Friday, November 8, 2024
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जितेन्द्र सिंह से मिले महाराष्ट्र के छात्र

नई दिल्ली। पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विभाग में राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज महाराष्ट्र से आए छात्रों के एक समूह से मुलाकात की। ये छात्र एमईएस आबासाहेब गरवारे कॉलेज पुणे से हैं और जनसंचार तथा पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई कर रहे हैं। ये छात्र स्टडी टूर पर दिल्ली आए हुए हैं। दिल्ली आने से पहले छात्रों ने पंजाब के फिरोजपुर और अमृतसर जिलों का भी भ्रमण किया।
छात्रों के साथ बातचीत के दौरान डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि उन्हें समाज के लिए एक राय निर्माता के रूप में कार्य करना चाहिए तथा एक सकारात्मक रवैये के साथ विकास के अधिकतर मुद्दों को उजागर करना चाहिए। उन्होंने छात्रों से जम्मू -कश्मीर, विमुद्रीकरण, जीएसटी और पूर्वोत्तर सहित अन्य उभरते मुद्दों पर बातचीत की।

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चिकित्सा – मानवता से जुड़ा एक पेशा

kanchan pathakमनुष्य, जीवन जीने के लिए किसी न किसी विधि से उपार्जन करता है l इसके लिए वह विभिन्न पेशों, व्यवसायों या कार्यों का चुनाव करता है लेकिन मानवीय दृष्टि से अगर कोई पेशा या कार्य सबसे ज्यादा पवित्र, उत्तरदायित्वपूर्ण व संवेदनपूर्ण होता है तो वह है चिकित्सक का पेशा l किसी भी मानव या जीव को सबसे ज्यादा प्रिय उसके प्राण होते हैं और इस दृष्टिकोण से सृष्टि में ईश्वर के बाद अगर किसी का स्थान आता है तो वह है एक चिकित्सक का … जो अपनी सेवा और हुनर से मरते हुए इन्सान को बचाकर नया जीवन देता है l यही एक चिकित्सक का धर्म भी होता है पर आज चिकित्सा भी एक धंधा बन गया है .. मरीज़ों के शोषण का l कारण तो एक हीं है कि, पैसा आज मानवीय मूल्यों, भावों और सरोकारों से ऊपर हो चुका है किन्तु इसके आलावा मेडिकल कॉलेजों की कम संख्या, चिकित्सा की पढाई में होने वाला भारी खर्च, न्यूनतम सीटें आदि अनेक वजहें भी इसके लिए जिम्मेवार है l मानवीयता जैसे गुण और सेवा-भाव के प्रति समर्पण जैसी भावना एक तो वैसे हीं लोगों में बहुत कम रह गए हैं ऊपर से इन्ट्रेंस टेस्ट में इन चीजों को वरीयता देने की कतई जरूरत नहीं समझी जाती जबकि चिकित्सा क्षेत्र के लोगों का यही चरम लक्ष्य और प्रयोजन भी होना चाहिए l

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अवैध खनन के आरोप में ट्रैक्टर पकड़ा, पुलिस ने मिटाए बाॅडी व चेसिस नम्बर!

चौबेपुर थाना क्षेत्र में अवैध खनन की चर्चा
स्थानीय लोगों की मानें तो पुलिस की सह पर हो रहा अवैध खनन
रात्रि 10 बजे के बाद शुरू होता है अवैध खनन का कार्य

कानपुर, जन सामना ब्यूरो। चौबेपुर थाना क्षेत्र में अवैध खनन हो रहा है और इसे स्थानीय पुलिस भी स्वीकार कर रही है। स्थानीय सूत्रों की मानें तो रात्रि में 10 बजे के बाद अवैध खनन के कार्य किया जाता है।
थानाध्यक्ष चैबेपुर के मुताबिक अवैध खनन के आरोप में बिगत दिनों पूरा गनू निवासी अजय सिंह पुत्र देश राज यादव का एक ट्रैक्टर पकड़ा गया और उसे सीज किया गया। थानाध्यक्ष ने बताया कि अजय के पास दो ट्रैक्टर हैं जिनमें से एक को सीज किया गया, जबकि एक ट्रैक्टर नहीं पकड़ा जा सका है।
वहीं अजय सिंह के भाई चन्द्रपाल सिंह यादव ने स्थानीय पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। चन्द्रपाल के अनुसार वो अपने निजी कार्य हेतु बालू खरीद कर ले जा रहे थे और बालू खरीद की रसीद भी उनके पास थी, लेकिन पुरानी खुन्नश के चलते उसके ट्रैक्टर को पुलिस ने सीज कर दिया। उन्होंने यह भी गंभीर आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने ही उनके ट्रैक्टर की बाॅडी नम्बर व चेसिस नम्बरों को थाने में नष्ट करवा दिया है जिससे उनका ट्रैक्टर न्यायालय से भी नहीं छूट पायेगा।

