रायबरेलीः राहुल यादव। वरिष्ठ साहित्यकार कवि प्रमोद प्रखर की प्रकाशित नवगीत कृति ‘अभी समय है’ का लोकार्पण एकलव्य पब्लिकेशन, इन्द्रा नगर में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रख्यात शायर नाज प्रतापगढ़ी ने कहा कि यह कृति उनकी जिजीविषा और विरल साहित्य साधना का परिणाम है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुपरिचित नवगीतकार डा0 विनय भदौरिया ने कहा कि ये नवगीत उनकी विराट मानवीय सोच को दर्षाते हैं। इन गीतों में जीवन और समाज के सभी पहलुओं के दर्शन किये जा सकते हैं। जय चक्रवर्ती ने प्रखर जी के विराट रचना संसार पर प्रकाश डालते हुए उन्हें बहुमुखी प्रतिभा सम्पन्न साहित्यकार बताया और कहा कि उनके नवगीतों में सामाजिक विडम्बनाएं दिखाई देती है।
साहित्यकार रमाकांत ने प्रखर जी के नवगीतों को समय का आइना बताया और कहा कि उन्होंने अपने नवगीतों में स्त्री, किसान, शोषित, पीडित आदि की व्यथा को पूरी शिद्दत और ईमानदारी से उठाया है। राम मनोहर मिश्र ने प्रखर जी को बहुमुखी प्रतिभा सम्पन्न व्यक्ति बताया।
कार्यक्रम में डा0 मनोज सिंह चैहान, अंकुर गुप्ता (प्रबंधक ग्लोबेक्स इन्स्टीट्यूट), राम जियावन पाण्डेय मौजूद रहे। इसके अलावा कविता शर्मा, स्वाति शर्मा मौजूद रहे।
अंततः पंकज शर्मा (मैनेजर, एकलव्य पब्लिकेशन) ने सभी आगन्तुकों का आभार व्यक्त किया व पब्लिकेशन की आगामी गतिविधियों के बारे में परामर्श किया।