⇒बूथ पर पहला वोट डालने वाले को राज्य निर्वाचन आयोग से मिला जागरूकता प्रमाण पत्र
⇒खटारा व गड़बड़ी युक्त ईवीएम के चलते जिले का मतदान हुआ प्रभावित
⇒जिले के निर्वाचन अधिकारियों की लापरवाही के चलते भी मतदान का प्रतिशत हुआ प्रभावित
कानपुरः जन सामना ब्यूरो। कानपुर निकाय चुनाव-2017 में अपने बूथ पर पहला वोट पहला वोट डालने वाले मतदाता को जागरूक मतदाता का प्रमाण पत्र दिया गया। प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए मतदाता सुबह ही मतदान केन्द्रों पर पहुँच गए। चुनाव में वोट प्रतिशत बढाने के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा प्रत्येक चुनाव से पहले जागरूकता अभियान चलाया जाता है। अबकी निकाय चुनाव मे निर्वाचन आयोग के आदेश / निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा शहर मे जगह-जगह जनजागरूकता रैलियां, विचार गोष्ठी एवं जनजागरूकता शिविरों का आयोजन किया गया। स्कूल, कालेजों में भी जागरूकता अभियान चलाया गया। समाज सेवी सगंठनो एवं व्यापार मंडलों ने भी अपने स्तर से मतदाता जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा भी मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए नया प्रयोग किया गया। इसके तहत पोलिंग स्टेशन के प्रत्येक बूथ पर पहला वोट डालने वाले को जागरूक मतदाता होने एवं लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करने का प्रमाण पत्र दिया गया। जिलाधिकारी द्वारा हस्ताक्षरयुक्त प्रमाण पत्र बूथ के पीठासीन अधिकारी द्वारा पहला वोट डालने वाले मतदाता को देकर उन्हें सम्मानित किया गया। प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए कई मतदान केंद्रों पर मतदाताओं मे आपस में हल्की फुल्की बहस भी हुई। पीठासीन अधिकारी द्वारा मतदान केंद्र पर पहले पहुचने व मतदान करने वाले को ही प्रमाण पत्र दिए जाने के आदेश के बाद लोग शांत हुए। बूथ संख्या 776 पर सबसे पहले मतदान करने पहुंचे गोबिन्द नगर निवासी प्रकाश वीर आर्य को पीठासीन अधिकारी पी के पाण्डेय ने राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी प्रमाण पत्र प्रदान किया। प्रमाण पत्र हासिल करने पहुंचे अन्य लोगों को मायूस होकर केवल मतदान कर ही वापस लौटना पड़ा। वहीं प्रमाण पत्र पाकर लोग अपने को गौरवान्वित महसूस करते दिखे। पीठासीन अधिकारी द्वारा प्रदान किए गए प्रमाण पत्र को लोगों ने अपने व्हाट्सअप एवं फेसबुक जैसे सोशल मीडिया पर भी खुब शेयर किया। शुभचिंतको ने भी उन्हें प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए सोशल मीडिया पर ही उन्हें बधाईया एवं शुभकामनाएं दी।
लेकिन खास बात हर चुनाव की तरह यह भी रही कि चुनाव आयोग / जिला प्रशासन दूसरों को जागरूक करने के लिए भले ही जुटा रहा लेकिन खुद अपने को जागरूक नहीं कर पाया। नतीजन शहर के तमाम पोलिंग सेन्टरों पर लोग इस लिए वोट नहीं डाल पाये क्योंकि चुनाव सम्पन्न कराने व मतदाता सूची तैयार करते समय अधिकारियों ने खूब लापरवाही की। इसीलिए किसी किसी वार्ड से हजारों मतदाताओं के नाम गायब दिखे। आम नागरिक ही नहीं खास नागरिकों के नाम मतदाता सूची से गायब दिखे। मतदाता सूची से नाम गायब होने के कारण भी मतदान का प्रतिशत प्रभावित हुआ। निकाय चुनाव को सम्पन्न कराने वाले अधिकारियों ने खूब मनमानी की। हरबार की तरह इस बार भी मतदाता सूची को त्रुटि रहित प्रकाशित करवाने में निर्वाचन अधिकारी नकारा व लापरवाह साबित हुए। आज मतदान के दिन कई स्थानों पर ईवीएम में गड़बड़ी अथवा खराबी के चलते भी मतदान प्रभावित हुआ। इस दौरान शिकायत कर्ताओं की बात निर्वाचन अधिकारियों ने नहीं सुनीं।
जिन मतदाओं को मतदान का अवसर नहीं मिला वो जिले के अधिकारियों को खूब खरी खोटी कहते दिखे। वहीं कई मतदान स्थलों पर चर्चा का विषय यह भी रहा कि किसी भी बटन को दबाओ वोट भाजपा के प्रत्याशी को गया। कुछ लोग मतदान करने इस लिए नहीं गए कि उनके मन में यह गलतफहमी स्थान कर गई कि उनका वोट भाजपा के प्रत्याशी को ही जायेगा इस लिए भी कुछ लोग मतदान करने नहीं गए। क्योंकि कई स्थानों पर ईवीएम में गड़बड़ी की खबरें प्रकाश में आने लग गई थीं।