Monday, November 25, 2024
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संस्कृति वहीं है जो जीवान्त बनी रहती है, जीवन जीवान्त नाम है इसमें निराशा, नकारात्मक सोच के लिए नही होती है जगहः मुख्यमंत्री

कानपुर देहातः जन सामना ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के मा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी आज कानपुर देहात जनपद के मूसानगर स्थित अखण्ड परमधाम मंदिर स्थल में श्री स्वामी अच्युतानन्द शास्त्री जी महाराज के 25वें निर्वाण दिवस पर आयोजित 7 दिवसीय एक धार्मिक कथा एवं भक्ति योग संत सम्मेलन कार्यक्रम में उपस्थित होकर स्वामी जी के चित्र व मंदिर में स्थापित उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित कर आये उपस्थित संतो से मुलाकात की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी अखण्ड परमधाम मंदिर भी गये जहां गौशाला में गाय व उनके बछड़ों को गुड आदि खिलाया तथा मंदिर प्रागढ में ही कदम्ब का एक वृक्षारोपण भी किया। मुख्यमंत्री जी हनुमान जी के मंदिर गये जहां हनुमान जी की मूर्ति के आगे हाथ जोडकर प्रार्थना की व मथाटेका तथा आश्रम में स्थापित कक्षों को भी देखा। मुख्यमंत्री जी ने साध्वी निरंजन ज्योति से वार्ता कर क्षेत्र की भौगोलिक जानकारी सहित क्षेत्र की समस्या, विकास आदि के संबंध में भी जानकारी ली तथा जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह को भी उचित दिशा निर्देश दिये। मंदिर परिसर में कदम्ब वृक्षारोपण के समय सांसद देवेन्द्र सिंह भोले, भानु प्रताप सिंह, विधायक प्रतिभा शुक्ला, विनोद कटियार, निर्मला संखवार, श्याम सिंह सिसौदिया, राजेन्द्र सिंह चैहान, राज्यमंत्री रणवेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ धुन्नी सिंह, व जय कुमार सिंह जैकी, राजेन्द्र निषाद, विजय सोनी, राजेन्द्र निषाद, राघव अग्निहोत्री, कमलरानी, नरेन्द्र सिंह जादौन, जिलाध्यक्ष राहुल देव अग्निहोत्री, जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह, एसपी रतन कान्त पाण्डेय, सीडीओ केदारनाथ सिंह, एडी सूचना प्रमोद कुमार, एडीएम विद्याशंकर सिंह, एसडीएम राजीव पाण्डेय, मनोज कुमार सिंह आदि पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारी व जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने पुण्य तिथि पर आयोजित चल रहे 7 दिवसीय कार्यक्रम के समापन के अवसर पर श्री स्वामी अच्युतानन्द शास्त्री जी महाराज को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कार्यक्रम की शुरूआत गौ माता की जय, गंगा माता की जय, भारत माता की जय, वन्देमातरम जयघोष से शुरूआत करते हुए कहा कि स्वामी अच्युतानन्द शास्त्री जी महाराज जी धार्मिक प्रवृत्ति के साथ ही उनमें मानवीय गुण भी कूट कूट कर भरे थे। उनकी वाणी आज के समय प्रसांगिक है आज के सामाजिक परिवेश में जब मानवीय मूल्य गौड़ होते जा रहे है ऐसे में मानवीय मूल्यो की सुरक्षा सुदृढता के लिए संतो, बुजुर्गो, महारूषांे आदि के विचारो व क्रियाकलापो को आत्मसात करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि स्वामी अच्युतानन्द जी का जीवन दर्शन एवं सिद्धांतों को अमल में लाकर गरीबों का उत्थान करने व उनको आगे बढ़ाने की दिशा में आगे आये जिससे समाज व देश में अधिक उन्नति व समृद्धि आये। राष्ट्रीय एकता अखण्डता, भाईचारे को सुदृढ़ करने के साथ ही सबका साथ सबका