Monday, November 25, 2024
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एनटीपीसी के स्थापना दिवस की शाम को कवियों ने बनाया यादगार

पवन कुमार गुप्ताः रायबरेली। एनटीपीसी के स्थापना दिवस के अवसर पर ऊंचाहार परियोजना में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। परियोजना प्रमुख मनदीप सिंह छाबड़ा तथा प्रियदर्शिनी महिला क्लब की अध्यक्षा तरुणा छाबड़ा की गरिमामयी उपस्थिति में दीप प्रज्वलित करके कवि सम्मेलन की अलख जगाई गई। श्रृंगार की कवयित्री शशि श्रेया की सरस्वती वंदना के साथ काव्य की धारा जब प्रवाहित हुई तो श्रोताओं के अथाह सागर में कविता का मर्म इस तरह हिलोरे लेता नज़र आया, मानो एनटीपीसी की यह शाम केवल और केवल कविता के नाम के रूप में स्थापित हो गई हो। ‘मां की नज़र बचाकर छत पर जाने वाले लड़के, उलझे घुंघराले बालों में सुलझे-सुलझे लड़के, कॉलेज के हीरों पर घर में सहमें-सहमें लड़के – बड़े बावले लगते हैं जब प्यार में होते हैं।’
शशि श्रेया ने लड़कों के तथाकथित प्रेम के इज़हार से लड़कियों को आगाह करते हुए जब अपनी उक्त रचना पढ़ी तो दर्शक दीर्घा में बैठी युवा धड़कने वाह-वाह कर उठीं।
मध्यप्रदेश से पधारे मंच के संचालक सुदीप भोला की राजनीतिक पैरोडी में जहां श्रोता समूह खिलखिलाकर हंसा, वहीं मासूम बिटिया पर उनकी रचना ने लोगों के दिलों में उतरकर उन्हें सोचने के लिए मजबूर किया। लाफ्टर चैलेंज चैंपियन और देश के हास्य व्यंग्य के हस्ताक्षर प्रताप फौजदार ने अपने चिर-परिचित अंदाज में जहां लोगों को गुदगुदाया। वहीं हरियाणा से आए अरुण जैमिनी ने हरियाणवी तहज़ीब में हास्य परोसकर पूरी महफिल अपने नाम कर ली।
देश के लब्ध प्रतिष्ठित कवि डॉ. हरिओम पंवार का ओज जब उनके अंदाज में मुखरित हुआ तो संपूर्ण दर्शक दीर्घा में राष्ट्रवाद का ज्वार अपने चरम पर पहुंच गया।

श्रोताओं की पसंद की अपनी लोकप्रिय रचनाओं के साथ-साथ जब पंवार साहब ने कारगिल में शहीद सैनिक वाली कविता ‘कुछ बहनों की राखी जल गई है बर्फीली घाटी में, वेदी के गठबंधन मिल गए हैं कारगिल की माटी में, उन आंखों की बूंदों से सातों सागर हारे हैं, जब मेहंदी वाले हाथों ने मंगलसूत्र उतारे हैं।’ पढ़ी तो जनसमूह की आंखे भर आईं।
एनटीपीसी का ये कवि सम्मेलन लोगों के लिए यादगार बन गया। जब हरिओम पंवार ने कहा कि इस कार्यक्रम में जिस तरह श्रोताओं ने कवियों को सुना तथा उन्हें सम्मान दिया उन पर लाल किले के तीस कवि सम्मेलन न्योछावर हैं। कवि सम्मेलन के प्रारंभ में परियोजना प्रमुख श्री छाबड़ा ने सभी कवियों का शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया।
इस अवसर पर सभी महाप्रबंधकगण, विभागाध्यक्षगण, यूनियन व एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं महासचिव के साथ-साथ बड़ी संख्या में एनटीपीसी कर्मचारी व उनके परिवार उपस्थित रहकर कार्यक्रम को सफल बनाया। महाप्रबंधक (मानव संसाधन) डॉ. अनिल कुमार डैंग ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी से मिले सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।