अग्निशमन सेवा कर्मी अग्निशमन एवं जीव रक्षा कार्य करते हुये सार्वजनिक कार्यक्रमों, जुलूसों आदि में शान्ति व्यवस्था कायम रखने में भी जिला पुलिस का करते हैं पूर्ण सहयोग: मुख्य सचिव
14 अप्रैल से 20 अप्रैल के मध्य सम्पूर्ण भारतवर्ष में आयोजित अग्नि सुरक्षा सप्ताह के अन्तर्गत नागरिकों को अग्नि से बचाव तथा सावधानी बरतने हेतु कराया जाए जागरूक: राजीव कुमार
लखनऊ, जन सामना ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजीव कुमार ने कहा है कि उत्तर प्रदेश अग्निशमन सेवा कर्मी अग्निशमन एवं जीव रक्षा कार्य करते हुये विभिन्न अवसरों पर आयोजित सार्वजनिक कार्यक्रमों, जुलूसों आदि में शान्ति व्यवस्था कायम रखने में जिला पुलिस के साथ जिला प्रशासन का पूर्ण सहयोग करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों में अग्निशमन सेवा कर्मियों की भूमिका सदैव प्रशंसनीय रहती है। उन्होंने कहा कि 14 अप्रैल से 20 अप्रैल के मध्य सम्पूर्ण भारतवर्ष में आयोजित अग्नि सुरक्षा सप्ताह के अन्तर्गत नागरिकों को अग्नि से बचाव तथा सावधानी बरतने हेतु जागरूक करने के लिये विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन कराए जाएं।
मुख्य सचिव आज यहां मुख्य सचिव आवास पर महानिदेशक, अग्निशमन सेवाओं द्वारा ‘‘पिन फ्लैग’’ लगाये जाने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विगत 14 अप्रैल, 1944 को दिवंगत अग्निशमन कर्मियों को याद करते हुये उन्हें श्रद्धाजंलि अर्पित करने के लिये सम्पूर्ण भारतवर्ष में ‘‘अग्निशमन सेवा शहीद दिवस’’ के रूप में मनाया जाता है। महानिदेशक, अग्निशमन सेवा ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश के 75 जनपदों में कुल 286 फायर स्टेशन स्वीकृत हैं जिन पर अग्निशमन सेवा के 9172 कर्मी ‘‘त्राणाय सेवामहे’’ की भावना से कुल 1560 वाहनों, मशीनों/पम्पों की सहायता से निष्ठापूर्वक अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं। गतवर्ष अग्निशमन कर्मियों द्वारा कुल 36019 अग्नि दुर्घटनाओं व जीव रक्षा पुकार में अपने सीमित संसाधनों से 1694 मनुष्यों तथा 5514 पशुओं की जीव रक्षा करते हुये अनुमानित 28 अरब 01 करोड़ की सम्पत्ति बचाई गयी। इस प्रकार उ0प्र0 अग्निशमन सेवा द्वार प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाये रखने में बहुत ही सार्थक भूमिका निभाई गयी। विगत 14 अप्रैल, 1944 को मुम्बई बन्दरगाह में फोर्ट स्टीकेन नामक मालवाहक जहाज में अकस्मात आग लग गई। इस आग को बुझाते समय जहाज में बिस्फोट के कारण 66 अग्निशमन कर्मियों ने कर्तव्य की बलि-बेदी पर अपने प्राण न्यौछावर कर दिये थे और 83 अग्निशमन कर्मी घायल हुए। इस घटना में आम जनता के 150 से भी अधिक व्यक्तियों की मृत्यु हुई।