नयी दिल्ली: कविता पंत। दिल्ली शराब घोटाला मामले में तलब किए जाने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश नहीं हुये।
केजरीवाल ने ईडी को पत्र लिखकर कहा कि उसका नोटिस गैर कानूनी है और राजनीति से प्रेरित है। उसने भारतीय जनता पार्टी के कहने पर नोटिस भेजा है। नोटिस इसलिए भेजा गया ताकि वह चार राज्यों में चुनाव प्रचार न कर पायें। उन्होंने ईडी से तुरंत नोटिस वापस लेने का आग्रह किया है।
इस बीच केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान मध्य प्रदेश के सिंगरौली चले गये जहां वे एक चुनावी रैली को संबोधित करेंगे और एक रोड शो करेंगे।
केजरीवाल ने उन्हें जारी किए गए ईडी के समन की वैधता पर सवाल उठाते हुये कहा, ‘यह साफ नहीं है कि आपने मुझे किस नाते समन भेजा है, एक गवाह के तौर पर या फिर संदिग्ध के तौर पर, समन में ब्यौरा भी नहीं दिया गया। यह भी नहीं बताया गया कि मुझे व्यक्तिगत तौर पर बुलाया गया है या फिर मुख्यमंत्री के तौर पर या फिर आम आदमी पार्टी के मुखिया के तौर पर। जिस दिन ईडीद्वारा समन जारी किया गया उसी दिन भाजपा नेताओं ने बयान देना शुरू किया कि मुझे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।’
उन्होंने कहा, “मेरी छवि को खराब करने के लिए 30 अक्टूबर की शाम को भाजपा नेताओं को ईडीका समन लीक किया गया। 30 अक्टूबर की दोपहर भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने बयान दिया था कि मुझे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। मैं दिल्ली का मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी का राष्ट्रीय संयोजक हूं और पांच राज्यों में चुनाव होने हैं जहां प्रचार करने के लिए मैं स्टार प्रचारक हूं। मुझे इन राज्यों में यात्रा करनी है और अपने कार्यकर्ताओं को राजनीतिक मार्गदर्शन देना है। मुझ पर प्रशासनिक और आधिकारिक जिम्मेदारियां हैं जिसके लिए मेरी उपस्थिति आगामी दिवाली के दौरान भी आवश्यक है।”ईडी के समन पर सीएम केजरीवाल के कड़े जवाब के बाद अब चर्चाएं शुरू हो गई हैं कि ईडी का अगला कदम क्या होगा। ईडी के दूसरा समन जारी करने की बात सामने आ रही है लेकिन इसी के साथ गिरफ्तारी की चर्चा भी चल रही है। कहा जा रहा है कि अगर केजरीवाल ईडी के सामने पेश नहीं होते हैं तो ईडी अपनी ताकत का इस्तेमाल कर सकती है।
समन पर न पहुंचने पर क्या ईडी केजरीवाल को गिरफ्तार कर सकती है। इन सवालों का जवाब ईडी की ताकत और उसे दिए गए अधिकारों में छिपा है। एजेंसी के पास मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपियों के खिलाफ संपत्ति और उनके धन को जब्त करने-गिरफ्तारी करने के अधिकार हैं। ईडी गैरकानूनी वित्तीय कार्यों पर कार्रवाई कर सकती है। पीएमएलए के तहत ईडी को संपत्ति जब्त करने, छापा मारने और गिरफ्तारी का अधिकार है। ईडी की ताकत अंदाजा इससे भी लगा सकते हैं कि एजेंसी पूछताछ के बिना भी संपत्ति जब्त कर सकती है।