शिकोहाबाद, फिरोजाबाद। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे के समीप स्थित औद्योगिक गलियारा बनाने के लिए किसानों की जमीन अधिग्रहण करने की प्रक्रिया के तहत सर्वे का कार्य चल रहा है। किसानों को भूमि अधिग्रहण का विरोध शुरू कर दिया है। मंगलवार सुबह 11 बजे के करीब बड़ी संख्या में पांच गांव के किसान ऑल इंडिया यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैलाश लोधी के नेतृत्व में ट्रैक्टरों में भरकर तहसील पहुंचे। इसके बाद एसडीएम विवेक मिश्रा को प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन सौंपे। उपजिलाधिकारी ने किसानों को आश्वासन दिया कि आपकी बात को संबंधित जगह पर पहुंचा दिया जायेगा और आपसे र्वाता करके समस्या का समाधान कराया जायेगा। सरकार द्वारा क्षेत्र के विकास के लिए औद्योगक गलियारा बनाया जा रहा है। जिससे यहां देश और विदेश से बड़ी कंपनियां आकर उद्यम स्थापित कर क्षेत्र के नौजवानों को रोजगार मुहैया करायें। इसके लिए सरकार ने यहां 1400 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करने का प्रस्ताव रखा है। जिसके लिए प्रशासन द्वारा जमीन चिंहित कर यूपीडा को लिस्ट सौंप दी है। इस जमीन का अव सर्वे कार्य प्रारंभ हो गया है। जब किसानों को इसकी जानकारी हुई तो किसान विरोध करने लगे। कई बार ग्रामीण अंचल में पंचायत करके किसान एकजुट हो रहे हैं। मंगलवार को बड़ी संख्या में धनपुरा, सुजावलपुर, लाछपुरा, ब्रह्माबाद, छरीछप्पर और नगला टीकाराम की महिला-पुरुष ट्रैक्टर में भरकर सुबह 11 बजे तहसील परिसर पहुंचे। किसानों के तहसील में पहुंचते ही उप जिलाधिकारी और प्रभारी निरीक्षक अनिल कुमार सिंह मौके पर पहुंच गये। किसानों ने उप जिलाधिकारी को प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा। इसके बाद सभी किसान तहसील परिसर में जमीन पर बैठ गये। इसके बाद यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैलाश चंद्र लोधी ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि हम किसी भी कीमत पर उपजाऊ जमीन का अधिग्रहण नहीं होने देंगे। इसके लिए चाहे कितनी बड़ी लड़ाई ही क्यों ना लड़नी पड़े। इस दौरान किसानों ने जमकर नारेबाजी भी की। किसानों ने कहा कि ऊपजाऊ भूमि को छोड़ कर बंजर भूमिपर गलियारा बनाया जाए। अगर प्रशासन नहीं माना तो बड़ी संख्या में किसान भुखमरी के कगार पर आ जाएंगे। काफी देर तक भाषण बाजी के बाद किसान 12.30 पर अपने गांव के लिए रवाना हो गये।
इस दौरान प्रभारी निरीक्षक अनिल कुमार सिंह, प्रभारी निरीक्षक नसीरपुर प्रेमशंकर पांडे फोर्स के साथ मौजूद रहे। किसानों में प्रमुख रूप से पूर्व प्रधान शैलेंद्र सिंह, मकरंद सिंह, पूर्व फौजी मुन्नालाल, संजय सिंह, नबाव सिंह, भूरी सिंह, चरण सिंह, रामवीर, सत्यप्रकाश, दिगंबर सिंह, धीरेंद्र सिंह सहित लगभग 100 महिला-पुरुष सहित किसान मौजूद रहे।