⇒बागपत के कंडेरा गांव के रहने वाले है केपी सिंह
बागपत। आज कुलाधिपति एवं राज्यपाल आनंदी बेन पटेल द्वारा महात्मा ज्योतिबा फूले रोहिलखंड विश्वविद्यालय बरेली के वर्तमान कुलपति प्रोफेसर के पी सिंह को कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से तीन वर्ष हेतु कुलपति नियुक्त किया गया है। प्रोफेसर के पी सिंह गोविंद बल्लभ पन्त कृषि एवम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मे विज्ञान एवम मानविकी कालेज मै जैव भौतिकी के प्रोफेसर है तथा बागपत जिले की छपरोली विधान सभा के कडेरा गांव के निवासी एवम स्वर्गीय सुखवीर सिंह के सुपुत्र है। इनकी प्रारम्भिक शिक्षा गांव की अहलावत चोपाल से हुई तथा माध्यमिक शिक्षा बामनोली व बडोत से कर उच्च शिक्षा के लिए ये अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय मे चले गये। प्रोफेसर सिंह 11 देशो के विश्वविद्यालयो मे अपनी सेवा दे चुके हैं। इससे पूर्व प्रो सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार तथा महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय करनाल के कुलपति रह चुके हैं। यह समाचार मिलते ही रोहिलखंड विश्वविद्यालय बरेली के शिक्षकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों आदि के द्वारा कुलपति को शुभकामनाए प्रेषित की गई। विदित हो कि कुलपति प्रोफेसर के पी सिंह द्वारा दिनांक 17/08/2020 कुलपति के रूप में कार्यभार ग्रहण किया गया था। विगत 03 वर्षाे में उनके द्वारा रोहिलखंड विश्वविद्यालय बरेली को हरेक क्षेत्र में अभूतपूर्व सफलता प्राप्त हुई हैं। उनके द्वारा विश्विद्यालय में अनेक महत्वपूर्ण कार्य किये गए। एमजेपी रोहिलखंड विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू करने वाला पहला राज्य विश्वविद्यालय कुलपति के द्वारा बनाया गया। प्रभावशाली शैक्षणिक सुधार किए गए हैं जहां 2021 और 2022 में रिकॉर्ड संख्या में बी.ओ.एस.(पाठ्य समिति) आयोजित किए गए थे, जहां यूजी और पी जी के सभी पाठ्यक्रमों को एनईपी-2020 के अनुरूप संशोधित किया गया था। शैक्षणिक और अनुसंधान वातावरण को बढ़ाने पर विशेष जोर दिया गया है। विश्वविद्यालय ने 14 संघटक सरकारी कॉलेजों को गोद लिया है और उनका अधिग्रहण किया है, जो किसी भी राज्य विश्वविद्यालय में सबसे अधिक संख्या है। कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और एमओयू स्थापित किए गए हैं। हाल के दिनों में कोरोना महामारी जैसी चुनौतियों से निपटने और समाधान के लिए ऑनलाइन शिक्षण और शिक्षण को बढ़ावा दिया गया है। रोहिलखंड इन्क्यूबेशन फाउंडेशन का उद्घाटन राज्यपाल/कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल द्वारा किया गया। एक पंजीकृत पूर्व छात्र संघ (एलुमिनी) का गठन किया गया और पूर्व छात्रों की बैठकें नियमित रूप से आयोजित की गईं। अनुसंधान निदेशालय का उद्घाटन राज्यपाल/कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल द्वारा किया गया। विश्वविद्यालय में अटल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सेंटर की स्थापना की गई है। महिला अध्ययन उत्कृष्टता केन्द्र की स्थापना की गई है। एक कंसल्टेंसी सेल की स्थापना की गई है और कंसल्टेंसी नीति तैयार, अनुमोदित और कार्यान्वित की गई है। विश्वविद्यालय ने छात्रों को ’सीखते समय कमाओ’ की अवधारणा को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया और इस प्रक्रिया में आतिथ्य, कानूनी परामर्श, सूचना और प्रौद्योगिकी, वृक्षारोपण और स्वास्थ्य क्षेत्र के क्षेत्रों में विभिन्न प्रयोगात्मक शिक्षण समूह स्थापित किए गए हैं जो पूरी तरह से हैं प्रभावी और कार्यात्मक है। पिछले दो वर्षों में संकाय सदस्यों को रिकॉर्ड संख्या में 2.0 करोड़ रुपये की अनुसंधान एवं विकास परियोजनाएं और उत्कृष्टता केंद्र परियोजनाएं प्रदान की गई हैं। विश्वविद्यालय ने हाल ही में एक मील का पत्थर हासिल किया जहां इसे विश्व शिक्षा में राज्य में दूसरा स्थान दिया गया। एडू रैंकिंग जो एक स्वतंत्र रैंकिंग है जो स्वतरू उत्पन्न होती है और रैंकिंग में भागीदारी के लिए किसी आवेदन की आवश्यकता नहीं होती है। एक छात्र केंद्रित विश्वविद्यालय छात्र सहायता केंद्र (यूएसएससी)ष्स्थापित किया गया है जहां छात्रों