फिरोजाबाद। गुरु कृपा और सत्संग से जीव के जीवन में सुख शान्ति और मोक्ष का मार्ग प्राप्त होता है। गुरु सेवा और भगवान की भक्ति से जीवन की नैया पार लगती है।
जैन नगर सोहम आश्रम पर गुरु पूजा महोत्सव पर भक्तजनों को आर्शीबचन देते हुए महामंडलेश्वर स्वामी विवेकानंद महाराज ने कहा कि बिना गुरु की कृपा के जीवन का उद्धार संभव नहीं है। गुरु और संतो के सत्संग से प्राप्त भक्ति मार्ग से जीव को काम, क्रोध, मद और लोभ पर नियंत्रण कर भगवान से प्यार करना चाहिए। मन की दो स्थिति होती है मनुष्य का मन बंधन का कारण है, तो मनुष्य मन ही मोक्ष का भी कारण है। संत और गुरु वचन से मन का शुद्धिकरण होता है। मन के शुद्ध होने से मनुष्य की इंद्रियां शुद्ध होती है। मन से जब हम ब्रह्म भगवान का जाप करते हैं तो मन भी ब्रह्म स्वरूप बन जाता है। हमें भगवान से संसार की भौतिक वस्तुओं को नहीं मांगना चाहिए, परिवार और जीवन की सुख शांति के साथ मोक्ष की कामना करनी चाहिए। जब हम भगवान की भक्ति में लीन होते हैं, तो अपना तन मन भगवान को समर्पण कर देते है वह स्वयं ही आपकी चिंता करेगा। अपने जीवन को सत्संग के साथ परमार्थ सेवा में भी लगाये। यही परमार्थ मनुष्य के सुखद जीवन का रास्ता प्रशस्त करता है। अध्यक्ष सोहम महामंडल स्वामी सत्यानंद महाराज ने अपने उद्बोधन में सद्गुरु की महिमा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मनुष्य के जीवन में सद्गुरु ही ज्ञान और भक्ति का मार्ग प्रशस्त करता है। जो मनुष्य पूर्ण निष्ठा और समर्पण के साथ गुरु के बताए मार्ग पर चलता है, तो उसका मन पवित्र होता है और वह सम्यक दृष्टि प्राप्त कर सर्वज्ञ भगवान की अनुभूति महसूस करता है। गुरु की कृपा से बताये रास्ते पर चलकर ही उसे जीवन में सब सुख शांति प्राप्त होती है। महाराज ज्ञानानंद ने कहा कि गुरु ब्रह्मा, गुरु विष्णु, गुरु देवों महेश्वरा, हमारी भावना पवित्र है तो अपने गुरु में सभी भगवानों का दर्शन मात्र है। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों ने शामिल होकर गुरूजन का आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान महापौर कामिनी राठौर, चंद्रप्रकाश शर्मा, द्विजेन्द्र मोहन शर्मा, सम्मन सिह यादव, शिवनारायन यादव, माता प्रसाद यादव, सर्वेश दीक्षित, उमाकांत पचौरी, राजेश गुप्ता, विपिन कुमार शर्मा, संजय अग्रवाल, लक्ष्मीकांत बंसल, सुनील शर्मा, प्रवीण कुमार अग्रवाल, श्यामसिंह यादव, अनुग्रह गोपाल, गोपाल बिहारी, शिवशंकर तिवारी, लला चौधरी, सोमेश यादव, सुरेश शर्मा एडवोकेट, जगदीश यादव, रामावतार यादव, सियाराम यादव, मातादीन यादव, कृष्णकांत गुप्ता आदि श्रद्धालुगण मौजूद रहे।