Saturday, November 23, 2024
Breaking News
Home » Jan Saamna Office (page 81)

Jan Saamna Office

वेदना वृक्ष की…

(आज जब साँस लेने के लाले पड़ रहे हैं तब हमें पता लग रहा है कि, जो असली ऑक्सीजन का स्रोत हैं, वह हमारे वृक्ष ध्वनस्पति हैं। जो अनीति मनुष्य ने की है, परिणाम भी भुगतना तो पड़ेगा। क्या कहता है वृक्ष?)
रचयिता- डाॅ. कमलेश जैन ‘वसंत’, तिजारा
मैं वृक्ष हूँ ‘मनु’ मित्र तेरा, चाहता रहना चिरायु..
रे, मनुज अब भी सम्हल.. मैं हूं तेरी प्राणवायु..
प्रथम युग में कल्पतरु, इस भूमि का दाता बड़ा था..
अहर्निश सब कुछ लुटा, परमार्थ में अर्पित खड़ा था..
मैं ही तेरी औषधि,जीवन मेरा निःस्वार्थ है रे..
छाल-पल्लव, फूल-फल, कण-कण मेरा परमार्थ है रे..
मुझको अपनाकर रहे, आनंदमय ऋषि-मुनि शतायु..
रे, मनुज अब भी सम्हल..मैं हूँ तेरी प्राणवायु..
प्रकृति के सौंदर्य का, मैं ही प्रबल कारण रहा हूँ..
सब रहें नीरोग सुंदर, मैं नियति का प्रण रहा हूँ…
सृष्टिरूपी मल्लिका का, जो सुखद उपहार हूँ मैं..
पशु-पक्षियों का आसरा, वसुधैव का श्रृंगार हूँ मैं..

Read More »

सकारात्मक पहल…

यह सही है कि इस महामारी के दौर में भयानक रूप से संक्रमित हो रहे लोग और उससे भी भयानक मृत्यु के आंकड़ों ने सभी को भयभीत कर रखा है। ऐसे समय में सरकारी व्यवस्थाएं नाकाम साबित हो रही है। लोग बाग बेड, ऑक्सीजन और दवाइयों के लिए परेशान हो रहे हैं। जहां लोग आपदा में अवसर तलाश कर भ्रष्टाचार और कालाबाजारी को बढ़ावा दे रहे हैं, जो मानवता को दरकिनार कर संवेदनहीन होकर सिर्फ अपना लाभ अर्जित कर रहे हैं उन्हें इंसान होने का दर्जा कतई नहीं दिया जा सकता है। उन्हें मानव समाज कभी माफ नहीं करेगा। मगर ऐसे विपत्ति के समय में कुछ ऐसे भी लोग हैं जो मरीजों की सेवा में जी जान से जुटे हुए हैं। इन लोगों के सेवा भाव के कारण इंसानियत पर भरोसा टिका हुआ है।

Read More »

मदर्स डे एक ज़रिया माँ के प्रति सौहार्द भाव जताने का

हर स्त्री माँ बनने के बाद ही खुद को पूर्ण महसूस करती है शिशु का आगमन स्त्री के जीवन को मायने देता है। एक माँ जब पहली बार बच्चे का मुख अपनी हथेलियों में भरती है उस सुख की चरम का वर्णन शायद शब्दों के ज़रिए मुमकिन नहीं। माँ के दिल से दुआओं का समुन्दर उठता है, खुशियों की लहर धसमसती है, आँखें नम होते भी लब मुस्कुरा देते है। अपने बच्चे के सामने दुनिया की हर खुशी बेमानी लगती है। बच्चे में अपनी दुनिया देखती माँ खुद को भी भूल जाती है।
माँ शब्द चिड़ीया के पंख सा या तितली के पर सा कितना मखमली और मक्खन सा मुलायम होता है, फूट पड़ता है बच्चे के मुँह से। माँ को देखते ही बच्चे की आँखों में सुकून और चेहरे पर आत्मविश्वास छलक जाता है। माँ की ममता का शामियाना बच्चे की पूरी दुनिया होता है। माँ के आँचल में बच्चा खुद को महफ़ूज़ महसूस करता है।

Read More »

कोरोना काल में सांसद बगीचे में बिना मास्क करा रहे फोटो, सोशल मीडिया पर फोटो वायरल

