सासनी, जन सामना ब्यूरो। पिछले माह 18 अप्रैल को कस्बा में ब्राह्मणों द्वारा भगवान परशुराम जंयती निकाले जाते वक्त एसएचओ प्रदीप कुमार द्वारा एसडीएम के आदेश से सात थानों की पुलिस और एक प्लाटून पीएसी का बुलाए जाने तथा बाद में ब्राह्मणों के खिलाफ धारा 144 का उलंघन करने का आरोप लगाते हुए धारा 188 की कार्रवाई की गई थी। जिसमें 26 लोग नामजद और करीब 200 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के विरोध में ब्राह्मणों में काफी रोष छा गया था। जिसे लेकर ब्राह्मण एकजुट हुए और आंदोलन की आग में कूद पडे। जिसे लेकर प्रशासन को केवल झुकना पडा, और ब्राह्मणों के खिलाफ की गई कार्रवाई को वापस ले लिया। शुक्रवार को ब्राह्मणों पर परशुराम जयंती शोभायात्रा की गई कार्रवाई को लेकर अपने आदेश में एसडीएम अंजुम बी ने लिखा है कि 18 अप्रैल को पुलिस चालानी आख्यामें 26 लोगों के खिलाफ नोटिस अंतर्गत धारा 111 के अंतर्गत जारी किया गया था चालानी रिपोर्ट में मूल विवाद भगवान परशुराम जंयती शोभायात्रा निकाले जाने पर शांतिभंग का अंदेशा जताया था। जिसमें एक पत्र 7 मई को थाना सासनी की रिपोर्ट मिली कि शोभायात्रा निकाले जाने से वर्तमान में शांति व्यवस्था भंग होने की किसी भी प्रकार की संभावना अथवा कोई विवाद आदि होने का अंदेशा तो नहीं है। इसमें जब एसडीएम ने कोतवाली से आख्या मांगी तो थाना सासनी ने 17 मई को आख्या दी कि पं. प्रकाश चंद्र शर्मा आदि 26 लोग भगवान परशुराम जयंती शोभायात्रा दिनांक 18 अप्रैल को बिना अनुमति निकाले जाने में शांति व्यवस्था भंग होने के संबध में भेजी गई थी। भगवान परशुराम जयंती कस्बा सासनी में संपन्न हो चुकी है। वर्तमान में पंडित प्रकाश चंद्र शर्मा तथा अन्य से किसी भी प्रकार का शांति भंग होने का अंदेशा नहीं है। और ना ही कार्रवाई की आवश्यकता है। एसडीएम ने आदेश में कहा है कि कोतवाली की आख्या 17/05/2018 के आधार पर वर्तान में विपक्षीगण की ओर से कोई शांतिभंग का अंदेशा नहीं है अतः कोतवाली सासनी की आख्या से संतुष्ट होते हुए उक्त वाद की कार्रवाई समाप्त की जाती है। आवश्यक कार्रवाई के लिए आदेश पत्रावली एसडीएम ने कोतवाली को भेजी है। एसडीएम के इस आदेश से ब्राह्मण बंधुओं में खुशी की लहर है।