कानपुर नगर, जन सामना ब्यूरो। उ0प्र0 राज्य महिला आयोग की सदस्य पूनम कपूर ने राजकीय बाल संरक्षण गृह बालिका, स्वरूप नगर में कई बालिकाओं के कोविड-19 के संक्रमण पाये जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए जिला प्रोबेशन अधिकारी से बालिकाओं के संक्रमित होने के संबंध में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने राजकीय बाल संरक्षण गृह बालिका में बची हुई बालिकाओं को कोरोना के संक्रमण से बचाव हेतु साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने तथा उनके रहने वाले कमरों सहित पूरे परिसर को सेनेटाइजेशन कराये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने निर्देशित किया की बालिकाओं के विस्तरों के चादरों को नियमित रूप से बदल कर सफाई आदि की समुचित व्यवस्था की जाये। बालिका गृह में क्षमता से अधिक बालिकायें रह रही है ,इस लिये विशेष सावधानी वरतने की आवश्यकता है। उन्होंने बालिका संरक्षण गृह की अधीक्षका मिथलेश पाल से भी वार्ता कर संरक्षण गृह में सेनेटाइजर, मास्क एवं भोजनालय, शौचालयों आदि में विशेष रूप से सफाई की व्यवस्था कराये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने बालिका संरक्षण गृह में रह रही बालिकाओं तथा कार्यरत सभी स्टाफ का भी कोरोना संक्रमण की जाॅच कराये जाने के संबंध में निर्देश दिये।
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वृक्षारोपण कार्यक्रम की तैयारियों के सम्बंध में मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक सम्पन्न
सम्बंधित अधिकारी पौधरोपण से जुड़ी सभी तैयारियां समय से पूर्ण करा ले-मण्डलायुक्त
प्रयागराज, जन सामना ब्यूरो। मण्डलायुक्त प्रयागराज आर0 रमेश कुमार की अध्यक्षता में गांधी सभागार में मण्डलीय उच्चाधिकारियों के साथ जुलाई माह में होने वाले वृक्षारोपण कार्यक्रम की तैयारियों के सम्बंध में समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। उन्होंने कहा कि इस वर्ष जुलाई माह में पूरे प्रदेश में कुल 35 करोड़ वृक्षारोपण का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि एक दिन में 25 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य भी रखा गया है, जो कि मुख्यमंत्री उ0प्र0 योगी आदित्यनाथ जी के द्वारा जुलाई के प्रथम सप्ताह में किसी एक दिन होना सुनिश्चित है। उन्होंने मण्डल के सभी मुख्य विकास अधिकारियों को निर्देशित किया कि पौधरोपण से सम्बंधित सभी तैयारियां समय से पूर्ण करा ले। उन्होंने पौधरोपण के लिए तैयार किए जाने वाले गड्ढ़ों की जानकारी ली एवं एक-दो दिन के भीतर लक्ष्य को पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि प्रयागराज में इस वर्ष इक्यावन लाख पच्चास हजार पौधरोपण(51,50000) की योजना है। उन्होंने सभी मुख्य विकास अधिकारियों से जिले स्तर पर अपने अधीनस्थ अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ एक बैठक करने के निर्देश दिए।
एनआरडीसी ने नवरक्षक पीपीई सूट के विनिर्माण की तकनीकी जानकारी का लाइसेंस पांच सूक्ष्म व लघु उद्यमों को हस्तांतरित किया
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के उद्यम नेशनल रिसर्च डिवेलपमेंट कारपोरेशन (एनआरडीसी) ने भारतीय नौसेना के मुंबई स्थित आईएनएचएस अस्विनी अस्पताल से संबद्ध इंस्टीट्यूट ऑफ नेवल मेडिसिन के नवाचार प्रकोष्ठ द्वारा विकसित नवरक्षक नामक पीपीई सूट के विनिर्माण की तकनीकी जानकारी का लाइसेंस पांच सूक्ष्म व लघु उद्यमों: मैसर्स ग्रीनफील्ड विनट्रेड प्रा. लि. (कोलकाता), मैसर्स वैष्णवी ग्लोबल प्रा. लि. (मुंबई), मैसर्स भारत सिल्क्स (बेंगलुरु), मैसर्स श्योर सेफ्टी (इंडिया) लि. (बड़ोदरा) और मैसर्स स्वैप्स काउचर (मुंबई) को प्रदान किया है। ये लाइसेंस समूचे देश में गुणवत्तापूर्ण पीपीई किटों की मौजूदा व्यापक मांग की पूर्ति के लिए दिए गए हैं। इन विनिर्माताओं की प्रतिवर्ष 1 करोड़ से ज्यादा पीपीई सूट विनिर्माण की योजना है।
