कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। आगरा एवं झांसी मण्डल के कुछ जनपदों में टिड्डी दल के प्रकोप को दृष्टिगत जनपद टिड्डी के प्रकोप की सम्भावना बढ़ गयी है। टिड्डी दल का प्रकोप फसलों में महामारी का स्वरूप ग्रहण कर लेता है। अतः आवश्यक है कि जनपद में निरन्तर टिड्डी दल के आक्रमण की निगरानी की जायें, ताकि किसी भी स्तर के प्रकोप की दशा में ससमय टिड्डी दल पर नियन्त्रण पाया जा सकें।
उपरोक्त जानकारी देते हुए मुख्य विकास अधिकारी जोगिन्दर सिंह ने बताया कि जनपद में टिड्डी दल पर नियन्त्रण पाया जा सकें। जनपद में टिड्डी दल के प्रकोप की दशा में उसके नियन्त्रण हेतु उपाये टिड्डी दल के प्रकोप की सूचना ग्राम प्रधान, लेखपाल, कृषि विभाग के प्राविधिक सहायकों एवं ग्राम विकास/पंचायत अधिकारी के माध्यम से कृषकों तक तत्काल पहुँचायें। टिड्डी दल प्रायः दिन डूबने के समय किसी न किसी पेड़/पौधे पर दिन निकलने तक आश्रय लेती है।
सीईएनएस द्वारा डिजाइन किया गया आरामदायक फेसमास्क
कोविड-19 प्रोटेक्शन मास्क के लिए एक श्रम दक्ष डिजाइन लंबे समय तक इसके सुगम उपयोग के लिए अनिवार्य है: डीएसटी के सचिव प्रो. आशुतोष शर्मा
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के एक स्वायत्तशासी संस्थान, सेंटर फार नैनो एंड साफ्ट मैटर साईंसेज (सीईएनएस) के शोधकर्ताओं की एक टीम ने मास्क के एक कप आकार की डिजाइन (पैटेंट दायर) विकसित की है जो बोलते समय मुंह के सामने के हिस्से में पर्याप्त स्थान का सृजन करने में सहायता करती है। बड़े स्तर पर इसका उत्पादन के लिए इसे बंगलुरु स्थित एक कंपनी को अंतरित कर दिया गया है।
इस स्नग फिट मास्क से बोलने में कोई असुविधा नहीं होती है, चश्मे पर कोई फाॅगिंग नहीं होती, इसे चारों तरफ से अच्छी तरह से पैक किया जाता है जिससे सांस लेते समय व्यावहारिक रूप से रिसाव की कोई गुंजाइशनहीं रह जाती। इसकी उच्च श्वसन क्षमता इसका एक और महत्वपूर्ण लाभ है जो इसे बिना किसी असुविधा के पहनने में सक्षम बनाता है।
कोविड-19 से लड़ने में एचआईवी दवाओं से अधिक कारगर कांगड़ा चाय
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। कोविड-19 से लड़ने के लिए संशोधित प्रोटोकॉल में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) द्वारा प्रतिरोधक क्षमता में सुधार और उपचार के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) के स्थान पर एचआईवी-रोधी दवा के उपयोग की संभावना व्यक्त की जा रही है। दूसरी ओर, अब कहा जा रहा है कि एचआईवी-रोधी दवाओं की तुलना में चाय रसायन भी प्रतिरक्षा बढ़ाने और कोरोना वायरस गतिविधि को अवरुद्ध करने में अधिक प्रभावी हो सकते हैं। हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में स्थित हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएचबीटी) के निदेशक डॉ संजय कुमार ने इस तथ्य का खुलासा किया है। कांगड़ा चाय के बारे में बोलते हुए यह बात उन्होंने अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस के मौके पर आईएचबीटी में आयोजित एक वेबिनार के दौरान कही है।
Read More »शिल्पकारों का “सशक्तिकरण एक्सचेंज”, “हुनर हाट” सितम्बर 2020 से पुनः शुरू
पहले से ज्यादा दस्तकारों की भागीदारी के साथ पुनः शुरू “हुनर हाट” का थीम “लोकल से ग्लोबल”
“देश के दूर-दराज के क्षेत्रों के दस्तकारों, शिल्पकारों, कारीगरों, हुनर के उस्तादों को मौका-मार्किट देने वाला “हुनर हाट” स्वदेशी हस्तनिर्मित उत्पादनों का “प्रामाणिक ब्रांड” बन गया है” : मुख्तार अब्बास नकवी
