अमीर गरीब को अपनाने लगे तो हम जहां रहते हैं वही स्वर्ग बन जाएगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में आज उत्तर प्रदेश में कई उपलब्धियां हासिल की हैं और इसमें कानपुर के मानचित्र पर आईआईटी एनएसआईटी विश्वविद्यालय और बहुत सारे शिक्षण संस्थान हैं इसके चलते कानपुर की जिम्मेदारी भी देश में और रोजगार के क्षेत्रों के लिए बहुत अधिक बढ़ जाती है, क्योंकि भारत के विकास में शिक्षकों और छात्रों की प्रभावी भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि आजादी के 75 वर्ष पूरे हो रहे हैं, और देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। देश की आजादी के लिए हजारों स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना सर्वस्व निछावर कर दिया। इनमें बहुत से लोग गुमनामी में रहे। 2 वर्ष तक चलने वाले इस समारोह में जो नाम गुम हो गए हैं उन्हें सामने लाने का प्रयास किया जाए। उत्तर प्रदेश और कानपुर का भी स्वतंत्रता आंदोलन में बहुत योगदान रहा है। इतिहास के पन्नों में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों में नाना जी तात्या टोपे और अजीम उल्लाह खान के नाम तो सभी ने सुने हैं लेकिन अजीजन बाई, मैनावती के योगदान से लोग पूरी तरह परिचित नहीं है। इन्हें सामने लाया जाना चाहिए ।इसके अलावा चन्द्र शेखर आजाद भगत सिंह के कानपुर के संबंधों को लोग जानते हैं लेकिन जयदेव कपूर, आर सी वर्मा और गया प्रसाद के बारे में लोगों को भी बताया जाना चाहिए। हम सब का कर्तव्य है कि ऐसे गुमनाम स्वतंत्र सेनानियों के बारे में लोगों को जानकारी दें।राष्ट्रपति ने कहा कि आज पूरे विश्व में भारतीयों को सम्मान मिलता है अगर मिलता है जहां भी जाते हैं उन्हें पूरा आदर दिया जाता है लेकिन कानपुर की बात अलग है वैसे तो पूरा देश अपना परिवार है लेकिन कानपुर और आसपास को मैं अपना बिजी परिवार मानता हूं क्योंकि इसी जमीन से पढ़ाई करके मैं राष्ट्रपति बना हूं इसलिए इसकी स्मृति ना तो दूर हुई है और ना कभी होगी ।
कार्यक्रम में प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना राज्यसभा सदस्य सुखराम सिंह और चौधरी हरमोहन सिंह जन कल्याण समिति के अध्यक्ष मोहित यादव मौजूद थे।