मथुरा। गोवर्धन पर्वत उठाते कान्हा, पर्वत के नीचे ब्रज के ग्वाल और ग्वालिन, कान्हा के समीप गोवंशी और मोर, हाथ जोड़े शरणागत इंद्रदेव, दानघाटी मंदिर इन 22 मूर्तियों से ब्रज भूमि के आकर्षण को अपने आंगन में समेटे है। दानघाटी मंदिर प्रबंधन ने मंदिर के ऊपर सजी क्षतिग्रस्त मूर्तियों को हटाकर, नई मूर्तियां लगवा दी हैं। जल्द ऐरावत हाथी की मूर्ति भी इस भव्यता का हिस्सा बनेगी। दानघाटी गिरिराज जी के मंदिर पर सजी ये मूर्तियां गोवर्धन के इतिहास का यशोगान करती नजर आती हैं। पूर्व में मूर्तियां तो लगी थीं, परंतु मूर्तियां क्षतिग्रस्त हो चुकी थीं। इंद्रदेव के बिना गोवर्धन की तस्वीर भी अधूरी नजर आती थी। मंदिर प्रबंधन से जुड़े ओम प्रकाश शर्मा ने बताया कि खंडित मूर्तियों को हटाकर नई मूर्तियां लगवा दी गई हैं। यह कार्य कोलकाता की एजेंसी से कराया गया है। जिसमें करीब 18 लाख रुपये की लागत आई है। पहले इंद्रदेव की मूर्ति नहीं थी। इस बार शरणागत इंद्रदेव की मूर्ति भी लगाई गई है। कान्हा की गोवर्धन लीला ऐरावत के बिना अधूरी है। इस लिए भक्तों के सुझाव पर ऐरावत हाथी भी जल्द लगाया जा रहा है। ये मूर्तियां गिरिराज जी की महिमा का गुणगान करते हुए, भक्तों को धार्मिक इतिहास की जानकारी दे रही हैं। मंदिर की भव्यता बड़ाने में मंदिर व्यवस्था से जुड़े शैलेंद्र, सतीश कुमार शर्मा, अशोक कुमार शर्मा, ईश्वर चंद शर्मा, उमा शंकर गर्ग, ओम प्रकाश शर्मा का सहयोग है।