हाथरस, नीरज चक्रपाणि। सूबे के मुखिया आदित्यनाथ योगी के राज में आम जनता के घरों को तो छोड़िये पुलिस के भी घर सुरक्षित नहीं है। पुलिस कितनी सुरक्षित है इसकी एक बानगी हाथरस में देख लीजिये। इसका जबाव किसी के पास नहीं है। पुलिस के कारनामों की तो जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है। हाथरस जिले की पुलिस ने तो सबसे बड़ी उपलब्धि और तारीफ का काम किया है। योगी की सरकार में हाथरस की पुलिस ने जो उपलब्धि हासिल की है उसके बारे में जरा जान लीजिए। वह सबसे बड़ी उपलब्धि और तारीफ का काम पुलिस ने यह किया है कि थाने में हुई चोरी की घटना पर पर्दा डाल दिया है।
जब चोर थानों को ही निशाना बनाने लगें तो आम लोगों के घर कैसे सुरक्षित रह सकते हैं। अब तो आलम यह हो गया है कि न तो आम जनता का घर सुरक्षित और नाही पुलिस के थाने सुरक्षित हैं। चोर, बदमाश लुटेरों के हौसले इतने बुलंद हो गये हैं कि वह कभी भी किसी को भी निशाना बना सकते हैं। हाथरस में सदर कोतवाली के परिसर में बने एक सिपाही के क्वार्टर से जेवरात, मोबाइल, लैपटॉप सहित नकदी दिन दहाड़े चोर ने पार कर दिये। चोर ने इस घटना को 3 अक्टूबर दिन को अंजाम दिया । जिससे पुलिस के चेहरे पर सिलवटें पड़ गई ।
सूत्रों की मानें तो पुलिस ने माल भी बरामद कर लिया है लेकिन पूरा माल बरामद नहीं हुआ है। जब थाने में चोरी की घटना हुई है तो सवालों का उठना तो लाजिमी है। कोतवाली में अगर दिन दहाड़े चोरी की घटना हो जाए और फिर इस चोरी की घटना पर पर्दा डालने का काम कोतवाली प्रभारी करे उसके बाद भी सवाल पूछने पर कोतवाल मीडियाकर्मियों से यह कहे कि आप अपना घर देखिये । इससे बड़ी और क्या विडम्बना हो सकती है कि योगी की पुलिस खुद अपने यहां हुई चोरी की घटना पर पर्दा डाल रही है।
पुलिस के घर में हुई चोरी की घटना ने पुलिस के मुंह पर ताले लगा दिए हैं । सबके सब इस मामले को दबाने में लगे हुए हैं । कोतवाल इसलिए मामले को दबाने में लगे हुए हैं क्योंकि उन्हें अपनी नौकरी खतरे में पड़ती दिखाई दे रही है। जिन अधिकारियों को इस कोतवाल को अब तक सस्पेंड कर देना कि चाहिए था वह इस मामले को यह कहकर टाल रहे हैं कि जिस पुलिसकर्मी के आवास में यह चोरी हुई है वह रिपोर्ट दर्ज ही नहीं करा रहा है। बता दें की सिपाही की तैनाती पूर्व में कोतवाली सदर में थी अब उसका कुछ दिनों पहले हाथरस गेट मंे तबादला हो गया है। पुलिसकर्मी रिपोर्ट क्यों नहीं लिखा रहा है इस बात को भी सब जान भी रहे हैं और समझ भी रहे हैं ।
पुलिस ने जिस चोर से ये जो माल बरामद किया है वह चोर कहां है। चोर को पुलिस ने इतने उदार मन से क्यों छोड़ दिया । मामले को क्यों दबाया जा रहा है ऐसे कई सवाल लोगों के जेहन में कौंध रहे हैं । कोतवाली में यह चोरी की कोई पहली घटना नहीं है फिर भी पर्दा डाला जा रहा है । सवाल तो यह भी है पुलिस इस चोर पर इतनी मेहरबान क्यों हुई कि उसे क्षमादान दे दिया । इसीलिए चोरों के हौसले बुलंद है।
जिले में हर रोज तीन चार घटनाएं चोरी की हो जाती हैं । अगर इसी तरह पुलिस मामलों को दबाती रही तो इससे क्या उम्मीद की जा सकती हैं।