इटावा। कोरोना काल में जहां सभी राजनीतिक दलों के राजनेता सांसद, विधायक मास्क व दो गज दूरी को लेकर जनता को जागरूक कर रहे हैं वहीं इटावा के सांसद रामशंकर कठेरिया अपने बगीचे में बिना मास्क के मजदूरों के साथ फोटो शूट करा रहे है।
सांसद फ़ोटो में अपने पास दो मजदूरों को भी बैठाए है और उन मजदूरों के साथ खुद भी काम कर रहे है। जहां अस्पतालों में समस्यांए है मरीज मर रहे है वही सांसद फ़ोटो शूट करवाने में व्यस्त है।

Read More »

राष्ट्रीय राजनीति पर क्या असर डालेंगे चुनावी नतीजे?

चार राज्यों और एक केन्द्रशासित प्रदेश के विधानसभा चुनाव परिणामों का समग्रता से आकलन करें तो जहां केरल और असम में पहले से सत्तारूढ़ दल ही पुनः सत्ता हासिल करने में सफल हुए हैं, वहीं पश्चिम बंगाल में 200 पार का नारा लगाकर सत्ता पाने के लिए मीडिया मैनेजमेंट और साम, दाम, दंड, भेद का इस्तेमाल कर अपनी सारी ताकत झोंकने के बावजूद भाजपा 80 सीटें भी नहीं जीत पाई जबकि तृणमूल कांग्रेस तीसरी बार रिकॉर्ड बहुमत के साथ सत्ता में लौटी है। पुडुचेरी में भाजपा गठबंधन सरकार बनाने में सफल हुआ है लेकिन केरल में उसका खाता तक नहीं खुला और तमिलनाडु में सहयोगी अन्नाद्रमुक के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के बावजूद वह काफी पिछड़ गई, जहां एक दशक बाद जनता ने द्रमुक को शासन संभालने का अवसर दिया है। बहरहाल, इन पांच प्रदेशों के जो चुनाव परिणाम सामने आए हैं, वे आने वाले समय में न केवल इन राज्यों की राजनीति पर बल्कि राष्ट्रीय राजनीति पर भी गहरा असर डालेंगे और सबसे ज्यादा असर पश्चिम बंगाल के चुनावी नतीजों का होगा।

Read More »

किदवई नगर पुलिस ने दी मानवता की मिसाल

कानपुर। यूपी पुलिस की मानवता एक बार फिर दिखी, कानपुर के किदवई नगर निवासी मृतक किशन लाल खण्डेलवाल निवासी 132 एन ब्लॉक किदवईनगर, (85 वर्ष) लगभग मृत्यु की सूचना मिलने पर नगर निगम के अधिकारियों को सूचित किया गया। अंतिम संस्कार के लिए मृतक के मोहल्ले व परिजन सहित किसी के न आने पर मृत शरीर के अंतिम संस्कार हेतु मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए राजीव सिंह प्रभारी निरीक्षक किदवई नगर और उप निरीक्षक सूर्यबली यादव, उपनिरीक्षक रवि शंकर पांडे, कांस्टेबल दिलीप कुमार, हेड कांस्टेबल चालक तारा सिंह और यश ट्रेन के सम्मानित सदस्य रोहित तिवारी, अनुराग सिंह आदि के सहयोग से शव के अंतिम संस्कार के लिए व्यवस्था कर बिठूर घाट ले जाया गया और विधि-विधान से अंतिम संस्कार किया गया।

Read More »

शिवम सुरेश नांदवाल के लिए दुनिया उसका कैनवास है

हिसार की रहने वाली लेखिका और रेडियो एंकर उनकी माँ बिदामो देवी ने अभिभावकों से आह्वान किया कि वे अपने बच्चों में रचनात्मकता को सही माहौल प्रदान करके और उनके जुनून में शामिल होने की अनुमति दें। “हर छोटे से प्रोत्साहन से बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ता है। हमें अपने बच्चों के लिए घर में सकारात्मक माहौल बनाना चाहिए। शिवम के चित्रों से मुझे उम्मीद है कि समय बेहतर होगा, ”उन्होंने कहा।
कई छात्रों की तरह लार्ड शिवा हाई स्कूल, लुदास, हिसार के एक छात्र शिवम सुरेश नांदवाल (12) को भी अपने मित्रों और स्कूल से अलग होना पड़ा जब स्कूल लगातार दूसरी बार नहीं खुले। वह उन अनगिनत बच्चों में से एक है जिन्हें स्कूल जाने वाले छात्रों के साथ-साथ परस्पर मित्रता एवं विश्‍वास की भावना पर भी हारना पड़ा है। लेकिन उन्होंने एक अंतर बनाने के लिए चुना और लॉकडाउन की गिनती को चैलेंज कर दिया।

