गाजीपुर, जन सामना संवाददाता। हजरत सैय्यद मसऊद गाजी वेलफेयर सोसायटी के तत्वावधान में रविवार को सैय्यदवाड़ा स्थित शाह लगन पैलेस में ’हिन्दी साहित्य में गाजीपुर का योगदान’ विषयक गोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आगाज किसान लेखक डा0 विवेकी राय को श्रद्धांजलि दे कर किया गया। हिन्दी साहित्य एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए सोसायटी द्वारा पांच लोगों को ’सैय्यद मसऊद गाजी सम्मान 2016’ से सम्मानित किया गया। हिन्दी साहित्य के लिए भोपाल के लेखक मकबूल वाजिद, गाजीपुर के साहित्यकार राम अवतार एवं कोलकाता के उपंयासकार सेराज खां ’बातिश’ को हजरत सैय्यद मसऊद गाजी अवार्ड से नवाजा गया। वहीं पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए चन्दौली के एम0 अफसर खां सागर को तथा सामाजिक चेतना जागृत करने के लिए अमरनाथ तिवारी अमर को हजरत सैय्यद मसऊद गाजी सम्मान से सम्मानित किया गया। हजरत सैय्यद मसऊद गाजी अवार्ड से सम्मानित साहित्यकार राम अवतार की लेखनी पर प्रकाश डालते हुए डॉ0 रिचा राय ने कहा कि उनकी रचनाएं जमीन से जुड़ी होती हैं, आम आदमी की पीड़ा को वह बखूबी व्यक्त कर लेते हैं, वह खूब लिखते है और दिलों में हलचल पैदा करते है। मकबूल वाजिद के कलम पर बोलते हुए डॉ0 मसऊद ने कहा कि उनका कलम बड़ा बेबाक है, सच को सच कहने से घबराता नहीं है। वह जो भी लिखते हैं दिल से लिखते हैं और उनके पास जो दिल है वह आम आदमी के लिए धड़कता है। सेराज खां ’बातिश’ की लेखनी पर प्रकाश डालते हुए नर्वदेश्वर राय ने कहा कि इनकी लेखनी दिलों को जोड़ती है। सामाजिक सौहार्द का मूल मंत्र बताती है। वह दिलों में उमड़ने वाले विचारों को बखूबी व्यक्त कर लेते हैं।
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