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आग पीड़ितों को बांटी खाद्य सामग्री

2017.03.01.4 ssp awadheshकानपुर, जन सामना संवाददाता। छोटा मंगलपुर गांव में अखिल भारतीय कूर्मि क्षत्रिय महासभा, कानपुर नगर इकाई ने राहत सामग्री वितरण की।
विदित हो की कुछ दिन पहले इसी गाँव में आग लग जाने से 48 घर पूरी तरह जलकर खाक हो गए थे कुछ भी सामान नहीं बचा था।
महासभा के जिलाध्यक्ष अवधेश कटियार ने बताया कि महासभा ने प्रति परिवार को 2 किलो आटा, 2 किलो आलू, 1 किलो चावल, 1 पैकेट नमक, 1 पैकेट बिस्किट, 1 जार वितरित किए।
महासभा ने 50 परिवार के हिसाब राशन वितरित किया, पीड़ित परिवार के लोग राहत सामग्री पाकर बहुत खुश हुए उनकी आँखों से मानो दुआएं निकल रहीं हो ऐसा लग रहा था।

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गांवों की जमीनों पर केडीए बनायेगा आवास

2017.03.01.3 ssp kdaकमल मिश्रा की विशेष रिपोर्ट:-
कानपुर। शहर में आवास की बढती मांग को देखते हुए केडीए ने शहर के आस-पास स्थित गांवों की जमीनों पर नजरे गड़ा दी है। गांवों में जमीनों पर नजर रखने के लिए टीमें बनाई गयी हैं जो ग्राम समाज की जगह को चिन्हित करेगी और ऐसी जमीनों पर जो कब्जे है उन्हे उखाड़ फेंकेगी। बताया जाता है कि खाली जगहों पर छोटी-छोटी परियोजनाएं विकसित की जायेगी। शहर में लगे राजस्व गांव बारा सिरोही, सिंहपुर कछार, बैरी, अकबरपुर, बांगर, देहली सुजानपुर, बिनगवां, अर्रा, खाडेपुर, चकेरी, अहिरंवा, बर्रा, पनकी, गंगागंज आद में ग्राम समाज की भूमि पर बने अवैध निर्माण को हटवाया जायेगा। इसके लिए तहसीलदारों को जिम्मेदारी सौंपी जा चुकी है। उन्हें एक पखवारे में सर्वे करके जमीनों के बारे में जानकारी देनी है। केडीए बीच बीच में किसानों की आ रही जमीनों को भी लेने की तैयारी कर रहा है जवाहरपुरम व कपली, माती में किसानों से बात चल रही है।

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थ्योरी ऑफ टीचिंग पर व्याख्यान का आयोजन

2017.03.01.3 ssp dg pg collegeकानपुर नगर, कमल मिश्रा। दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज में शिक्षा विभाग द्वारा व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विषय स्कूल इंटर्नशिप कनेक्टिंग थ्योरी ऑफ टीचिंग टू द प्रैक्टिस ऑफ टीचिंग पर चर्चा की गयी। मुख्य वक्ता डा0 मनीष कुमार ने विस्तार पर विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किया कि छात्राओं को इंटर्नश्ज्ञिप करते समय थ्योरी और प्रशिक्षण के मध्य किस प्रकार समन्वय स्थापित करे। छात्राओं ने भी र्चा में बडे उत्साह से भाल लिया। इस दौरान डा0 गीतांली, तथा बीएड विभाग की समस्त प्रवक्ताओं ने भाग लिया जिसमें डा0 सबीहा अंजुम, बीनू आनंद, डा0 ऊषा शुक्ला आदि उपस्थित रहे।

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जल स्तर में गिरावट, हो सकता है जल संकट

कानपुर नगर, जन सामना संवाददाता। गंगा का जल स्तर लगातार गिरता जा रहा है जिससे आने वाले समय में शहर को पानी की समस्या से जूझना पडेगा। मौजूदा हालातों में भी पानी की कमी महसूस की जाने लगी है वहीं कई क्षेत्रों में गंदे पानी सप्लाई की समस्या बढ़ गयी है। हालत यही रही तो आने वाले कुछ ही दिनों में ड्रेजर मशीन द्वारा भी पानी खींचना मुश्किल हो जायेगा, जिससे भैंरो घाट से जलापूर्ति ठप्प भी हो सकती है। भैरोंघाट पंपिग स्टेशन से शहर को प्रतिदिन 20 करोड लीटर पानी की सप्लाई होती है। वहीं जलकल महाप्रबंधक आरपी सिंह सलूजा ने सिचाई विभाग को पत्र लिखकर बैराज से गंगा में पानी छोडने की गुजारिश की थी। गंगा का जल स्तर बीते दिनों एक फिट तीन इंच गिरने से गंगा की मुख्य धारा भैरोघाट पंपिंग स्टेशन से और दूर हो गयी। फिलहाल जलापूर्ति के लिए जलकल विभाग प्रयासरत है लेकिन यदि दो-चार इंच और जल स्तर में गिरावट आती है तो समस्या गंभीर हो जोगी और ऐसे में भैरोंघाट से पानी की आपूर्ति ठप्प हो जायेगी। बताया जाता है कि भैरोघाट पंपिंग स्टेशन के पास गंगा का जल स्तर 356.5 फिट से नीचे नही होना चाहिए।