“जान भी जहान भी” पवेलियन होगा जहाँ लोगो को “पैनिक नहीं प्रीकॉशन” की थीम पर जागरूकता पैदा करने वाली जानकारी भी दी जायेगी” : मुख्तार अब्बास नकवी
“हुनर हाट” में सोशल डिस्टेंसिंग, साफ-सफाई, सैनिटाईज़ेशन, मास्क आदि की विशेष व्यवस्था की जाएगी”
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। कोरोना की चुनौतियों के चलते लगभग 5 महीनों के बाद दस्तकारों-शिल्पकारों का “सशक्तिकरण एक्सचेंज”, “हुनर हाट” सितम्बर 2020 से “लोकल से ग्लोबल” थीम एवं पहले से ज्यादा दस्तकारों की भागीदारी के साथ पुनः शुरू होने जा रहा है।
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज यहाँ बताया कि पिछले पांच वर्षों में 5 लाख से ज्यादा भारतीय दस्तकारों, शिल्पकारों को रोजगार-रोजगार के अवसर प्रदान करने वाले “हुनर हाट” के दुर्लभ हस्तनिर्मित स्वदेशी सामान लोगों में काफी लोकप्रिय हुए हैं। देश के दूर-दराज के क्षेत्रों के दस्तकारों, शिल्पकारों, कारीगरों, हुनर के उस्तादों को मौका-मार्किट देने वाला “हुनर हाट” स्वदेशी हस्तनिर्मित उत्पादनों का “प्रामाणिक ब्रांड” बन गया है।
प्रधानमंत्री और श्रीलंका के राष्ट्रपति के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत
‘कोविड-19’ के प्रकोप के साथ-साथ इसके संभावित स्वास्थ्य और आर्थिक प्रभावों पर चर्चाएं हुईं
प्रधानमंत्री मोदी ने आश्वासन दिया, ‘भारत महामारी के प्रभावों को कम करने के लिए श्रीलंका को हरसंभव सहायता प्रदान करना जारी रखेगा’
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज श्रीलंका के राष्ट्रपति महामहिम गोटबाया राजपक्षे से टेलीफोन पर बातचीत की। इस दौरान ‘कोविड-19’ महामारी के मौजूदा प्रकोप के साथ-साथ इस क्षेत्र में इसके संभावित स्वास्थ्य और आर्थिक प्रभावों पर विचार-विमर्श किया गया।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति को यह आश्वासन दिया कि भारत महामारी के प्रभावों को कम करने के लिए श्रीलंका को हरसंभव सहायता प्रदान करना निरंतर जारी रखेगा।
प्रधानमंत्री और मॉरीशस के प्रधानमंत्री के बीच टेलीफोन पर बातचीत
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज मॉरीशस के प्रधानमंत्री महामहिम प्रविंद जगन्नाथ से टेलीफोन पर बातचीत की
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। चक्रवात अम्फान द्वारा भारत में हुए नुकसान के लिए प्रधानमंत्री जगन्नाथ ने शोक व्यक्त किया। उन्होंने भारतीय नौसेना के जहाज ‘केसरी’ को ‘ऑपरेशन सागर’ के हिस्से के रूप में मॉरीशस भेजने के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी को धन्यवाद दिया। कोविड -19 महामारी के खिलाफ लडाई में मॉरीशस के स्वास्थ्य अधिकारियों की मदद करने के लिए दवाओं की खेप और 14 सदस्यीय मेडिकल टीम के साथजहाजमॉरीशस पहुंचा था।
प्रधानमंत्री ने भारत और मॉरीशस के लोगों बीच विशेष संबंधों को याद किया और कहा कि भारत इस संकट के समय में अपने मित्रों का समर्थन करने के लिए कर्तव्यबद्ध है।
कार्डधारक 24 मई तक अपने उचित दर विक्रेता से प्राप्त करें राशन: डीएसओ
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। कोविड-19 कोरोना महामारी की समस्या के दृष्टिगत शासन द्वारा माह मई 2020 15 तारीख से 25 तारीख तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्य योजना के अन्तर्गत समस्त अन्त्योदय एवं पात्र मृहस्थी कार्डधारकांे को प्रति यूनिट 05 किग्रा0 चावल तथा प्रति कार्ड 1 किग्रा0 खड़ा चना भी निःशुल्क उपलब्ध कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया था। शासन के निर्देशन में इस माह की वितरण तिथि मंे संशोधन करते हुए वितरण तिथि को 15 से 24 मई तक निर्धारित किया गया है। वितरएण की अन्तिम तिथि एवं प्राक्सी की तिथि 24 मई 2020 निर्धारित की गयी है।
