फिरोजाबाद। अखिल भारतीय सोहम् महामंडल के तत्वावधान में आयोजित संत सम्मेलन में सोहम् मंडल के अध्यक्ष स्वामी सत्यानंद महाराज ने कहा कि संतों के माध्यम से ही आनंद प्राप्त किया जा सकता है। आनंद की अनुभूति संत समागम में ही संभव है। उन्होंने कहा कि आनंद तो प्रसाद में भी ढूंढा जा सकता है। प्रसाद बांट कर व पशु पक्षियों को दाना डालकर जो आनंद की अनुभूति होती है। वह अविस्मरणीय है। रामायण के मर्मज्ञ स्वामी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि संत समागम के बिना कोई लाभ नहीं। संतो के साथ ही राजा दशरथ को चार पुत्रों की प्राप्ति हुई थी। भगवान राम ने भी रावण को मारने के सभी उपाय किए। लेकिन उन्हें मार नहीं सके। हनुमान व विभीषण जैसे संतों के साथ रहने पर ही रावण का वध कर सके थे। स्वामी प्रज्ञानंद ने कहा कि आज मनुष्य मात्र प्राणी धर्म का पालन नहीं करता बल्कि धर्म से भटक गया है। यही कारण है कि वह अपने जीवन में दुखी रहता है। स्वामी प्रणबानंद, स्वामी अनंतानंद, स्वामी नारायण आनंद ने भी अपने धार्मिक वचनों से श्रद्धालुओं को अवगत कराया। संत समागम में चंद्र प्रकाश शर्मा, उमाकांत पचौरी एडवोकेट, शिव नारायण यादव उर्फ पप्पू, अनुग्रह गोपाल अग्रवाल, संजय अग्रवाल, विनोद अग्रवाल, महेश यादव, सुनील गब्बर, जीके शर्मा, सुरेश शर्मा एडवोकेट, राजेश गुप्ता, लाला पहलवान, राधेश्याम, कौशल, राजेश, सुरेश मित्तल आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।