Sunday, November 24, 2024
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बागपत: आठ ब्रह्मचारियों ने ली दिगंबर जैन मुनि की दीक्षा

बागपत। उत्तर प्रदेश के बागपत में जैन नगरी के रूप में विख्यात बड़ौत नगर में आज आठ युवा ब्रह्मचारियों ने दिगंबर जैन मुनि की दीक्षा ली। इस ऐतिहासिक व आध्यात्मिक क्षण की एक झलक पाने को देश के कोने कोने से आए हजारों की संख्या में श्रद्धालु समारोह में शामिल होकर दिगंबर जैन मुनि दीक्षा के साक्षी बने।
बुधवार का दिन बड़ौत नगर के लिए ऐतिहासिक व अविस्मरणीय रहेगा। दरअसल, दिगंबर जैन मुनि व राजकीय अतिथि से सम्मानित दिगंबर जैन संत आचार्य श्री 108 विशुद्ध सागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य में बुधवार को आठ बाल ब्रह्मचारियों ने नगर के दिगंबर जैन कॉलेज के सी फील्ड में बनाएं गए एक विशाल पांडाल में मुनि दीक्षा ली।
मीडिया प्रभारी वरदान जैन के अनुसार, दीक्षा महोत्सव से पूर्व सुबह सभी आठ दीक्षार्थियों का मुनि संघ के सहयोग से केश लोच हुआ। उसके बाद उन्हें अमृत स्नान कराया गया। दोपहर में ठीक 12 बजकर 27 मिनट पर हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ के मध्य आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज द्वारा दिव्य मंत्रो की ध्वनि के बीच दीक्षार्थियों को दीक्षा पाठ पढ़ाया गया। दीक्षार्थियों ने गुरु आज्ञा पाकर अपने सभी वस्त्र उतार दिगंबर रूप धारण किया।
मीडिया प्रभारी वरदान जैन ने बताया कि दीक्षा ग्रहण करने के बाद सिद्धम निवासी रूर, विपुल निवासी भिंड, हिमांशु निवासी भिंड, हार्दिक निवासी इंदौर, राजेश निवासी ललितपुर, विपुल निवासी छतरपुर, तन्मय निवासी जबलपुर और अंकुर निवासी छतरपुर सभी आठों युवा दिगम्बर मुनि बन गए।समारोह में मंगलाचरण मुनि यशोधर सागर जी महाराज और मुनि श्री निर्ग्रंथ सागर जी महाराज ने किया। आचार्य श्री विराग सागर जी के चित्र का अनावरण का सौभाग्य जम्बू प्रसाद जैन और सजल जैन को प्राप्त हुआ। दीप प्रज्वलन प्रवीण जैन, सुनील जैन, दीपक जैन पाटनी और अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य धन कुमार मुंडे द्वारा किया गया। चौक पूरण दीक्षार्थियों की माताओं उषा जैन, शशि, मधु, रेखा, मानसी, उषा, विभा, ममता द्वारा किया गया। पाद प्रक्षालन रितेश जैन रायपुर द्वारा किया गया। शास्त्र भेंट दीक्षार्थियों के धर्म की माताओं रेखा जैन, अर्चना, डिंपल,अनीता, श्रद्धा, अलका, कृष्णा, एकता द्वारा किया गया। संचालन पंडित श्रेयांस जैन ने किया। दीक्षा महोत्सव में मध्य प्रदेश से आए संगीतकार राहुल जैन ने सुंदर भजन प्रस्तुत किये। समारोह में सांसद सत्यपाल सिंह, प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री कृष्णपाल मलिक, नगर पालिका परिषद की चेयरपर्सन के पति अश्वनी तोमर, पूर्व चेयरमैन अमित राणा, अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य धन कुमार मुंडे आदि गणमान्य व्यक्तियों के अलावा कलकत्ता, रायपुर, महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली आदि अनेक स्थानों से हजारों की संख्या में व्यक्ति उपस्थित थे।
