Monday, April 29, 2024
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यूपी विधानसभा चुनाव: दांव पर है कार्यकर्ताओं की साख

विधानसभा ऊंचाहार से दावेदारों की तादाद देखते हुए प्रत्याशी चयन में देरी कर रही पार्टियां

रायबरेली,पवन कुमार गुप्ता। ऊंचाहार विधानसभा, वर्ष 2022 के चुनाव में विषम परिस्थितियों से गुजर रहा है। आए दिन नए-नए अधिसूचना को सोशल मीडिया पर वायरल कर समर्थकों सहित मतदाताओं को भ्रमित किया जा रहा है। विधानसभा चुनाव में जिस तरह से लोगों के बीच भ्रांतियां फैलाई जा रही है। उससे समर्थक सहित आम मतदाता भी कुछ बोलने की स्थिति में नहीं है। लगातार सोशल मीडिया पर फला प्रत्याशी को फला पार्टी से टिकट कंफर्म हो गया। इस तरह से लोगों के बीच संशय पैदा किया जा रहा है और तो और सोशल मीडिया पर दूसरा कि अगर फला को फला पार्टी से टिकट ना मिला तो हम फला पार्टी का सपोर्ट नहीं करेंगे। इस तरह से ऊंचाहार विधानसभा में चुनाव के दरमियान लोगों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न किया जा रहा है। जिसका खामियाजा चुनाव में पार्टी और प्रत्याशियों को भुगतना पड़ सकता है। यही नहीं कुछ पार्टियों के कार्यकर्ता सोशल मीडिया को ही अपना उचित मंच मान बैठे हैं और जनता के बीच ना जा करके सोशल मीडिया पर ही एक दूसरे प्रत्याशी और पार्टियों पर टीका टिप्पणी कर रहे हैं। हालांकि वर्ष 2022 विधानसभा ऊंचाहार में अभी तक दो पार्टियों ने अपने प्रत्याशियों को ऊंचाहार विधानसभा से उतारा है।समाजवादी पार्टी से पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं विधायक डॉ मनोज कुमार पांडे को उम्मीदवार बनाया तो बसपा से अंजली मौर्य को ऊंचाहार विधानसभा से प्रत्याशी घोषित किया है। लेकिन देश की दो बड़ी राजनीतिक पार्टियां कांग्रेस और भाजपा ने अब तक अपने प्रत्याशियों के पत्ते तक नहीं खोले है। इस तरह की परिस्थितियों में समर्थक सहित मतदाता भी गुमराह है। वहीं राजनीतिक गलियारे के सूत्रों की मानें तो अभी तक दोनों पार्टियों ने किसी प्रत्याशी के नाम पर मुहर नहीं लगाई है। इस बाबत पार्टी के जिला अध्यक्ष भी कुछ बोलने से कतरा रहे हैं। वहीं पर कुछ मतदाताओ ने सिर्फ पार्टी पर ही अपने ध्यान को केंद्रित कर दिया है कि ऊंचाहार विधानसभा से प्रत्याशी कोई भी हो उन्हें अपनी पार्टी को ही वोट करना है।वह सिर्फ पार्टी विशेष पर ही अपना मतदान करेंगे। जबकि 27 जनवरी से 3 फरवरी तक ही नामांकन होने हैं। बावजूद भी अभी तक दोनों पार्टियों ने ऊंचाहार विधानसभा के लिए अपनी अधिसूचना जारी नहीं की है। हालांकि गौर करने का विषय है कि दोनों पार्टियां कब तक अपने प्रत्याशियों के नाम पर मुहर लगाकर समर्थक और मतदाताओं को ऊंचाहार विधान सभा का सेवक देखने को मिलेगा। राष्ट्रीय पार्टियों द्वारा विधानसभा ऊंचाहार में प्रत्याशी ना घोषित करने का सोशल मीडिया पर इस संबंध में काफी चहल कदमी यह भी यह भी दिखाई पड़ रही है कि कार्यकर्ता भी अपनी पार्टियों से प्रत्याशी चयन के विषय में पार्टी पर नाराजगी जता रहे हैं।
खैर कुछ भी हो, ऐसा माना जा रहा है कि पार्टी की विचारधारा में आस्था रखने और आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सक्षम, स्वच्छ छवि तथा जीत की प्रबल संभावना रखने वाले दावेदार को दोनों ही पार्टियां विधानसभा 183 ऊंचाहार से प्रत्याशी घोषित कर सकती हैं।