इस पीपीई का परीक्षण और प्रमाणन नाभिकीय औषधि तथा सम्बद्ध विज्ञान (इनमास), रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने किया है। यह प्रयोगशाला उन नौ एनएबीएल अनुमन्य प्रयोगशालाओं में से एक है जिसे भारत में मौजूदा समय में कपड़ा मंत्रालय द्वारा आईएसओ के वर्तमान मानकों और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा कपड़ा मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार पीपीई प्रोटोटाइप सैम्पल टेस्टिंग के लिए अधिकृत किया गया है।
केंद्रीय जल मंत्री ने पश्चिम बंगाल में जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन पर चिंता जताई
जेजेएम के तहत, पश्चिम बंगाल को 2020-21 के लिए 1610 करोड़ रुपये का आवंटन
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत राज्य में कार्यों की धीमी प्रगति पर चिंता व्यक्त की है। प्रधानमंत्री ने पिछले स्वतंत्रता दिवस के भाषण में कहा था कि राज्य जेजेएम योजना को लागू कर रहे हैं जिसका उद्देश्य 2024 तक हर ग्रामीण परिवार को नल कनेक्शन (एफएचटीसी) के माध्यम से पीने का पानी उपलब्ध कराना है। मिशन का लक्ष्य महिलाओं विशेष रूप से लड़कियों को कठिन परिश्रम से छुटकारा दिलाना और उनके जीवन को बेहतर बनाना है।
उत्तराखंड बनेगा ‘हर घर जल राज्य’: केंद्र से मिलेगी बड़ी मदद
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। सरकार अगले चार वर्षों में देश भर के हर गाँव के हर घर तक पर्याप्त मात्रा में साफ पानी पहुंचाने के लिए कृतसंकल्प है। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को लिखे पत्र में आश्वस्त किया है कि केंद्र सरकार उत्तराखंड को 2023 तक ‘हर घर जल राज्य’ बनाने में पूरा सहयोग देगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार जल जीवन मिशन के अंतर्गत आम जन का जीवन बेहतर बनाने के इस महत्वपूर्ण अभियान में राज्यों की पूरी मदद कर रही है।
जल शक्ति मंत्री ने पत्र में बताया कि उत्तराखंड को हर घर में नल से जल पहुंचाने की इस योजना को आगे बढ़ाने के लिए इस वित्त वर्ष में केंद्र की ओर से 362॰57 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। यह राशि वर्ष 2019-20 में इस कार्य के लिए दी गई 170॰53 करोड़ के दोगुने से भी अधिक है। पत्र में बताया गया है कि इस अभियान के लिए राज्य सरकार के पास इस समय इस अभियान के लिए 480.44 करोड़ की बड़ी राशि उपलब्ध है जिसमें राज्य सरकार का अंशदान और पिछले वर्ष उपयोग न लाई जा सकी राशि शामिल है।
पीएम मोदी 20 जून को गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरुआत करेंगे
6 राज्यों के 116 जिलों में 125 दिनों का यह अभियान प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए मिशन मोड में चलाया जाएगा
इस अभियान के तहत रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के साथ ही स्थायी बुनियादी ढांचा तैयार किया जाएगा
गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत 50,000 करोड़ रुपये के सार्वजनिक कार्य कराए जाएंगे
