Monday, April 29, 2024
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पालिका में टेन्डरों में चल रहा भाई भतीजावाद का खेल

⇒जिलाधिकारी से शिकायतःतीन सदस्यीय जांच कमेटी से मांगी एक सप्ताह में रिपोर्ट
हाथरस। नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष के खिलाफ अनियमितताओं के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं और अपने अप्रत्यक्ष साझेदारों के माध्यम से लाखों करोड़ों रुपए की निविदाओं का अवैध भुगतान करने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं और उक्त मामले में जहां जिलाधिकारी से शिकायत की गई है वहीं शिकायत पर जिलाधिकारी द्वारा तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन कर एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट देने के आदेश समिति को दिए गए हैं।
जिलाधिकारी को दिए गए शिकायती पत्र में अमित कुमार पाठक निवासी गांव छौड़ा सासनी द्वारा आरोप लगाते हुये कहा गया है कि नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष आशीष शर्मा द्वारा अप्रत्यक्ष साझीदार लोक निर्माण विभाग के अवर अभियंता महेश चंद्र सारस्वत के माध्यम से उनके सगे भाई सुरेशचंद्र को ठेकेदारी के लिए पंजीकृत करके करोड़ों रुपए की निविदाएं दिलाकर उन्हें उपकृत कर परोक्ष लाभ दिया जा रहा है। उनका आरोप है कि नगर पालिका की धारा 82 व 83 का खुला उल्लंघन किया जा रहा है।शिकायत में आरोप लगाते हुए कहा गया है कि पालिकाध्यक्ष आशीष शर्मा ने नियम कानूनों का उल्लंघन कर जिलाधिकारी को गुमराह करते हुए गलत तरीके से अवर अभियंता महेशचंद सारस्वत व बृजेश कुमार की तैनाती करा रखी है। बृजेश कुमार सिर्फ अपने साथी अभियंता महेश चंद्र सारस्वत के छोटे भाई सुरेश चंद्र शर्मा के ही बिलों को एमबी पर उतारते हैं और जेई सारस्वत अपने छोटे भाई के बिलों की एमबी अप्रत्यक्ष रूप से करते हैं और इस तरह से नगर पालिका अध्यक्ष अपने अप्रत्यक्ष साझेदारों के माध्यम से लाखों करोड़ों के टेंडर हासिल करके निजी लाभ का खेल खेल रहे हैं।
शिकायती पत्र में शिकायतकर्ता अमित कुमार पाठक ने उक्त मामले में जांच कराने और फर्म के भुगतान पर रोक लगाने के साथ कार्यवाही की मांग की गई है और जांच उपरांत दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की मांग की है। जिससे कि प्रदेश के मुख्यमंत्री तथा पार्टी के जीरो टॉलरेंस की नीति कायम रह सके।
उक्त शिकायत के आधार पर जिलाधिकारी के आदेश पर अपर जिलाधिकारी डॉ. बसंत अग्रवाल द्वारा तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई है और इस कमेटी में प्रभारी अधिकारी कलेक्ट्रेट आशुतोष कुमार सिंह, लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता तथा वरिष्ठ कोषाधिकारी को शामिल किया गया है और कमेटी को आदेशित किया गया है कि समिति उक्त तथ्यों का स्थलीय एवं अभिलेखीय परीक्षण कर अपनी तथ्यात्मक जांच आख्या एक सप्ताह के अंदर उपलब्ध कराए।