Sunday, November 24, 2024
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राष्ट्रीय एकता एवं अखण्डता दिवस के रूप में मनायी सरदार पटेल की जयन्ती

कानपुर देहातः जन सामना ब्यूरो। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कलेक्ट्रेट कक्ष में सरदार वल्लभ भाई पटेल के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हे श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि सरदार बल्लभ भाई पटेल को सच्ची श्रंद्धाजलि तभी है जब हम महान पुरूषों के आदर्शो सिद्धान्तों पर चल कर राष्ट्रीय एकता अखण्डता को मजबूत करे तथा देश व समाज का विकास करें। सरदार पटेल का आदर्श जीवन दर्शन आज के इस आधुनिक युग में पहले से अधिक प्रासंगिक है। स्वतन्त्रता संग्राम के महान सेनानी लौहपुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 142वीं जयन्ती राष्ट्रीय अखण्डता के दिवस के रूप में विकास भवन में मनायी गयी। सरदार वल्लभ भाई पटेल जयन्ती के अवसर पर उनके चित्र का अनावरण कर पुष्पमाला व श्रद्धासुमन अर्पित कर करते हुए मुख्य विकास अधिकारी केदारनाथ सिंह ने कहा कि उस समय भारत में अनेकों राज्य बंटे हुए थे। आजादी के बाद उन सबको एक साथ लेकर चलने की बड़ी चुनौती सामने आ रही थी, देश व समाज के खातिर साहसिक फैसले लेना सरदार पटेल के स्वभाव में बसा था। भारत की 563 रियासतों का एकीकरण किया तथा अन्य छोटी छोटी रियासतों को प्रान्तों में विलीन कर दिया था जो भारत के लिए महत्वपूर्ण कार्य रहा है। उन्होनें कहा कि सरदार के हृदय में जन जन के प्रति प्यार और दयालुता का समुचित भंडार था। किसी की भी दयनीय दशा देख कर उनका हृदय व्याकुल हो उठता था। उन्होने कहा कि सरदार पटेल में दृढ़ इच्छा शक्ति थी, उन्होने अपना सम्पूर्ण जीवन सादगी के साथ व्यतीत किया। उन्होने देश प्रति स्वतंत्रता आन्दोलन को शिखर तक पहुचाया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने उनके सफल नेतृत्व को देखते हुए उन्हे सरदार की उपाधि दी थी। भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के इतिहास में अनेक वीरों के नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित है क्योकि इन वीरों ने अपने प्राणों की बाजी लगा कर हंसते हंसते देश के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया था। देश को परतंत्रता की बेड़ियों को काटने वालो का जब जब नाम लिया जायेगा तब तब लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल का नाम सबसे पहले स्मरण किया जाता रहेगा। जिला कार्यक्रम कार्यालय के कर्मचारी विजय कुमार ने सरदार पटेल व इन्दिरा गांधी को नमन करते हुए कविता पाठ करते हुए कहा कि धन्य है ऐसा देश जहां ऐसे है महान सपूत…।  संविधान शिल्पी बाबा साहब डा0 भीम राव अम्बेडकर का नाम संविधान निर्माता कमेटी के अध्यक्ष के लिए सरदार पटेल ने प्रस्तावित किया था क्योंकि वो जानते थे कि किस तरह के कार्य को कौन बेहतर कर सकता है। परिणाम स्वरूप आज देश का संविधान विश्व में अपना अलग स्थान रखता है। 
डीडीओ अभिराम त्रिपाठी ने सरदार पटेल के चित्र का दो मिनट में बैठे बैठे तैयार स्केच की मुख्य विकास अधिकारी केदारनाथ सिंह, एडी सूचना प्रमोद कुमार, कृषि अधिकारी सुमित पटेल, सीबीओ आदि अधिकारियों व कर्मचारियों ने तारीफ की। वहीं पर सरदार पटेल की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए सीडीओ ने कहा कि जो नक्शा आज भारत का है उसमे पटेल जी का महत्वपूर्ण योगदान है। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी सभी कर्मचारियो व अधिकारियो को राष्ट्रीय एकता की शपथ दिलाते हुए कहा कि- मै राष्ट्र की एकता व अखण्डता और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए स्वयं को समर्पित करूंगा और अपने देशवासियो के बीच संदेश फैलाने का भरसक प्रयत्न करूंगा। यह शपथ अपने देश की एकता की भावना से ली जा रही है जिसे सरदार बल्लभ भाई पटेल की दूरदर्शिता एवं कार्यो द्वारा संभव बनाया जा सके। मै अपने देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपना योगदान करने का भी सत्यनिष्ठा से संकल्प करता हूं। उन्होने यह भी कहा कि सरदार पटेल ने कभी भी आदमी-आदमी मे भेद, जाति-वाद, धर्मवाद आदि न कर राष्ट्रीय एकता व अखण्डता को मजबूती प्रदान की। डीडीओ अभिराम त्रिपाठी, मत्स्य अधिकारी, जिला कृषि अधिकारी आदि ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया।   कार्यक्रम के संचालन जिला कार्यक्रम अधिकारी राकेश यादव द्वारा किया गया। इस मौके पर सहायक निदेशक सूचना प्रमोद कुमार, जिला विकास अधिकारी अभिराम त्रिपाठी,जिला कृषि अधिकारी सुमित पटेल, मस्त्य अधिकारी डा. रणजीत सिंह सहित बड़ी संख्या में अधिकारी, कर्मचारीगणो द्वारा सरदार वल्लभ भाई पटेल के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हे श्रद्धासुमन अर्पित किये। उन्होने कहा कि सरदार बल्लभ भाई पटेल को सच्ची श्रंद्धाजलि तभी है जब हम महान पुरूषों के आदर्शो सिद्धान्तों पर चल कर राष्ट्रीय एकता अखण्डता को मजबूत करे तथा देश व समाज का विकास करें। इसके अलावा देश की पूर्व प्रधानमन्त्री इन्दिरागांधी के चित्र पर भी माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए।