कानपुर/घाटमपुर, शीराजी। कस्बे के आधा दर्जन स्थानों में पानी संकट सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। कई महीनों से पेयजल संकट से जूझ रहे नागरिक बेहाल है। भीषण गर्मी और रमजान के पवित्र महीने में पेयजल संकट के कारण समस्या ने विकराल रुप ले लिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार कस्बे के विभिन्न क्षेत्रों में भीषण पेयजल संकट और गहरा गया है। पिछले माह कोतवाली सभागार में शांति समिति की बैठक के दौरान कस्बे के गणमान्य लोगों ने पेयजल संकट एवं आवारा सूअरों से निजात दिलाने के लिए गुहार लगाई थी। लेकिन ना तो पेयजल समस्या का समाधान हो पाया, और ना ही आवारा सूअरों से नागरिको को राहत मिली। लगभग 2 वर्ष पूर्व करोड़ों रुपए खर्च कर नगर क्षेत्र में पानी की टंकियां ओवरहेड का. निर्माण कराया गया था। लेकिन आधा दर्जन से ज्यादा इलाके आज भी ऐसे हैं जहां ना तो पहले पानी जाता था, और ना अब भी जाता है। नागरिकों ने तमाम बार शिकवा शिकायत की लेकिन कोई नतीजा हासिल नहीं हो पाया है। नई बनी पानी की टंकी ओवरहेड से उन्हीं इलाकों में पानी की आपूर्ति बढ़ गई है। जहां पहले से ही पानी की समस्या नहीं थी। कस्बे के मोहल्ला शेख वाड़ा, शिवपुरी पूर्वी, शिवपुरी पश्चिमी, पचखुरा, वार्डों के कुछ भाग तथा हवेली आदि इलाकों में आज भी लोग पेयजल समस्या से जूझ रहे हैं। नागरिक रोजे और भीषण गर्मी के बावजूद डिब्बे साइकिलों में टांग कर एवं हाथों से ढोने के लिए मजबूर हैं। छोटे-छोटे बच्चे वृद्ध महिलाएं पानी के लिए मारे मारे फिर रहे हैं। नागरिको का कहना है ।कि या तो हम यहां से अपने घर मकान बेच कर दूसरे इलाकों में चले जाएं, या फिर यहां पर पानी ढोने के लिए अपना समय बर्बाद करते रहें। नागरिकों का दर्द है, कि पानी की तलाश में हम लोगों का वह कीमती समय बर्बाद हो जाता है जिसमें हम दो वक्त की रोटी का बच्चों को पालने के लिए इंतजाम कर सकते हैं। लेकिन पानी जैसी अहम जरूरत को भी नकारा नहीं जा सकता है। कई महीनों से पानी की समस्या है। लेकिन इधर भीषण गर्मी और रमजान माह में पानी की समस्या ने और विकराल रूप धारण कर लिया है। अब पानी के लिए लोगों के सामने गिड़गिड़ाना पड़ता है, और उनकी चिरौरी करनी पड़ती है फिर भी पानी पर्याप्त मात्रा में मिल नहीं पा रहा है। जिससे नागरिक बेहद परेशान हैं और उनमें आक्रोश पनप रहा है।