उपरोक्त जानकारी देते हुए जिला पूर्ति अधिकारी राजेश कुमार सोनी ने बताया कि यदि किसी भी कार्डधारक ने अब तक अपने कार्ड पर आवंटित वस्तुएं प्राप्त न की हो तो वह 24 मई तक अपने उचित दर विक्रेता से राशन प्राप्त कर कर ले।
जांच आख्या 4 सप्ताह के अन्दर करे प्रस्तुत: जिलाधिकारी
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। जिला कारागार, जनपद-कानपुर देहात में निरूद्ध सिद्धदोष बन्दी कमलेश पुत्र दुलारे लाल उम्र लगभग-53 वर्ष, निवासी ग्राम गहिरा, थाना शिवली, जिला-कानपुर देहात की दिनांक 17 मई 2020 को प्रातः समय लगभग 09ः55 बजे, एल0एल0आर0 चिकित्सालय, कानपुर नगर में हुई मृत्यु की मजिस्ट्रीयल जांच जिलाधिकारी द्वारा उप जिला मजिस्ट्रेट अकबरपुर कानपुर देहात को नामित किया है।
उक्त के तहत जांच अधिकारी अपनी विस्तृत एवं स्पष्ट जांच आख्या 4 सप्ताह के अन्दर जिलाधिकारी कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
मत्स्य पालक लाभ हेतु करें सम्पर्क: डा0 रणजीत सिंह
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। जनपद के समस्त मत्स्य पालकों से जिला मस्त्य अधिकारी डा0 रणजीत सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में यदि वे अपने निजी भूमि/ग्राम सभा के पट्टे के तालाब से मत्स्य उत्पादन ले रहे हैं तो ग्राम सभा के पट्टों के तालाब की छायाप्रति/मूलप्रति तथा निजी भूमि के तालाबों की खसरा/खतौनी, तीन पासपोर्ट साइज के अद्यतन फोटोग्राफ्स, बैंक पासबुक की छायाप्रति (आई0एफ0एस0सी0कोड सहित), आधार कार्ड की छायाप्रति। प्रमाण पत्रों के साथ विकास भवन स्थित कक्ष संख्या 303 व 306 में सम्पर्क करें। इसके साथ ही व्हाट्सएप नं0 पर सम्पर्क कर समस्त जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। मुख्य कार्यकारी अधिकारी, मत्स्य पालक विकास अभिकरण, कानपुर देहात व्हाट्सएप नं0- 8604809447, रमाकान्त, मत्स्य निरीक्षक (भोगनीपुर, मैथा, रसूलाबाद), मत्स्य पालक विकास अभि0, कानपुर देहात- व्हाट्सएप नं0- 9838945761, शशांक नमन, मत्स्य निरीक्षक (अकबरपुर, डेरापुर, सिकन्दरा), मत्स्य पालक विकास अभि0, कानपुर देहात-व्हाट्सएप नं0 8004990179।
Read More »जीवन रूकने नहीं चलने का नाम है -कोरोना
विज्ञान के दम पर विकास की कीमत वैसे तो मानव वायु और जल जैसेजीवनदायिनी एवं अमृतमयी प्राकृतिक संसाधनों के दूषित होने के रूप में चुका ही रहा था किंतु यही विज्ञान उसे कोरोना नामक महामारी भी भेंट स्वरूप देगा इसकी तो उसने स्वप्न में भी कल्पना नहीं की होगी। अब जब मानवप्रयोगशाला का यह जानलेवा उपहार उस पर थोपा जा ही चुका है तो निसंदेहउसे प्रकृति के सरंक्षण और उसके करीब रहने का महत्व समझ आ गया होगा। लेकिन वर्तमान में इससे अधिक महत्वपूर्ण विषय है कोरोना महामारी पर मानव जाति की विजय। आज की वस्तुस्थिति तो यह है कि लगभग सम्पूर्ण विश्व ही कोविड 19 के समक्ष घुटने टेके खड़ा है। ना इसका कोई सफल इलाज मिल पाया है और ना ही कोई वैक्सीन। दावे तो कई देशों की ओर से आए लेकिन ठोस नतीजों का अभी भी इंतजार है, उम्मीद अभी भी बरकरार है। अपेक्षा है कि विश्व के किसी न किसी देश के वैज्ञानिकों शीघ्र ही दुनिया को इस महामारी पर अपनी विजय की सूचना देंगे।
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