हाथरस, जन सामना ब्यूरो। धन्वन्तरि जयन्ती को राष्ट्रीय आयुर्वेदिक दिवस के रूप में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत आयुष विंग द्वारा जिला अस्पताल में मनाया गया।
कार्यक्रम सीएमओ डा. ब्रजेश राठौर के निर्देशन में हुआ। मुख्य अतिथि डा. सन्तोष कुमार, अपर चिकित्साधिकारी डा. विजेन्द्र सिंह, सीएमएस डा. आई. बी. सिंह, डा. मंजू अग्रवाल आदि ने भगवान धन्वंतरि के छविचित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्ज्वलित किया। कार्यक्रम में आयुर्वेद के माध्यम से दर्द प्रबंधन पर एक गोष्ठी आयोजित हुई, जिसमें कार्यरत समस्त आयुष चिकित्साधिकारी सम्मिलित हुए। एसीएमओ डा. विजेन्द्र सिंह ने कहा कि सभी चिकित्सा पद्धतियों को एक दूसरे का पूरक बन जनमानस को लाभ देना चाहिए। डा. संतोष कुमार ने कहा कि भारत सरकार ने आयुष चिकित्सा पद्धति को मुख्य धारा में लाने के लिए पूर्व के आयुष विभाग को आयुष मंत्रालय में अवतरित कर दिया गया है। डा. आई. वी. सिंह ने आयुर्वेद चिकित्सा पर विचार व्यक्त किये। डा. मंजू अग्रवाल ने निरोगी रहने के लिये आयुर्वेद दवा का महत्व बताया।
आयुष विंग के प्रभारी चिकित्साधिकारी व कार्यक्रम संयोजक डा. अजय सैनी ने डब्ल्यू. एच. ओ. की रिपोर्ट के माध्यम से बताया कि आर. ओ. का पानी शरीर में किस तरह से नुकसान पहुंचा रहा है। विंग के होम्योपैथिक विभाग से डा. सतीश कुमार ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा सभी चिकित्सा पद्धतियों की जननी है। योग विभाग से डा. विकास चैहान ने कहा कि योग भी आयुर्वेद का एक हिस्सा है।
कार्यक्रम का संचालन करते हुये होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी डा. कुनाल वाष्र्णेय ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आॅल इंडिया इंस्टीट्यूट आॅफ आयुर्वेद नई दिल्ली का उद्घाटन किया है। जिससे समस्त आयुर्वेद चिकित्सकों में हर्ष व्याप्त है।
गोष्ठी के उपरान्त आयुष विंग पर एक निःशुल्क आयुर्वेदिक चिकित्सा व स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न प्रकार के दर्द से पीड़ित रोगियों का आयुर्वेदिक चिकित्सकों द्वारा उपचार किया गया।
द्वितीय राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के मौके पर डीपीएम बलवीर वर्मा, सुनीलदत्त शर्मा, मौहम्मद आमिर, राजकुमार क्लालिटी एंश्योरेंस सेल, राकेश सेंगर, धर्मेन्द्र सिंह, सोमेश सेंगर आदि उपस्थित थे।