Monday, May 19, 2025
Breaking News
Home » मुख्य समाचार » डॉ. अंशुल अग्रवाल को सामाजिक लाभ के क्षेत्र में विभिन्न तकनीकों की खोज हेतु मिले तीन भारतीय पेटेंट

डॉ. अंशुल अग्रवाल को सामाजिक लाभ के क्षेत्र में विभिन्न तकनीकों की खोज हेतु मिले तीन भारतीय पेटेंट

लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिटी इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉ. अंशुल अग्रवाल को सामाजिक उद्देश्य एवं जनहित के क्षेत्र में विभिन्न तकनीकी खोजों हेतु हाल ही में तीन भारतीय पेटेंट प्रदान किए गए हैं। डॉ. अग्रवाल के शोध के प्रमुख क्षेत्रों में पावर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़, कन्वर्टर्स/इन्वर्टर्स की मॉडलिंग, एसी से एसी पावर रूपांतरण, नवीकरणीय ऊर्जा का एकीकरण, हाइब्रिड वाहन, एफपीजीए आधारित कन्वर्टर्स डिजाइन, सौर एवं पवन ऊर्जा का एकीकृत उपयोग शामिल हैं। इस उपलब्धि पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल ने डॉ. अग्रवाल को बधाई देते हुए इसे विश्वविद्यालय के लिए गर्व का विषय बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे नवाचार न केवल शोध के स्तर को ऊँचा उठाते हैं, बल्कि समाज को भी तकनीकी रूप से समृद्ध बनाने में सहायक सिद्ध होते हैं। डॉ. अग्रवाल ने जानकारी दी कि उनका पहला पेटेंट एक ऐसी विधि प्रस्तुत करता है जो छाया फैलाव के माध्यम से आंशिक छायांकन प्रभावों के शमन में सहायक है। यह विधि छवि प्रसंस्करण पर आधारित है और उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं के अनुसार स्थिर या गतिशील पुनर्संरचना के साथ कार्य करती है। इस तकनीक का उपयोग छत पर लगाए गए सौर पैनलों एवं सौर ऊर्जा खेतों में किया जा सकता है और इसे एकीकृत फोटोवोल्टिक प्रणालियों में भी विकसित किया जा सकता है। दूसरा पेटेंट फोटोवोल्टिक आधारित लचीले डीसी माइक्रोग्रिड सिस्टम से संबंधित है। यह तकनीक बिना किसी अतिरिक्त भंडारण को जोड़े सौर पीवी की आंतरायिकता को नियंत्रित करने के लिए एक प्रभावी समाधान प्रस्तुत करती है। इसमें सामुदायिक जल टैंक का बहुउद्देशीय उपयोग किया जा सकता है। तीसरा पेटेंट एकल चरण वाली जल पंपिंग प्रणाली की विधि से जुड़ा है, जो घरेलू एवं औद्योगिक उपयोग के लिए उपयुक्त है। यह प्रणाली ग्रिड और पीवी (सौर ऊर्जा) दोनों स्रोतों से संचालित हो सकती है और उपलब्धता के आधार पर एकल स्रोत से भी कार्य करने में सक्षम है। डॉ. अग्रवाल ने कुलपति प्रो. मित्तल के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके निरंतर मार्गदर्शन और प्रेरणा से ही यह उपलब्धि संभव हो सकी है। उनके उत्साहवर्धक शब्द अनुसंधानकर्ताओं को निरंतर आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। इस अवसर पर विभाग के शिक्षकों, शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों ने भी डॉ. अंशुल अग्रवाल को उनकी इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।