कानपुर, स्वप्निल तिवारी। आंगनबाड़ी सहायिका संघ कानपुर के तत्वाधान में अध्यक्ष मिथिलेश पांडे की अध्यक्षता में जिला अधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया गया आरोप लगाते हुए मिथिलेश पांडे ने कहा कि महिला एवं बाल विकास पुष्टाहार विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा 6 महीने से मानदेय नहीं दिया गया है। उसी प्रकार नगर निगम द्वारा पिछले 3 वर्षों पूर्व 2015 16 में कार्यरत आधार जनगणना के कार्य का भुगतान आज तक नहीं किया गया है। इस कार्य को भी 3 वर्ष हो गए हैं। जिसके लिए जिला अधिकारी कार्यालय पर आज ज्ञापन भी दिया गया है। ज्ञापन में आंगनबाड़ी की महिलाएं बीएलओ कार्य करने में असमर्थ हैं वर्करों को 6 महीने से मानदेय ना मिलने 6 महीने से मानदेय ना मिलने के कारण आर्थिक स्थिति चरमरा गई हैऔर अपने परिवार व बच्चों के भरण पोषण में दिक्कतें आ रही हैं। छोटी-छोटी चीजों को उनके लिए मोहताज हो गए हैं। क्योंकि घर की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। घर का रखा हुआ धन खत्म हो गया है जब पैसा नहीं होगा तो काम कहां से कर पाएंगे। जानकारी देते हुए रेनू तिवारी ने बताया कि अगर मानदेय के लिए आवाज उठाते हैं। तो जिला अधिकारी के नाम से एसीएम, सीएमओ, बीएलओ धमकी देते हैं। कि आपकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी। विधानसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में जब योगी सरकार आई थी तब कहा था। कि 120 दिन में आंगनवाड़ी महिलाओं का मानदेय सम्मानजनक किया जाएगा मनरेगा मजदूरों से भी कम मानदेय आंगनबाड़ी महिलाओं को दिया जाता है। उसका भी भुगतान नहीं होता है। 40 वर्षों से आंगनबाड़ी महिलाएं अपने हक की लड़ाई लड़ रही हैं। लेकिन स्थिति जस की तस है। सरकारें बदल जाती हैं। लेकिन आंगनबाड़ी महिलाओं की स्थिति वही की वही है। काम तो लिया जाता है लेकिन भुगतान नहीं किया जाता है। गौर करने की बात यह है उत्तर प्रदेश में योगी सरकार राम की बात तो करती है लेकिन राम कि मानती नहीं है। क्या राम ने कहा था की किस का हक का पैसा ना दिया जाए और जब वह हक महिलाओं का होता है तो उस पर तो और गौर करना चाहिए क्योंकि महिलाएं किस तरह अपना परिवार चला रही हैं। और अपने बच्चे पाल रही हैं राम ही जाने आंगनबाड़ी महिलाओं को कब उनका मानदेय मिलेगा मुख्य रूप से उपस्थित मिथिलेश पांडे, रेनू तिवारी, राधा रानी शर्मा, अंजलि, धनलक्ष्मी, क्रांति यादव, व रीता गुप्ता आदि लोग मौजूद रहे।