कानपुर, स्वप्निल तिवारी। आज माहे रमजान के पहले जुमे को कानपुर की सभी मस्जिदों में रोजदारों की भीड़ उमड़ी और रोजदारों ने रहमत की दुआ मांगी। चिलचिलाती धूप में रोजेदार अल्लाह से रहमत की दुआ मांग रहे थे कि अल्लाह हम सब पर अपनी रहमत की बारिश कर दे मौसम को नर्म कर दे। नानपारा मस्जिद यतीमखाना चौराहे पर रोजदारों ने शहर, सूबे, व मुल्क के अमन के लिये दुआ मांगी। बता दें कि रमजान माह मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माह है। इस माह में अल्लाह अपने बन्दों पर रहमत की बारिश करता, पिछले गुनाहों की तौबा इस माह की 5 अति महत्वपूर्ण रातों में कबूल होती है। रमजान माह में रोजे रखने का मतलब यह है कि इंसान जब भूखा प्यासा होता है तो उसे दूसरे की भूख प्यास का एहसास होता है और इंसानियत को समझता है इसका दूसरा मकसद यह है वैज्ञानिकों ने भी स्पष्ट किया है। रमजान माह के रोजे रखकर मुस्लिम समाज के लोग बेशक अपने अल्लाह को याद करते हैं। मगर इससे वह तमाम बीमारियों से भी बच जाते हैं।