जो बाइडेन अब अमेरिका के 46 वें राष्ट्रपति बन चुके हैं। इसी के साथ अब अमेरिका में बाइडेन युग की शुरुआत हो गई है। अमेरिका के लोगों को बाइडेन से बहुत सी उम्मीदें हैं। जिनको पूरा करने की चुनौतियों का सामना अब अमेरिका के 46 वें राष्ट्रपति को करना है। पहली चुनौती को स्वीकार करते हुए जो बाइडेन को कोरोना वायरस से निपटने के लिए अब बहुत बड़े और कड़े कदम उठाने होंगे क्योंकि अमेरिका अभी तक कोरोना वायरस जैसी महामारी से निपटने में बहुत असफल रहा है। बाइडेन के सामने दूसरी सबसे बड़ी चुनौती अमेरिका की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की और उसे पटरी पर लाने की है। अर्थव्यवस्था कमजोर हो जाने के कारण अमेरिका का मध्यमवर्गीय समाज प्रभावित हुआ है और इस कारण समाज में बंटवारे और आय की असमानता को दूर करना बाइडेन के लिए तीसरी बड़ी चुनौती बन गया है। अमेरिका की चौथी बड़ी समस्या रंगभेद का मुद्दा है जिसने अमेरिकी समाज को दो वर्गों में बांट दिया है। जिससे वहां सामाजिक सौहार्द बिगड़ चुका है। इस समस्या को दूर करना और अमेरिका में सामाजिक सौहार्द स्थापित करना जो बाइडेन के लिए चौथी बड़ी चुनौती होगा। अभी हाल ही में अमेरिकी संसद में हुई हिंसा के कारण दुनिया के अन्य देशों में अमेरिका की छवि बहुत धूमिल हुई है और अमेरिका की छवि सुधारने की पांचवी चुनौती जो बाइडेन के लिए सबसे कठिन होगी। अब जो बाइडेन को पुनः पूरी दुनिया के सामने अमेरिकी लोकतंत्र का सही स्वरूप पेश करना होगा तभी पिछले दिनों हुई अमेरिका की बदनामी को कुछ हद तक मिटाया जा सकता है। कोरोनाकाल में अमेरिका में बड़े पैमाने पर लोग बेरोजगार हुए हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल 2020 में करीब 66 लाख लोगों ने बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन किया था। बेरोजगार हुए और नौकरी गंवा चुके लोगों को रोजगार देना बाइडेन के लिए एक बड़ी चुनौती होगा। अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में कोरोना संकटकाल में अमेरिका की जनता की नाराजगी देखने को मिली है। इसका फायदा डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडेन को मिला और अब अमेरिकी नागरिकों के विश्वास पर खरा उतरना भी जो बाइडेन के लिए एक बड़ी चुनौती है।
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