लेखपाल राजकुमार दुबे ने प्रशासन को ठहराया दोषी
घाटमपुर, कानपुर, जन सामना संवाददाता। 29 अप्रैल रविवार को नगर पालिका घाटमपुर में नामांकन प्रक्रिया के प्रारंभ होते ही चुनावी रणभेरी बज उठी है। वही तहसील के लेखपालों की हड़ताल एवं काम कार्य से विरत रहने के चलते आय जाति निवास प्रमाण पत्रों के न बन पाने से नामांकन न भर पाने की धूमिल होती उम्मीदों ने सभासद एवं अध्यक्ष पद के प्रत्याशियों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। ज्ञात हो कि विभिन्न मांगों को लेकर लेखपाल पिछले 1 माह से हड़ताल पर हैं वहीं कुछ लेखपाल हड़ताल की आड़ में धन कमाने की लालसा लिए सरकारी कामकाज को पूर्ण न कर स्थित को बद से बदतर बना मोटा माल कमाने की चाहत में लगे हैं। जिससे कस्बे के तमाम संभावित प्रत्याशी अपने साथ अन्याय होने एवं जनता की नजरों में भले आदमी होने के बावजूद आवश्यक दस्तावेजों के अभाव में जनता का प्रतिनिधित्व न कर पाने की आशंका से परेशान है। इस विषय पर सदर लेखपाल एवं कानून गो राजकुमार दुबे से वार्ता करने पर उन्होंने हड़ताल के बजाए विभाग को दोषी ठहराते हुए बताया कि क्षेत्र के सभी राजस्व निरीक्षकों के लाग इन आई डीज शासन स्तर से बंद कर दिए गए हैं। जिससे वे आम लोगों को आय जाति निवास प्रमाण पत्र जारी कर पाने में मजबूर हैं। वही कुछ अन्य लेखपालों ने सदर लेखपाल राजकुमार दुबे के तथाकथित बयान की सच्चाई पर शंका जाहिर की है। नगर से सभासदी लड़ रहे कमालुद्दीन शहजादे प्रतीक अजमेरी कुरैशी लल्लन एवं तमान साथी प्रत्याशियों ने आक्रोश जताते हुए बताया कि सदर लेखपाल राजकुमार दुबे को समस्या से रूबरू कराने पर उनका रवैया असहयोगात्मक एवं अभद्रता से परिपूर्ण रहा है। उच्चाधिकारियों से मामले की शिकायत करने पर उक्त लेखपाल सत्ता शासन में अपनी ऊंची पहुंच का हवाला देकर दबाव बनाता है । जिससे प्रत्याशियों व उनके समर्थकों में प्रशासन के प्रति आक्रोश व्याप्त है।