से संबंधित सभी सेवाएं ई डीएसडब्ल्यू, एनएसएस, चीफ प्रॉक्टर और एनएसएस से संबंधित सेवाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराई गई हैं। खेल सुविधाओं को मजबूत और उन्नत किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप खेल परिसर सभी राज्य विश्वविद्यालयों में किसी से पीछे नहीं है। कोरोना महामारी के कारण पटरी से उतर गये शैक्षणिक कैलेंडर को नियमित करने का प्रयास किया गया है। विश्वविद्यालय द्वारा कई राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय अंतर विश्वविद्यालय-एथलेटिक और खेल कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। अंतर्राष्ट्रीय संबंधों की संरचना और विदेशी छात्रों को आकर्षित करने के लिए एक पूर्ण विकसित अंतर्राष्ट्रीय संबंध निदेशालय की स्थापना की गई है।अत्यधिक उन्नत और ऑनलाइन अनुसंधान प्रबंधन प्रणाली स्थापित की गई है जहां पीएचडी पर्यवेक्षकों, पीएचडी से संबंधित सभी विवरण उपलब्ध हैं। थीसिस, प्रकाशन, परियोजनाएं, एमओयू आदि पोर्टल पर उपलब्ध हैं। ऑनलाइन थीसिस मूल्यांकन ने थीसिस मूल्यांकन की प्रक्रिया को निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा करने में सक्षम बनाया है। अत्यधिक उन्नत और ऑनलाइन अनुसंधान प्रबंधन प्रणाली स्थापित की गई है जहां पीएचडी से संबंधित सभी विवरण उपलब्ध हैं। पर्यवेक्षक, पीएच.डी. थीसिस, प्रकाशन, परियोजनाएं, एमओयू आदि पोर्टल पर उपलब्ध हैं। ऑनलाइन थीसिस मूल्यांकन ने थीसिस मूल्यांकन की प्रक्रिया को निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा करने में सक्षम बनाया है। कुलाधिपति/राज्यपाल द्वारा वैधानिक प्रावधान के बाद सत्र 2022-23 से विश्वविद्यालय परिसर में विभिन्न नये शैक्षणिक कार्यक्रम प्रारंभ किये गये हैं। विश्वविद्यालय परिसर और उसके संबद्ध डिग्री कॉलेजों के बीच अंतर को पाटते हुए प्रशासन में सुधार कुलपति जी द्वारा किए गए। कई वर्षों के अंतराल के बाद विश्वविद्यालय की वेबसाइट का पुनर्गठन एवं उन्नयन। विश्वविद्यालय में पहली बार महिला शिकायत प्रकोष्ठ स्थापित किया गया है। विश्वविद्यालय ने सभी खरीद Gem पोर्टल के माध्यम से करके एक पारदर्शी खरीद प्रक्रिया स्थापित की है और अनुमोदन के बाद एक निष्पक्ष खरीद नीति तैयार और लागू की गई है। शिक्षक कल्याण निधि (टीडब्ल्यूएफ) के माध्यम से संकाय सदस्यों को वित्तीय सहायता के लिए एक पारदर्शी और निष्पक्ष नीति विकसित की गई है, जहां पहली बार अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में पेपर प्रस्तुत करने वाले शिक्षकों को वित्तीय सहायता की अनुमति देने का प्रावधान किया गया है। विदेश में सेमिनार। स्वस्थ कार्य संस्कृति विकसित करने के उद्देश्य से संकाय सदस्यों को समर्थन और प्रोत्साहित करने के लिए प्रोत्साहन नीति तैयार की गई है। कचरा प्रबंधन के लिए पूरा सिस्टम लगाया गया है. लगभग 10 हेक्टेयर भूमि को कवर करते हुए पूरी तरह कार्यात्मक सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली स्थापित की गई है। संकाय सदस्यों को प्रोत्साहित करने और प्रशंसा के प्रतीक के रूप में ’शिक्षक सम्मान पुरस्कार’ की स्थापना की गई, जो 2021 से हर साल शिक्षक दिवस पर योग्य संकाय सदस्यों को प्रदान किया जा रहा है। पर्यावरण की रक्षा के लिए और हरित परिसर को प्रदूषण से मुक्त बनाने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया गया है और इसका पूर्ण विकास किया गया है। कुलपति प्रोफेसर के पी सिंह के सफल नेतत्व में रोहिलखंड विश्वविद्यालय बरेली को नैक मूल्यांकन में A++ ग्रेड प्राप्त हुआ है। रोहिलखंड विश्वविद्यालय बरेली द्वारा बी एड प्रवेश परीक्षा को बिना किसी समस्या के पूर्ण कराया गया। कुलपति के उपरोक्त कार्यों की महामहिम कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा भी समय समय पर प्रशंसा की गई हैं। कुलपति प्रो के पी सिंह द्वारा रोहिलखंड विश्वविद्यालय बरेली हेतु किए गए उपरोक्त अतुलनीय योगदान को संज्ञान में रखते हुए राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल द्वारा उन्हें तीन वर्षाे का एक कार्यकाल प्रदान किया गया है जिससे रोहिलखंड विश्वविद्यालय उत्तरोतर प्रगति कर नित्य नए कीर्तिमान स्थापित कर सके।