Friday, November 22, 2024
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जून में भारत में थोक मूल्य सूचकांक 16 महीने के उच्चतम स्तर पर

आम जनता की जेब पर देखने को मिला काफी असर
कमल नैन नारंग: नई दिल्ली। देश में थोक मुद्रास्फीति बढ़ गई है, जिससे आम जनता की जेब पर काफी असर देखने को मिला है। जून में मुद्रास्फीति बढ़कर 3.36 प्रतिशत पर पहुंच गई है। ये आंकड़ा बीते 16 महीने का उच्चतम स्तर है।
वाणिज्य मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में ये बात सामने आई है। खाद्य वस्तुओं, विशेषकर सब्जियों और विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के कारण यह वृद्धि हुई है। यह लगातार चौथा महीना था जब मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी देखी गई। मई में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित मुद्रास्फीति 2.61 प्रतिशत थी। जून 2023 में यह -4.18 प्रतिशत थी। फरवरी 2023 में थोक मुद्रास्फीति 3.85 प्रतिशत के उच्च स्तर पर पहुंच गई थी।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा, “जून, 2024 में मुद्रास्फीति की सकारात्मक दर मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों, खाद्य उत्पादों के विनिर्माण, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, खनिज तेल, अन्य विनिर्माण आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण है।” आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति जून में 10.87 प्रतिशत बढ़ी, जबकि मई में यह 9.82 प्रतिशत थी।
जून में सब्जियों की महंगाई दर 38.76 प्रतिशत रही, जो मई में 32.42 प्रतिशत थी। प्याज की महंगाई दर 93.35 प्रतिशत रही, जबकि आलू की महंगाई दर 66.37 प्रतिशत रही। जून में दालों की महंगाई दर 21.64 प्रतिशत रही। माह के दौरान अन्य खाद्य वस्तुओं जैसे फलों की मुद्रास्फीति 10.14 प्रतिशत, अनाज की 9.27 प्रतिशत तथा दूध की 3.37 प्रतिशत रही।
प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक मई की तुलना में जून में WPI में 0.39 प्रतिशत की वृद्धि हुई। पिछले छह महीनों के महीने-दर-महीने परिवर्तन से पता चलता है कि सूचकांक जनवरी में -0.40 प्रतिशत, फरवरी में 0.00 प्रतिशत, मार्च में 0.13 प्रतिशत, अप्रैल में 0.99 प्रतिशत, मई में 0.26 प्रतिशत और जून में 0.39 प्रतिशत था।