नेताओं पर लगाए थे रुपये लेकर टिकट बेचने के आरोप
टूंडलाः जन सामना ब्यूरो। निकाय चुनाव से पहले पार्टियों में बगावत के स्वर उठने लगे हैं। पहले सपा ने बगावत करने पर तीन पार्टी पदाधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया और अब बसपा ने पूर्व सभासद को पार्टी से बाहर कर दिया। पार्टी प्रत्याशी के विरुद्ध चुनाव लडऩे व वरिष्ठ नेताओं पर रुपये लेकर टिकट बांटने के आरोप लगाने वाले बसपा नेता सूर्यकांत को भारी पड़ गया। पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया।
बसपा नेता व पूर्व सभासद सूर्यकांत बसपा के कद्दावर नेता रहे हैं। बसपा की टिकट पर ही वह पूर्व मेें सभासद चुने गए थे। इस बार उन्होंने टूंडला नगर पालिका चेयरमैन अध्यक्षर पद के लिए टिकट मांगी थी। सूर्यकांत का कहना है कि उन्होंने टिकट के लिए पांच लाख रूपए भी दिए थे। रूपए देने के बाद उन्हें टिकट देने का आश्वासन दे दिया गया था लेकिन दूसरे व्यक्ति को टिकट दे दी गई। बसपा नेता ने पार्टी के जिलाध्यक्ष सालिगराम, जॉन कार्डीनेटर हेमंत व ज्ञान सिंह पर रुपये लेकर टिकट बांटने के आरोप लगाए थे। उन्होंने पार्टी द्वारा घोषित की गई प्रत्याशी पुष्पा मौर्य के विरुद्ध चुनाव का ऐलान करते हुए नामांकन किया था। पार्टी ने अनुशासनहीनता का हवाला देते हुए उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। टिकट को लेकर रुपये लेने के मामले में बसपा नेताओं का एक वीडियो भी वायरल हुआ था। सूर्यकांत का कहना है कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने रुपये लेकर टिकट बेचे हैं। कर्मठ कार्यकर्ताओं को दरकिनार किया गया है। सच उजागर करने पर उनके विरुद्ध कार्रवाही की गई है। जनता चुनाव में इसका जबाव देगी। हालांकि बसपा नेता का वीडियो पार्टी के ही लोगों के पास पहुंचा था। उसी वीडियो के आधार पर सूर्यकांत को पार्टी से बाहर किया गया। पार्टी से बाहर किए जाने के बाद भी सूर्यकांत निर्दलीय चेयरमैन पद के लिए चुनाव मैदान मेें हैं। पार्टी से निकाले गए सूर्यकांत का कहना है कि उन्होंने कभी पार्टी की छवि खराब करने की कोशिश नहीं की। जिन लोगों को पार्टी ने जिम्मेदारी दी है वही कुछ लोग पार्टी को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। जिलाध्यक्ष सालिगराम का कहना है कि अनुशासनहीनता के आरोप में सूर्यकांत को पार्टी से बाहर किया गया है। उन्होंने पार्टी के नेताओं पर रूपए लेकर टिकट बांटने का आरोप लगाया था। इतना ही नहीं बसपा प्रत्याशी के सामने निर्दलीय नामांकन भी कर दिया था। सपा जिलाध्यक्ष रामसेवक यादव द्वारा सपा के जिला सचिव सत्यवीर यादव समेत वरिष्ठ नेता मनप्रीत सिंह कीर और डाॅ. सत्यप्रकाश धनगर को पार्टी से बाहर कर दिया था। इसके बाद से ही पार्टी में विरोध के स्वर उठने लगे हैं। अंदरखाने सपाई एकजुट होने लगे हैं। जिलाध्यक्ष के विरूद्ध सपा के अंदर बगावत करने की तैयारी शुरू हो गई है। हालांकि अभी तक कोई भी पदाधिकारी सामने आकर कुछ भी बोलने से इंकार कर रहा है लेकिन माना जा रहा है कि मतदान से पहले सपा में बडा विस्फोट हो सकता है।