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जिला प्रशासन के संरक्षण में मानकों को ताक पर रख चल रहे स्कूली वाहन

2017.03.01.3 ssp school student vanकानपुर, जन सामना संवाददाता। एटा में स्कूली बस पलटने से कई बच्चों की जान चली गयी थी। हादसे के बाद हमेशा की तरह प्रशासन की नींद टूटी लेकिन जल्द ही प्रशासन फिर सो गया। बच्चों के प्रति स्कूल प्रबंधन और जिला प्रशासन संवेदनशील नही है। नतीजा यह कि एक बार फिर बीते सोमवार को हुए हादसे कई बच्चों की जान पर आफत आती दिखी। कानपुर के ककवन में स्कूली बस पलट गयी थी जिसमें लगभग दो दर्जन बच्चे सवार थे। ककवन में हुए हादसे में बस चालक की ही लापरवाही सामने आ रही है। अब सवाल यह उठता है कि आखिर क्यों यह बस चालक बस चलाने में पूरी तरह निपुण होते भी या नहीं। चालक को रखने से पहले केवल इनके लाइसेंस को ही देखा जाता है या यह भी परखा जाता है कि इन्हे बस चलानी भी आती है या नहीं। फिलहाल कुछ भी हो लेकिन स्कूल प्रबंधन की लापरवाही के कारण आये दिन ऐसे हादसे सामने आते है, इसमें नन्हे-मुन्नो की जान हमेशा खतरे में बनी रहती है। पिछले हुए हादसे के बाद कुछ समय के लिए सख्ती की गयी थी लेकिन समय बीतने के बाद फिर सबकुछ वैसा ही हो गया।

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किसानों की रिहाई की मांग, धरना देकर किया घेराव

2017.03.01.2 ssp kisanon ka dharnaचन्दन जायसवाल व स्वप्निल तिवारी की रिपोर्ट-
कानपुर। घाटमपुर के नेवली के किसानों की जमीन अधिग्रहण के मामले में हुई किसानों की गिरफ्तारी के विरोध में आज हजारों किसानों ने शहर में धरना दिया और जिला प्रसासन को खुले लब्जो में चुनौती भी देते हुए रिहाई की मांग की है।
बताते चलें कि आज भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ता हजारों की संख्या में किसान नेता राकेश सिंह टिकैत के नेतृत्व में धरने पर बैठ गए हैं। इनकी मांग है कि इनकी पार्टी के दो किसान नेताओं को कानपुर जेल में बंद रखा गया है उन्हें बिना शर्त के रिहा किया जाय। साथ ही किसानों पर लगाए गए मुकदमें भी वापस लिए जायें। किसानों ने चेतावनी दी कि अगर प्रशासन ने दोनों नेताओं निरंजन राजपूत और विशेखा राजपूत को रिहा नहीं किया तो किसान अपने आंदोलन की नई नीति तय करेंगे।

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मुद्दों से भटकती राजनीति

JAN SAAMNA PORTAL HEADदेश के पांच राज्यों में विधान सभा चुनावों में अपनी अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए राजनैतिक दलों की नैतिकता पर प्रश्नचिन्ह लगता दिख रहा है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों की अवहेलना तो दिख ही रही है लेकिन विकास के मुद्दों से भटकते हुए भी सभी दल दिख रहे हैं। चुनावी रैलियों में हो रही भाषणवाजी से तो यही जाहिर हो रहा है कि नेताओं को विकास की बात करते हुए शायद अपनी कुर्सी पक्की नहीं नजर आ रही बल्कि अपशब्दों व बेमतलब के बयानों को पेश कर जनता के दिलोदिमाग को भटाकाने का प्रयास करने में जरा भी संकोच नहीं कर रहे। बेमतलब की बयानवाजी राज्यस्तरीय नेता ही नहीं कर रहे बल्कि देश के प्रधानमंत्री जी भी कर रहे हैं।
विकास के मुद्दों को दरकिनार कर सपा-कांग्रेस गठबन्धन के प्रचारक नेताओं के साथ ही बसपा, भाजपा सहित सभी दलों के प्रचारक ऐसे शब्दों का प्रयोग कर एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि अब विकास का नहीं बल्कि बकवास का दौर चल रहा है। हद तो यहांतक हो गई है कि अब पशुओं के नामों को लेकर बयानवाजी कर नेताओं ने अपनी भाषा की सीमायें ही लांघ दी हैं। वहीं जाति-वर्ग की राजनीति करने से भी नेता जी अपना मौका नहीं गवाना चाह रहे हैं।

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