सैफई के सुघर सिंह पत्रकार ने नजीराबाद पुलिस पर फर्जी फँसाये जाने का लगाया था आरोप
कानपुर नगर,जन सामना। सैफई के वरिष्ठ पत्रकार सुघर सिंह को थाना नजीराबाद कानपुर नगर पुलिस द्वारा दो मुकदमे लगाकर जेल भेजे जाने की जांच करने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम दिल्ली से कानपुर आ चुकी है। सुघर सिंह पत्रकार ने आईजी मोहित अग्रवाल, डीआईजी अनन्तदेव, सीओ गीतांजलि, एसओ मनोज रघुवंशी, पर फर्जी मुकदमा लगाकर जेल भेजने का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि मेरे द्वारा कानपुर के थाना फजलगंज, थाना पीजीआई लखनऊ, थाना पीपरपुर अमेठी, थाना सैफई जिला इटावा, थाना करहल जिला मैनपुरी में जो मुकदमे दर्ज कराए गए थे। उनमें दो में चार्जसीट जा चुकी है, उनमें समझौता करने का दबाब बनाने के लिए उक्त फर्जी मुकदमे दर्ज कराए गए है। सुघर सिंह पत्रकार ने इस संबंध में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को कई पत्र भेजे गए पत्रों का अध्ययन करने के पश्चात राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने जांच करने का निर्णय लिया। और जांच टीम 8 फरवरी की इटावा पहुंची और इटावा व सैफई पुलिस के अधिकारियों के ब्यान लिए। सैफई थाने भी गयी व सुघर सिंह पत्रकार के ब्यान दर्ज करके कानपुर सुबह 11 बजे बजे कानपुर आ गयी है। जहां सभी आरोपी अधिकारियों के ब्यान दर्ज करेगी। मनोज रघुवंशी आईजी मोहित अग्रवाल के इशारे पर काम करता था। उसकी कई शिकायते हुई थी, जिनमें हर बार बचाव करने और मीडिया को ब्यान देने के लिए मोहित अग्रवाल को आगे आना पड़ता था। मोहित अग्रवाल में कई बार शिकायतों पर मनोज रघुवंशी पर कार्यवाही की बात कही थी। लेकिन उसके विरुद्ध कभी कोई कार्यवाही नही हुई। उसने इसी का फायदा उठाकर सुघर सिंह को जेल भेज दिया। सुघर सिंह पत्रकार ने फोन करके बताया डीजीपी के बुलाबे पर लखनऊ मिलने गया था। बापस आते समय मनोज रघुवंशी ने सीओ गीतांजली से मिलने के लिए काल करके बुलाया और बुलाकर दो फर्जी मुकदमे लगाकर जेल भेज दिया। पुलिस ने फर्जी दरोगा का कार्ड भी लगा दिया। कार्ड पर जो फ़ोटो लगी थी वो मेरे द्वारा लिखाये गए थाना सैफई में मुकदमे के अभियुक्तो व उनके साथियों द्वारा एडिट करके बनाई गई थी।
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