राजीव रंजन नागः नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी 2025 के दिल्ली विधान सभा चुनाव से पहले ‘मजबूत उम्मीदवारों’ के लिए कांग्रेस के पानी में ‘मछली पकड़ने’ की कोशिश तेज कर दी है। चुनाव धोषित होने से चार नहीने पहले पार्टी ने ग्यारह उम्मीदवारों की सूछी जारी कर दूसरे राजनीतिक दलों के सामने चुनौती सी सथिति पैदा कर दी है। आम तौर पर उम्मीदवारों का चयन चुनाव की तारीखें तय होने के बाद किए जाते हैं।
आप के एक शीर्ष नेता ने कहा कि उनका ध्यान शहर में पार्टी के पुनरुद्धार को रोकने पर है – भले ही दोनों इंडिया ब्लॉक भागीदारों के बीच राष्ट्रीय स्तर का गठबंधन हो। अपने उम्मीदवार धोषित कर आप पार्टी ने यह संकेत भी दे दिया है कि उसका किसी संगठन के साथ चुनावी समझौता नहीं होगा।
अप्रैल-जून के लोक सभा चुनाव के लिए आप और कांग्रेस आम सहमति बनाने में कामयाब रहे, लेकिन राज्य चुनावों के लिए सौदेबाजी करने में असमर्थ रहे। इसका सबसे हालिया उदाहरण पिछले महीने का हरियाणा चुनाव था, जिसमें कांग्रेस इस आलोचना के बीच हार गई कि उसकी राज्य इकाई ने सीटें साझा करने से इनकार कर दिया।
इस बीच, आप के प्रमुख अरविंद केजरीवाल लगातार तीसरी बार दिल्ली विधानसभा चुनाव जीतने के लिए अपनी पार्टी की व्यक्तिगत रूप से निगरानी करेंगे।
सूत्रों ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री – जिन्होंने कथित शराब नीति घोटाले में (आखिरकार) जमानत हासिल करने के बाद सितंबर में इस्तीफा दे दिया था – फिर से चुनाव की बोली को ‘माइक्रो-मैनेज’ करेंगे। इसकी शुरुआत पार्टी ने आज 11 उम्मीदवारों की पहली सूची के साथ शुरू कर दी है। इस सूची में तीन राजनीतिक नेता हाल ही में कांग्रेस से आप में शामिल हुए हैं। अन्य तीन भाजपा से शामिल हुए हैं।
मिल रही जानकारी के अनुसार केजरीवाल दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में से प्रत्येक की समीक्षा कर रहे हैं और पार्टी के प्रत्येक विधायक के प्रदर्शन का भी आकलन कर रहे हैं। जिनमें से 62 निर्वाचित हुए हैं और 58 अभी भी बने हुए हैं। इस गेम प्लान में सत्ता विरोधी लहर का मुकाबला करने के लिए मौजूदा विधायकों को हटाया जा सकता है। इस पहली सूची में तीन मौजूदा विधायकों को पहले ही हटाया जा चुका है। गुलाब सिंह (मटियाला), रितु राज झा (किरारी), और अब्दुल रहमान (सीलमपुर) को हटाकर सुमेश शौकीन (कांग्रेस से), अनिल झा (भाजपा से) और जुबैर चौधरी (कांग्रेस से) को रखा गया है। सर्वेक्षण टीमों को प्रत्येक सीट से फीडबैक प्राप्त करने और संभावित उम्मीदवारों की एक सूची तैयार करने का काम सौंपा गया है; इसमें कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के नए चेहरे शामिल हैं।
पिछले हफ़्ते केजरीवाल ने 2025 के दिल्ली चुनाव को ‘धर्मयुद्ध’ या ‘न्याय की लड़ाई’ कहा था और इसकी तुलना हिंदू महाकाव्य महाभारत में इसी तरह की लड़ाई से की थी। उन्होंने कहा, ‘उनके (बीजेपी) पास कौरवों की तरह पैसा और ताकत है… लेकिन भगवान और लोग हमारे साथ हैं, जैसे वे पांडवों के साथ थे।’ और उससे 10 दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री ने आजमाए हुए वादों के साथ अभियान की शुरुआत की – दिल्ली की तिहाड़ जेल में रहने के दौरान जारी किए गए ‘बढ़े हुए’ बिजली और पानी के बिलों को माफ़ करना।
2025 का चुनाव जीतने के लिए आप के सामने काफ़ी बड़ी लड़ाई है। दिल्ली में हर साल होने वाली वायु गुणवत्ता की समस्या और राष्ट्रीय राजधानी में बुनियादी ढांचे की खराब स्थिति सहित कई मुद्दों पर पार्टी की बीजेपी और यहां तक कि कांग्रेस ने भी आलोचना की है। बीजेपी ने यमुना नदी में प्रदूषण और आम आदमी पार्टी द्वारा मुख्यमंत्री के बंगले के जीर्णाेद्धार पर 45 करोड़ रुपये खर्च करने के आरोपों जैसे मुद्दों पर भी आप पर हमला किया है। ‘शीशमहल’ विवाद को नाम दिया गया है। भाजपा ने आज सुबह दिल्ली के सिविल लाइंस इलाके में बंगले के बाहर इस मुद्दे पर एक बड़ा विरोध प्रदर्शन किया। खास बात यह है कि इस विरोध प्रदर्शन की सुर्खियां भगवा पार्टी के सबसे नए हाई-प्रोफाइल सदस्य – पूर्व आप नेता कैलाश गहलोत थे।
आप कथित शराब नीति घोटाले को लेकर भी घिरी हुई है, जिसके सिलसिले में तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और श्री केजरीवाल, साथ ही राज्यसभा सांसद संजय सिंह दोनों को गिरफ्तार किया गया था।