Monday, November 25, 2024
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यूनिट न बंद करने के निर्णय के सवाल पर उलझा है मामला

ऊंचाहार,रायबरेलीः जन सामना ब्यूरो। भारत सरकार ऊर्जा मंत्रालय की टीम एनटीपीसी हादशे मे जिम्मेदार तक पहुँचने के रास्ते मे बड़ी अड़चन आ रही है। चालू यूनिट मे इतने बड़े क्लिंकर को निकालने का निर्णय किसका था ? इस सवाल पर जांच टीम उलझी हुई है। एनटीपीसी के 6 नंबर ब्वायलर मे फंसे करीब 20 मीटर क्लिंकर को यूनिट के चालू अवस्था मे निकाला जा रहा था। जिसके कारण ब्वायलर ट्यूब , डक्ट और ड्राई ऐश सिस्टम फट गया था। जिसकेर कारण एनटीपीसी के तीन अतिरिक्त महाप्रबंधक समेत कुल 45 लोग मारे गए थे। इस हादशे की जांच के लिए भारत सरकार की कई टीमे लगी हुई है। जिसमे ऊर्जा मंत्रालय की टीम सोमवार को दूसरी बार ऊंचाहार आयी है। यह टीम मंगलवार को भी विभिन्न विंदुओ को खँगालने मे लगी रही है। जांच टीम यह जानना चाहती है कि चालू हालत मे क्लिंकर निकालने का निर्णय किसका था ? इस संबंध मे एनटीपीसी अधिकारी यही तर्क दे रहे है कि कंपनी मे सारे निर्णय समूहिक होते है। कसी एक व्यक्ति का निर्णय नहीं है। लेकिन जांच टीम इस तर्क से सहमत नहीं है। किसी भी यूनिट को बंद करने के लिए ब्वायलर मेंटीनेंस डिपार्टमेन्ट ( बीएमडी ) और ऑपरेशन विभाग मिलकर निर्णय लेते है।द्य इस बात कि जानकारी हासिल कि जा रही है कि दोनों विभागो ने ऐसा कोई सुझाव अधिकारियों को दिया था कि नहीं यदि दिया गया था तो उस पर अमल क्यो नहीं हुआ ? यदि नहीं दिया गया तो क्यो नहीं दिया गया। इसमे कहीं न कहीं किसी बड़े अधिकारी का दबाव था कि यूनिट को बंद न करके चालू हालत मे जोखिम भरा काम किया जाए। टीम यह भी जानने की कोशिश कर रही है कि आखिर विदूयुत उत्पादन बाधित न हो और जान जोखिम मे डालकर काम करने के लिछे कौन कौन है। ऐसी कौन सी मजबूरी थी कि यूनिट को चालू रखना जरूरी था। टीम यह भी जानने की कोशिश कर रही है कि मौके पर सही स्थित का आंकलन करने मे चूक क्यो हुई ? क्योकि ऐसा माना जाता है कि 500 मेगावाट क्षमता वाली यूनिटों मे क्लिंकर अधिक बनता है। और तेजी के साथ बनता है। इस बात के जानकार लोग काम कर रहे थे , फिर भी यह हादशा क्यो हुआ ? इन तमाम सवालो का जवाब एनटीपीसी अधिकारी नहीं दे पा रही है। जांच टीम सही जवाब और सही जिम्मेदार को तय करके भारत सरकार को अपनी रिपोर्ट देना चाहती है। जिसके आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।जांच टीम के सवालो के बारे मे एनटीपीसी का कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।जांच प्रक्रिया से अलग है आरईडी
ऊंचाहार एनटीपीसी हादशे को लेकर एनटीपीसी के अधिशाषी निदेशक उत्तरी क्षेत्र प्रारम्भ से ही संदेह के घेरे मे है। उनको जांच प्रक्रिया से बिलकुल अलग रखा जा रहा है। अब तक जितनी भी जांच टीमे ऊंचाहार आयी है।उनके साथ एनटीपीसी का पक्ष रखने के लिए एनटीपीसी के निदेशक ऑपरेशन प्रकाश तिवारी बने हुए है। ऊंचाहार के समूह महाप्रबंधक आर के सिन्हा भी टीमों के साथ लगे हुए है ? लेकिन एनटीपीसी के क्षेत्रीय निदेशक आर एस राठी को पूरी जांच प्रक्रिया से दूर रखा गया है।उन पर एनटीपीसी का एक अधिकारी घटना के दिन ही टीवी चैनल पर आरोप लगा चुका है। ऐसा कहा जा रहा है कि आरईडी के ही दबाव के कारण यूनिट को बंद नहीं किया गया है। यही कारण है कि इस पूरे प्रकरण मे उनको दूर रखा जा रहा है।सोमवार को ऊंचाहार आयी टीम के साथ भी आर ई डी नहीं आए है।