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। वापस आए प्रवासी श्रमिकों और गांव के लोगों को सशक्त बनाने और आजीविका के अवसर प्रदान करने के लिए भारत सरकार ने एक व्यापक ग्रामीण सार्वजनिक कार्य योजना ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ शुरू करने का निर्णय लिया है। पीएम मोदी 20 जून, 2020 को सुबह 11 बजे बिहार के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की मौजूदगी में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम में इस अभियान की शुरुआत करेंगे। यह अभियान बिहार के खगड़िया जिले के ग्राम-तेलिहार, ब्लॉक- बेलदौर से लॉन्च किया जाएगा। आगे पांच अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री और संबंधित मंत्रालयों के केंद्रीय मंत्री भी इस वर्चुअल लॉन्च में भाग लेंगे। कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए 6 राज्यों के 116 जिलों के गांव सार्वजनिक सेवा केंद्रों और कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से इस कार्यक्रम में जुड़ेंगे।
प्रधानमंत्री ने वाणिज्यिक खनन के लिए कोयला ब्लॉकों की नीलामी प्रक्रिया का शुभारंभ किया
भारत ने प्रतिस्पर्धा, पूंजी, भागीदारी एवं प्रौद्योगिकी के लिए कोयला और खनन सेक्टरों को पूरी तरह से खोलने का अहम निर्णय लिया है: प्रधानमंत्री
कोयला सेक्टर में सुधार पूर्वी और मध्य भारत, हमारे जनजातीय क्षेत्र, को विकास स्तंभ बना देंगे: प्रधानमंत्री
‘आत्मनिर्भरता’ एक मजबूत खनन और खनिज सेक्टर के बिना संभव नहीं है: प्रधानमंत्री
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से वाणिज्यिक खनन के लिए 41 कोयला ब्लॉकों की नीलामी प्रक्रिया का शुभारंभ किया। यह दरअसल ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ के तहत भारत सरकार द्वारा की गई अनेक घोषणाओं की श्रृंखला का एक हिस्सा है। कोयला मंत्रालय ने फिक्की के सहयोग से इन कोयला खदानों की नीलामी प्रक्रिया की शुरुआत की है। कोयला खदानों के आवंटन के लिए दो चरणों वाली इलेक्ट्रॉनिक नीलामी प्रक्रिया अपनाई जा रही है।
नरेन्द्र मोदी ने इस अवसर पर कहा कि भारत ‘कोविड-19’ महामारी पर अवश्य ही विजय पाएगा और हमारा राष्ट्र इस संकट को एक अवसर में तब्दील कर देगा। उन्होंने कहा कि इस संकट से भारत ने ‘आत्मनिर्भर’ बनने का सबक सीखा है।
योगेश त्रिपाठी कला के अपने शौक को फिर से पूरा करने में जुटे
योगेश त्रिपाठी यानी हमारे अपने दरोगा हप्पू सिंह के दिलचस्प तकियाकलाम और डायलाॅग सुनकर एण्ड टीवी के ‘हप्पू की उलटन पलटन के दर्शक लोटपोट हो जाया करते हैं। एक बेहतरीन एंटरटेनर होने के अलावा योगेश के अंदर एक कलाकार भी छुपा है। इस लाॅकडाउन के दौरान एक्टर योगेश त्रिपाठी कला के प्रति अपने शौक को दोबारा पूरा करने में जुटे हुए हैं। वह अपना समय बेटे के साथ मिलकर कार्टून कैरेटर्स बनाने में बिता रहे हैं।
इस बारे में बताते हुए योगेश कहते हैं, लाॅकडाउन की वजह से मैं 13 सालों के बाद कला के अपने शौक को दोबारा पूरा कर पा रहा हूं। इसका श्रेय मेरे बेटे दिशू को जाता है। हम दोनों को ही पेंटिंग का बहुत शौक है। स्कूल में यह मेरा पसंदीदा विषय था और कुछ ऐसा ही मेरे बेटे के साथ भी है।
गौ तस्करों का पीछा करते वक्त पुलिस की जीप दुर्घटनाग्रस्त, पांच घायल
हर्ड इम्युनिटी के भरोसे तो पूरा भारत कोरोनामय हो जायेगा -प्रियंका सौरभ
भारत में जैसे-जैसे कोरोना का प्रसार तेज हो रहा है, तो हर्ड इम्यूनिटी को लेकर चर्चा जोर पकड़ रही है। हर्ड इम्यूनिटी यानी अगर लगभग 70-90 फीसद लोगों में बीमारी के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाए तो बाकी भी बच जाएंगे। लेकिन इसके लिए वैक्सीन जरूरी है। क्या कोरोना वैक्सीन की अनुपलब्धता में हर्ड इम्युनिटी अपना काम कर पाएगी?
कोरोना की शुरुआत में ब्रिटेन ने हर्ड इम्यूनिटी का प्रयोग करने की कोशिश की। हालांकि वहां के तीन सौ से अधिक वैज्ञानिकों ने सरकार के इस कदम का विरोध किया और कहा कि सरकार को सख्त प्रतिबंधों के बारे में सोचना चाहिए, ना कि ‘हर्ड इम्यूनिटी’ जैसे विकल्प के बारे में, जिससे बहुत सारे लोगों की जान को अनावश्यक खतरा हो सकता है। मगर ब्रिटेन की सरकार ने कुछ दिनों तक अपने प्रयोग जारी रखे और वहां कोरोना ने भीषण तबाही मचाई।