विकास किया गया और निरंतर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संतों का जीवन लोक कल्याण, राष्ट्र कल्याण के लिए प्रेरणादायक है इससे प्रेरित होकर आगे विकास की ओर बढ़ना चाहिए। स्वामी अच्युतानन्द जी ने राष्ट्रीयता का भाव जागृत करने वाली परंपरा के प्रति श्रद्धाभाव सनातन धर्म के प्रति कृतज्ञता, आदर, पूर्वजों परम्पराओं के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का अवसर देता रहा है। लोक कल्याण के भाव को आगे बढ़ाते रहना चाहिए। स्वामी अच्युतानन्द जी ने प्राचीन परम्पराओं को पहुंचाने के साथ ही समाज में व्यापक विकृतियों, अन्धविश्वास व पाखण्ड के खिलाफ भी आवाज को बुलन्द किया। संस्कृति वहीं है जो जीवान्त बनी रहती है। जीवन जीवान्त का नाम है जिसमें निराशा, नकारात्मक सोच के लिए जगह नही होती है। मुक्तानगर की यह पावन भूमि चैतरफा जीवान्त की कहानी बयां कर रही है। इस क्षेत्र में अच्छे अस्पताल, विद्यालय, पेयजल आदि मूलभूत सुविधाओं की जरूरत है। इसका भी विकास अन्य क्षेत्रों की भांति किया जायेगा। मुक्तानगर को भी बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे से जोड़ कर पूर्वान्चल एवं बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे का विकास किया जायेगा। मूलभूत सुविधायें भी प्रदान की जायेंगी। उन्होंने कहा कि पूर्व में बिजली सिर्फ 5 जिलों को ही मिलती थी, 70 जिले विद्युत से वंचित थे। हमने इस परिभाष को बदलकर नई व्यवस्था के सहित प्रदेश के सभी जिलों को विद्युत व्यवस्था मुहैया कराई है। ऐसे 3 परिवार जो दूरी पर रहते है जिनके यहां बिजली नहीं थी हमने बिजली पहुंचाई है। इस तरह के 45 हजार मजरों पर विद्युत पहुंचाकर 20 लाख परिवारों से अधिक लोगों को विद्युत की मूलभूत सुविधा देकर उनके घर जगमग किये है। अब यूपी के हर गांव में बिजली से जगमग है। पूर्वान्चल और बुन्देलखण्ड को जाडने वाले जब दो एक्सप्रेसवे बन जायेंगे तो यहां पर उद्योग लगेंगे। स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा, आवागमन की सुविधा बड़ेगी। क्षेत्र, प्रदेश, समाज व देश का विकास व उन्नयन होगा। केन्द्र व प्रदेश की किसी भी सरकार में कोई भेदभाव नही है सबका साथ सबका विकास मूलमन्त्र से विकास की प्रक्रिया को बिना भेदभाव के आगे बढ़ाकर देश व प्रदेश को खुशहाली की ओर बढ़ाया जा रहा है। किसानों को मुख्यधारा से जोडने के लिए 86 लाख किसानों को हजारांे करोड़ रूपया देकर उनका ऋण मोचन कर किया गया जो वर्षो से कर्ज के बोझ में दबे थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति की प्रशंसा करते हुए कहा कि लोक कल्याण के भाव को व उसकी परम्परा को आगे बढ़ाते हुए धार्मिक, सामाजिकता के क्षेत्र में साध्वी जी ने कार्य प्रारम्भ करके गरीबों, पिछड़ों व समाज के लोगों का कार्य कर अपनी पैठ बनायी है। लोगांे के मध्य प्रतिष्ठा व सम्मान पाया है जिसका परिणाम वह विधायक बनी, सांसद के साथ मंत्री भी है। पूरे क्षेत्र, देश समाज में बिना भेदभाव के सेवा देने व विकास का कार्य किया है। सेवा देना धर्म है धर्म की व्यापक परिभााषा है जिसे सामान्यजन को समझना जरूरी है। धर्म का मर्म प्रत्येक व्यक्ति समझ नही पाता है इसलिए महापुरूषों द्वारा बताया गया लोक कल्याण, धर्म कल्याण व समाज कल्याण को जानना जरूरी है। मंदिर, मस्जिद, चर्च आदि जाना धर्म नही है यह आस्था, उपासना की विधि हो सकती है। धर्म का स्वरूप