Monday, May 6, 2024
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परिजनों ने डाक्टरों पर लगाया लापरवाही का आरोप, किया हंगामा

अखिलेश सिंह/राघवेन्द्र सिंह : कानपुर। बर्रा थाना क्षेत्र में एक निजी हास्पिटल में कोहनी का आपरेशन करने के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई। परिजनों ने हास्पिटल के अन्दर हंगामा किया और इलाज के दौरान डाक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया। हास्पिटल में हंगामा होने की सूचना पर बर्रा पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस अधिकारियों ने हंगामा कर रहे लोगों को समझाया और तहरीर के आधार पर कार्यवाही करने की बात कही। जब मामला शान्त हो गया तो पुलिस ने मृतक के शव को चिकित्सकीय परीक्षण हेतु शव परीक्षण गृह भेजा।
मामला देर रात का है और बर्रा थाना क्षेत्र के बर्रा स्थित सत्य हॉस्पिटल का है। शास्त्रीनगर निवासी प्रदीप कटियार बिगत 7 अप्रैल को काकादेव क्षेत्र स्थित चैन फैक्ट्री के पास बाइक से जाते समय एक स्कूटी से टकरा गये गये थे और सड़क पर गिर पड़े थे। इससे प्रदीप की कोहनी में गंभीर चोट लग गई थी। इस वजह से प्रदीप को सत्य हास्पिटल में इलाज के लिये भर्ती करवाया गया था। डाक्टरों की सलाह के मुताबिक प्रदीप की कोहनी का आपरेशन किया गया।

परिजनों के अनुसार अस्पताल ने उनसे 50 हजार रुपये जमा करवा लिया था लेकिन इलाज में डाक्टरों ने लापरवाही की और 9 अप्रैल को प्रदीप की मौत हो गई। देररात मृतक प्रदीप के परिवारीजनों ने हॉस्पिटल में शव रख कर जम कर हंगामा किया। परिजनों ने आरोप लगाया कि डाक्टरों ने इलाज में लापरवाही की जिससे प्रदीप की मौत हो गई।
प्रदीप के शव को हॉस्पिटल के अन्दर रखकर परिजन हंगामा करने लगे। हंगामा बढ़ता देख हास्पिटल के सभी डाक्टर व कर्मचारी भाग गये। हंगामा की सूचना मिलने पर बर्रा पुलिस मौके पर पहुंची। इस दौरान बर्रा प्रभारी निरीक्षक दीनानाथ मिश्रा ने हंगामा करने वालों को समझाया और तहरीर के आधार पर कार्रवाही करने की बात कही।
गौरतलब हो कि यह कोई पहला मामला नहीं है जब सत्य हास्प्टिल के डाक्टरों पर इलाज के दौरान लापरवाही का आरोप लगा हो। इससे पहले बर्रा-8 स्थित विजय लक्ष्मी हॉस्पिटल या संजीवनी हॉस्पिटल। ऐसे अनेक हास्पिटलों में इलाज के दौरान लापरवाही करने के मामले प्रकाश में आ चुके हैं। इन हास्पिटलों एवं नर्सिंग होमों की विशेषता यह है कि ये मानकविहीन हास्पिटल चिकित्सा विभाग के संरक्षण में खूब फलफूल रहे हैं। वहीं इन हास्पिटलों में इलाज करवाने हेतु इस लिये लोग मजबूरी में जाते हैं क्योंकि सरकारी चिकित्सा व्यवस्था से लोगों का विश्वास उठ चुका है लोगों का मानना यह है कि सरकारी अस्पतालों में इलाज ठीक से नहीं किया जाता है और इसी का फयदा निजी अस्पतालों एवं नर्सिंग होमों को मिल रहा है।