फिरोजाबाद। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं उ.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार विधिक सेवा दिवस नौ नवम्बर को भव्य रूप से मनाने के लिए गुरूवार को जनपद के समस्त तहसीलदारों और परा विधिक स्वयं सेवकों को विस्तृत निर्देश जारी किए गए हैं। इस दिन का उद्देश्य समाज के हर वर्ग, विशेषकर कमजोर और पिछड़े वर्गों को न्यायिक सहायता और उन्हें कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। प्राधिकरण सचिव पीयूष सिद्धार्थ, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा बताया गया कि विधिक सेवा दिवस का मूल उद्देश्य न्याय सबके लिए की भावना को साकार करना है। यह दिन न केवल कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए समर्पित है, बल्कि उन लोगों तक न्याय पहुंचाने का माध्यम भी है, जो अपने अधिकारों से बंचित हैं। इसके तहत अनुसूचित जाति, जनजाति, महिलाएं, बच्चे, दिव्यांगजन और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों एवं अन्य पात्र व्यक्तियों के लिए विधिक सेवायें उपलब्ध कराई जाती हैं। जिले के प्रत्येक तहसील स्तर पर व्यापक जागरूकता कार्यक्रम शिविर एवं रैलियाँ आयोजित की जायेंगी। इन कार्यक्रमों के तहत लोगों को उनके विधिक अधिकार, सरकारी योजनाएं और निःशुल्क कानूनी सहायता सेवाओं के बारे में जानकारी दी जाएगी।