Read More »

मेडिकल संसाधनों का तात्कालिक सुचारू रुप से रणनीतिक उपयोग करना महत्वपूर्ण

प्राण बचाने वाले महत्वपूर्ण मेडिकल संसाधन, ऑक्सीजन, वैक्सीन, दवाई के वेस्टेज पर अत्यंत सूक्ष्म निगरानी रखना बहुत जरूरी – एड किशन भावनानी
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और 130 करोड़ की विशाल जनसंख्या वाले भारत देश में कोरोना महामारी का जबरदस्त आघात और संक्रमण के तीव्रता से बढ़ने के प्रभाव को नियंत्रित करने पूरा विश्व आज भारत के साथ कदम से कदम मिलाकर खड़ा है। हालांकि यह महामारी पिछले वर्ष 2020 में भी भारत में फैली थी परंतुअपेक्षाकृत संक्रमण तीव्रता कम रहने और राष्ट्रीय लॉकडाउन सहित अन्य सुरक्षात्मक कदम उठाए गए औरकुछ हदतक कोरोनामहामारी काबू में आई। परंतु वर्ष 2021 के शुरू से ही महामारी का तीव्र गति से आघात हुआ और संभलने का मौका तक नहीं दिया और संक्रमण तीव्रता से फैलता चला गया। जिस में अपेक्षाकृत मेडिकल संसाधनों की कमी आन पड़ी और स्थिति नाजुक बनी।

Read More »

पुलिस और प्रेमकथा : करोना काल में आते समाचार – वीरेन्द्र बहादुर सिंह

वर्दी और दर्दी को समझना आसान नहीं है। एक बच्चे ने पूछा, “पापा, पुलिस हमेशा चोरी हो जाने के काफी देर बाद क्यों आती है?”
पापा ने कहा, “बेटा कपड़े बदल कर आने में समय तो लगता है न।”
वैसे तो यह पुराना पाकिस्तानी जोक है। पर हर पुलिस वाला खराब या बेरहम नहीं होता। इस समय मुंबई पुलिस और उद्धव सरकार सचिन वाझे नामक एनकाउंटर स्पेसलिस्ट की वजह से काफी बदनाम हो रही है। क्योंकि मुकेश अंबानी के घर के पास गाड़ी में रखा गया विस्फोटक और उसके बाद गाड़ी मालिक की हत्या के बाद अनेक सवाल उठ खड़े हुए हैं। पर उसी मुंबई पुलिस ने कोरोना काल में गजब की सरप्राइज दी है। मुंबई पुलिस ने जो काम कर दिखाया है, उसके बाद तो लाखों लोगों का दिल आफरीन हो गया। हुआ यह कि मुंबई मे कार से आने जाने के लिए लाल, पीला या हरा स्टिकर दिया गया है, जिससे जरूरतमंद लोग ही बाहर आ-जा सकें। फालतू लोग कार लेकर बाहर न निकल सकें। इससे लोगों को भ्रम हो रहा है कि किसकिस को यह स्टिकर मिल सकता है?

Read More »

पीपल बरगद नीम की छइयां, मीठे पानी की कुइयां कोरोना महामारी ने याद दिलाए पुराने दिन

महामारी कोरोना की भयावहता के चलते हीरो से लोग गांव के लौटने लगे एक बार फिर लोगों को भूले बिसरे गांव याद आने लगे याद आने लगा है गांव का वह बचपन, घर का कच्चा आंगन बाबा दाई और घर के बाहर बंधी गाय। याद आने लगे आम के बाग उसमें कूकती कोयल, नीम व बरगद की छांव। हम कितने प्रगतिशील व आधुनिक हो गए हैं। कोरोना ने उसकी पोल खोल दी है। महामारी से परेशान होकर अपनी जड़ों को तलाशते हुए लोग गांव वापस आ रहे हैं। शायद उन्हे गांव की अहमियत का अहसास हो गया है। पेड़ चाहे जितना बड़ा हो जाए उसका जड़ो से जुड़े रहना जरूरी है। पतंग आसमान को छू ले लेकिन उसका अपने कन्ने से जुड़ा रहना जरूरी है।

Read More »