सासनी, जन सामना संवाददाता। बुधवार को अलाउद्दीन हसन शाह बिलाली की दरगाह पर रोजा इफ्तार का प्रोग्राम किया गया। जिसमें सज्जादा गद्दी नशीन हजरत इरशाद हसन शाह बिलाली ने रोजेदारों को रोजा इफ्तार कराया। इस दौरान सैकडों रोजादारों ने शिरकत की। रोजा इफ्तार के दौरान सज्जादा गद्दी नशीन हजरत इरशाद हसन शाह बिलाली ने बताया कि अल्लाह रोजेदारों की दुआ के लिए लिए 70 हजार फरिश्तों को जमीन पर भेजते हैं ! रोजेदार को जहन्नम की आग में नहीं जलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि सब तारीफे अल्लाह के लिए है जो तमाम जहाँ का पालनेवाला है, हम उसीकी तारीफ करते है और उसी का शुक्र अदा करते है. अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक नहीं है। जब रमजान आता है तो आसमान के दरवाजे खोल दिए जाते है, जहन्नम के दरवाजे बन्द कर दिए जाते है और शयातीन को जंजीरों से जकड दीये जाते है। जिसने रोजेदार का रोजा इफ्तार करवाया से भी उतना ही सवाब मिलेगा जितना सवाब रोजेदार के लिए होगा और रोजेदार के सवाब से कोई चीज कम ना होगी। अगर कोई अल्लाह कि सारी बाते और खूबियां बताना या लिखना चाहे तो ऐसा नहीं कर सकता इसलिए कि “अगर सारे समंदर श्याही बन जाये और दुनिया के सारे पेड कलम तो भी अल्लाह कि बाते पूरी नहीं लिखी जा सकती। करीब सौ से भी अधिक रोजेदारों को रोजा इफ्तार कराया गया। इस दौरान सैकडों रोजेदार मौजूद रहे।