कर्तव्यों, सदाचार, नैतिक मूल्यों को बढ़ाने व उसका पालन करने हेतु प्रेरित करता है। शाश्वत मूल्यों पर पूरा देश टिका है। मत, मजहब पन्थ, सम्प्रदाय धर्म नही है, धर्म जीवन को जीवान्त व भाईचारे को बढ़ाने का संदेश देता है, धर्म एक जो कि मानव धर्म, सनातन धर्म है। साधू सन्त, साध्वी, संन्यासी का मतलब पलायन नही यह जीवन की चुनौतियों से जूझते हुए प्रेरणादायक बनाना है तथा लोक कल्याण, मानव कल्याण तथा आमजनता के विकास, समाज विकास, राष्ट्र विकास के लिए आगे बढ़ते जाना है तथा प्रत्येक नागरिक को सेवा के लिए लगाना है। संन्यास, साध्वी, साधू, सन्त आदि का मर्म यहीं है तथा साधू, सन्यासी, सन्त ने समाज को जोडने व जागरूक करने का कार्य किया है। समाज को जोड़ने व उसको आगे बढ़ाने का कार्य स्वामी अच्युतानन्द जी ने भी बाखूबी किया है। मा. मुख्यमंत्री योगी जी ने कहा कि धर्म हमें स्वच्छता के साथ-साथ पर्यावरण की रक्षा करने की सीख देता है। उन्होंने गोवंश के महत्व को बताते हुए उसकी सेवा करने की बात कही। अवैध रूप से खनन एवं पेड़ों की कटान से प्रकृति का संतुलन बिगड़ रहा है, जो चिंता का विषय है। प्रकृति ने हमे जीवन जीने लायक वातावरण दिया है, उससे सामंजस्य बनाकर चलना चाहिए। उन्होंने मन्दिर परिसर का निरीक्षण कर दूर-दराज से आए महंतों, साधु-संतों, अनुयायियों व शिष्यों आदि से मुलाकात की। आयोजित कार्यक्रम में जनप्रतिनिधिगण, बड़ी संख्या में साधु-सन्त व कार्यकर्ता मौजूद रहे।
इस मौके पर साध्वी निरंजन ज्योति ने कथा में अपने प्रवचनों से सभी को मंत्र मुग्ध किया। उन्होंने कहा कि अज्ञानता के कारण मनुष्य अचिन्त्य चिन्तन करता है मानवता से दूर होता जा रहा है बुद्धि तो मनुष्य के पास है लेकिन बुद्धि का उपयोग करने का प्रयोग नही करता है। मनुष्य के पास प्रज्ञा, विवेकशीलता, संवेदनशीलता के साथ ही मनुष्य से जुडने व उसकी समस्याओं का निराकरण का भी भाव होना चाहिए। इस मौके पर सांसद देवेन्द सिंह भोले, विनोद कटियार, प्रतिभा शुक्ला, निर्मला संखवार, जिलाध्यक्ष राहुल देव अग्निहोत्री, श्याम सिंह सिसौदिया, राजेन्द्र सिंह चैहान, राज्यमंत्री रणवेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ धुन्नी सिंह, व जय कुमार सिंह जैकी, राजेन्द्र निषाद, विजय सोनी, राजेन्द्र निषाद, राघव अग्निहोत्री आदि जनप्रतिनिधि व जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह, एसपी रतन कान्त पाण्डेय, सीडीओ केदारनाथ सिंह, एडीएम वित्त एवं राजस्व विद्याशंकर सिंह, एसडीएम राजीव पाण्डेय, मनोज कुमार सिंह, बृजेन्द्र कुमार, परवेज अहमद, मनीष आदि सहित भक्तजनों ने भागवत कथा का रसपान किया। इस मौके पर चिकित्सकों की एक टीम के साथ ही पीने के पानी की बेहतर व्यवस्था थी। भक्तजनों ने प्रसाद ग्रहण कर आत्मखुशी प्रकट की। इस मौके पर विनोद निषाद, नीरज पाण्डेय, अखिलेश सोनकर, विद्यासागर त्रिपाठी, अरूण पाल, अभिनाष चैहान, मदन पाण्डेय, बलराम चैहान, ऊषा सिंह, सहजा नन्द, मनू क्रान्ति आदि बड़ी संख्या में भक्तजन मौजूद रहे। मंच के निकट बने हेलीपैड पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का केन्द्रीय राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति सहित उपस्थित विधायक, अन्य मंत्री आदि जनप्रतिनिधियों सहित जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह, एसपी रतन कान्त पाण्डेय आदि अधिकारियों ने गर्मजोशी के साथ स्वागत किया।