इटावा, राहुल तिवारी। जिला प्रशासन की जमीन पर निर्मित सेंट मेरी स्कूल की इमारत पर गिरेगी गाज। रेवेन्यू बोर्ड से मुकदमा हार जाने के बाद भी स्कूल प्रबंधन लगातार निर्माण कराने में लगा था। जिसकी सूचना मिलने पर जिलाधिकारी के निर्देश पर उपजिलाधिकारी सदर सिद्धार्थ, पुलिस उपाधीक्षक नगर अंजनी चतुर्वेदी, सिटी मजिस्ट्रेट राकेश पटेल, नगर पालिका की टीम के साथ स्कूल की इमारत गिराने पहुंचे। स्कूल प्रबंधन के निवेदन पर उपजिलाधिकारी सदर ने 24 घंटे के अंदर जरूरी दस्तावेज प्रस्तुत करने का आदेश दिया। दस्तावेज प्रस्तुत न करने की स्तिथि में कल प्रशासन का बाहुवली अवैध निर्माण को ध्वस्त कर देगा। मिशसनरी संस्था से संचालित इस स्कूल में जिला प्रशासन के अधिकारियों के ज्यादातर बच्चे इसी स्कूल में पढ़ते है।और लगातार करोड़ो रूपये की जमीन को खाली कराये जाने को लेकर इटावा के आम लोगो के बीच इस बात की चर्चा है कि कही न कही स्कूल प्रबंधन से अधिकारियों की सहानभूति बनी हुई है जबकि प्रदेश की योगी सरकार लगातार सरकारी जमीन को खाली कराये जाने को लेकर सख्त रुख अपनाए हुए है। अवैध कब्जेदार स्कूल के प्रबन्धक ने अधिकारियों के सामने भी अड़ियल रुख अपनाते हुए नोटिस की मांग कर दी जिसके बाद सीओ सिटी और उपजिलाधिकारी ने प्रंबन्धक को लताड़ लताड़ लगाते हुए कहा कि ये सरकारी जमीन है जो कि जिलाधिकारी के नाम है जिसका मुकदमा भी प्रशासन जीत चुका है और रेवन्यू बोर्ड से जमीन पर कब्जा लेने का निर्देश प्राप्त हो चुका है इसके बाद अपनी जमीन पर कब्जा लेने के लिये कोई नोटिस की जरूरत नही है। इस पूरे घटनाक्रम को चुपचाप अपने मोबाइल में रिकॉर्ड वाले स्कूल के एक कर्मचारी को भी उपजिलाधिकारी के निर्देश पर पुलिस द्वारा पुलिस की गिरिफ्त में ले लिया गया। करोड़ो रूपये की ये जमीन शहर के प्रमुख थानों में से एक सिविल लाइन थाने के ठीक पीछे स्थित है।