बागपत: संवाददाता। उत्तर प्रदेश के बागपत में तितरौदा गांव के लेखपाल को वरासत में नाम न दर्ज करने व कार्यों में लापरवाही उजागर होने पर जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
जिलाधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य कार्यक्रम निर्विवाद वरासत खतौनी दर्ज अभियान कार्यक्रम जनपद में चलाया गया था जिसके अंतर्गत तितरोदा के लेखपाल रामपाल यादव ने मृतक के परिजनों का वरासत में नाम दर्ज नहीं किया था। इससे मृतक श्री राम की पत्नी विद्या देवी काफी समय से परेशान थी। शनिवार को प्रार्थिनी तहसील संपूर्ण समाधान दिवस बड़ौत में जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह के समक्ष पहुंची। प्रकरण को देखकर जिलाधिकारी ने लेखपाल के कार्यों के प्रति लापरवाही को देखते हुए तत्काल एसडीएम बड़ौत सुभाष कुमार को निलंबित करने के आदेश दिए।
उन्होंने कहा कि जो लेखपाल वरासत समय से नहीं चढ़ा सकता वह लेखपाल रहने योग्य ही नहीं है। लेखपाल रामपाल यादव की लापरवाही को देखते हुए तत्काल उसे निलंबित कर दिया गया। मृतकों के परिजनों के वरासत के आधार पर नाम खतौनी में दर्ज नहीं होने पर जिलाधिकारी ने संबंधित तहसीलदार से भी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने संबंधित लेखपाल की लापरवाही को देखते हुए उसके खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिए। जिसकी तहत एसडीएम बड़ौत द्वारा लेखपाल रामपाल यादव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।मृतक श्री राम की पत्नी विद्या देवी के प्रार्थना पत्र का तहसील संपूर्ण समाधान दिवस में संज्ञान लिया गया और तत्काल वरसात खतौनी में चढ़वा दी गई। मृतक श्री राम की पत्नी विद्या देवी को अपना नाम खतौनी में दर्ज देखकर अत्यंत प्रसन्न हुई और उन्होंने जिलाधिकारी का आभार व्यक्त किया।
जिलाधिकारी ने राजस्व विभाग की टीम को सख्त निर्देश दिए हैं कि निर्विवाद स्थिति में मृतक के परिजन का नाम खतौनी में 13 दिन के अंदर दर्ज हो जाना चाहिए जिससे कि किसी को खतौनी का नाम चढ़ाए जाने के लिए परेशान नहीं होना पड़े।
इस अवसर पर एसडीएम सुभाष कुमार व तहसीलदार बड़ौत उपस्थित रहे।
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