पवन कुमार गुप्ताः रायबरेली। विजयादशमी पर एनटीपीसी ऊंचाहार परियोजना के आवासीय परिसर के स्टेडियम में बांस और पेपर से बना हुआ करीब 70 फीट ऊंचे रावण को और साथ ही कुंभकर्ण एवं मेघनाद को भी खड़ा किया गया। कारीगरों ने पुतले में इलेक्ट्रिक लाइट , मोटर भी फिट कर रखी थी, जिसकी आंख और मुंह खुलते और बंद होते रहे जिसकी वजह से यह पुतले बिल्कुल सजीव और आकर्षक दिख रहे थे। विधवत के पूजन और मुहूर्त के अनुसार रावण और उसके भाइयों के पुतले का दहन हुआ। इससे पूर्व भगवान राम और रावण में भीषण युद्ध हुआ आखिरकार रावण के अहंकार के कारण सत्य और धर्म के रास्तों ने उससे मुंह मोड़ लिया और अंत में बुराई पर अच्छाई की जीत हुई, अधर्म पर धर्म की विजय प्राप्त हुई।
बता दें कि एनटीपीसी ऊंचाहार में आज रावण दहन के साथ ही दशहरा मेला भी संपन्न हुआ। सत्तर फिट ऊंचे रावण, कुंभकर्ण एवं मेघनाद के पुतलों का दहन हुआ। परियोजना प्रमुख मनदीप सिंह छाबड़ा ने किया सभी कलाकारों को सम्मानित किया। साथ ही विशाल आतिशबाजी के प्रदर्शन को देखकर हजारों लोग साक्षी बने। दशहरा का पर्व प्रत्येक वर्ष आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है, इसलिए इस त्यौहार को विजयादशमी भी कहते हैं।
मेले की सुरक्षा व्यवस्था केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवानों एवं स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम की देखरेख में रही। सड़क से लेकर आम रास्तों तक चारों तरफ सीसीटीवी से निगरानी की जा रही थी। मेला परिसर में बना कंट्रोल रूम लगातार लोगों को सुरक्षा का एहसास दिलाता रहा, माइक पर लगातार मेला कमेटी के सदस्यों द्वारा अलाउंसमेंट की जा रही थी। ग्रामीण क्षेत्र और दूरदराज आए लोगों ने 10 दिन तक एनटीपीसी के आवासीय परिसर में लगे मेले का भरपूर आनंद लिया। मेले में आए लोगों का उत्साह और उमंग, मेला परिसर में की गई व्यवस्थाओं का सुखद एहसास करा रही थी और ऐसे आयोजन की रूपरेखा तैयार करने के लिए मेला कमेटी और एनटीपीसी प्रबंधन का मनोबल भी बढ़ा रही थी। इस तरह नवरात्रि के प्रथम दिन से लेकर आज दशहरा मेला भी सकुशल सम्पन्न हुआ।