इस अवसर पर जैन मुनि आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज ने कहा, हस्तिनापुर में तीन तीर्थंकर भगवान शांति, कुंथु, अरनाथ के कल्याणक हुए हैं, बड़ौत नगर भी उसी स्थान पर आता है। बहता पानी निर्मल होता है। दिगंबर साधु भी एक स्थान से दूसरे स्थान पर विचरण करते हैं और धर्म प्रभावना करते है। उन्होंने कहा कि दिंगबर मुनि का आकाश ही वस्त्र होता हैं। आचार्य श्री ने दीक्षार्थियों को शिक्षा देते हुए कहा कि बिना गुरु आज्ञा के कही भी विहार नही करना है। एकल विहार नही करना है। महिलाओं से दूर रहे। जो भी तुम्हें एक समय आहार मिले, उसी में संतुष्ट रहना है। मोबाइल, पंखे आदि सुख सुविधाओं से दूर रहकर संयम की आराधना करनी है। आचार्य श्री ने कहा कि भारत वह स्थान है, जहाँ पर मिसाइल ना दागकर युद्ध में दूसरे देशों को सहायता भेजी जाती है। उसी भारत की पावन भूमि में सभी दीक्षार्थियों को भगवान आदिनाथ और महावीर की परंपरा पर आगे बढ़ना है। मोक्ष मार्ग की ओर आगे बढ़ते हुए और जगत कल्याण की भावना रखते हुए जैन तीर्थंकरों के बताये मार्ग पर आगे बढ़ना है। इस अवसर पर हजारों श्रद्धालु उपस्थित रहे।
ये हुआ नामकरण संस्कार:
ब्रह्मचारियों के नामकरण संस्कार के बाद बने मुनि, सिद्धम भैया बने मुनि श्री सिद्ध सागर,
विपुल भैया भिंड बने मुनि श्री सिद्धार्थ सागर, हिमांशु भैया बने मुनि श्री सहर्ष सागर, हार्दिक भैया बने मुनि श्री सत्यार्थ सागर, राजेश भैया बने मुनि श्री सार्थक सागर, विपुल भैया छतरपुर बने मुनि श्री सार्थ सागर, तन्मय भैया बने मुनि श्री समकित सागर व अंकुर भैया बने मुनि श्री सम्यक सागर।
समारोह में रही इनकी उपस्थिति :
समारोह में बड़ौत दिगंबर जैन समाज समिति के अध्यक्ष प्रवीण जैन, संयोजक सुनील जैन तेल वाले, अतुल जैन पूर्व प्रधान, सुभाष जैन बीड़ी वाले, दिनेश जैन, सतीश जैन, आलोक मित्तल, बालकिशन जैन, प्रदीप जैन,पंकज जैन, रोहित स्नेही, नवीन सर्राफ, सतीश सर्राफ, सुनील जैन,अशोक जैन, विपिन जैन, राजेश जैन,धन कुमार जैन, धनेंद्र जैन, सुदेश जैन, वकील चंद जैन, विनोद जैन, राकेश जैन, नीरज जैन,मनोज जैन,पुनीत जैन, विवेक जैन, नरेंद्र राजकमल, राजेश भारती, सुरेंद्र जैन, शिखर चंद जैन, संजय जैन, सतीश जैन तथा बड़ौत की सभी 9 मन्दिर कमेटी, स्थानवासी कमेटी, नमोकर महामंत्र प्रचार समिति, जैन मिलन परिवार, बड़े बाबा युवा समिति, जैन तीर्थ यात्रा समिति और संघ, विमर्श जागृति मंच, पंच परमेष्ठी प्रचार समिति, आदिनाथ सेवा संघ, आदिनाथ भक्तामर प्रचार संगठन, भारत विकास परिषद, आदि संस्थाओ के पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित थे।
-विश्व बंधु शास्त्री