Monday, November 25, 2024
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व्यापारियों ने वित्त मंत्री को गिनाई जीएसटी में कमियां

हाथरस, नीरज चक्रपाणि। उ.प्र. सरकार के कैबिनेट वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल के पहली बार हाथरस आगमन पर व्यापारियों द्वारा आगरा रोड स्थित दाल वाली बगीची पर फूल मालाओं से लादकर जहां जोरदार स्वागत किया गया वहीं तमाम व्यापारियों व व्यापारी संगठनों द्वारा उन्हें विभिन्न समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपे गये।
प्रदेश सरकार के कैबिनेट वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल को उ.प्र. उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मण्डल के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष मदन मोहन अपना वाले, जिलाध्यक्ष अनुभव अग्रवाल के नेतृत्व में सौंपे गये ज्ञापन में कहा गया है कि जीएसटी काउंसलिंग की बैठक में 1 माह में व्यापारी को 3 रिटर्न के स्थान पर 1 रिटर्न भरने का जो महत्वपूर्ण निर्णय लिया है उसके लिये हम आपका आभार व्यक्त करते हैं। यह सराहनीय निर्णय लिया है, जीएसटी में समस्याओं का समाधान होना भी अति आवश्यक है। हर जनपद में बडी कम्पनियों के डिस्ट्रीब्यूटर अपने सेल्स वाहनों से प्रतिदिन विभिन्न उत्पादनों को लेकर नगर एवं गांव की दुकान-दुकान बेचने जाते हैं। जिस दुकान पर जो माल बिकता है वहीं उसका बिल काटा जाता है। सेल्स वाहन में सभी उत्पादन मिलाकर 50 हजार से अधिक का माल होता है। जनपद की सीमा को ई-वे बिल से मुक्त किया जाये। गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश ने इसे मुक्त कर दिया है। उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने भूमिका इण्टरप्राइजेज के बाद में आदेश दिया है कि ई-वे बिल की फिजीकल काॅपी न होने के बावजूद भी जीएसटी अधिकारी द्वारा माल जब्त नहीं किया जा सकता है। जीएसटी में समाधान योजना के लिए 1 करोड से बढाकर 1.5 करोड रूपये किये जाने की घोषणा की गई थी परन्तु उसका सरकुलर जारी नहीं हुआ। ई-वे बिल का पार्ट-बी भरने की जिम्मेदारी ट्रांसपोर्टर पर होनी चाहिए। यदि ट्रांसपोर्टर ने पार्ट बी नहीं भरा है तो पैनल्टी ट्रांसपोर्टर पर लगनी चाहिए न कि व्यापारी पर। धारा 138 (7) जो कि निलम्बित है तत्काल प्रभाव से लागू की जाये जिससे ट्रांसपोर्टर की जिम्मेदारी तय हो सके तथा करवंचन पर रोक लगेगी और व्यापारी पर भी पैनल्टी नहीं लगेगी। रिफण्ड करने की व्यवस्था हर महीने की जाये जिससे व्यापारी की पूंजी न फंसे। सभी रिफण्ड की व्यवस्था रिटर्न भरने के दो माह बाद करने का प्रावधान है जो कि गलत है।
ज्ञापन देने वालों में जिला महामंत्री हरीशंकर वार्ष्णेय, जिला कोषाध्यक्ष अभय कुमार अग्रवाल, मोहनलाल अग्रवाल सर्राफ, अशोक कुमार रंग वाले, महेशचन्द्र वर्मा, शैलेश दीक्षित, नरेन्द्र कुमार शर्मा आदि शामिल थे।
उ.प्र. उद्योग व्यापार मण्डल के जिलाध्यक्ष जगदीश पंकज ने सौंपे ज्ञापन में कहा है कि जिले में पीतल बर्तन निर्माण का उद्योग बहुत तेजी से बढ रहा है। बर्तन निर्माण में प्रयोग होने वाले कच्चे माल पर जीएसटी 18 प्रतिशत है जबकि तैयार माल के बर्तनों पर 12 प्रतिशत है जिससे काफी रकम आईटीसी में फंसी पडी है। जीएसटी को प्रारम्भ हुए एक वर्ष हो गया लेकिन अभी तक आईटीसी रिफण्ड की व्यवस्था नहीं की गई है। कच्चे माल पर जीएसटी 12 प्रतिशत की जाये।
इससे पूर्व व्यापारियों ने वित्त मंत्री का फूल मालाओं से लादकर स्वागत व प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में सिकन्द्राराऊ विधायक वीरेन्द्र सिंह राणा, पालिकाध्यक्ष आशीष शर्मा, छैलबिहारी खण्डेलवाल, विजय वार्ष्णेय मसाले वाले, अजय वार्ष्णेय, नितिन वार्ष्णेय, चरित्र वार्ष्णेय, गौरव आर्य, सुनील कुमार, प्रदीप गोयल, मनोज अग्रवाल राया वाले, देवेन्द्र मोहता, विष्णु गौतम, अनिल वार्ष्णेय, सुरेशचन्द्र आंधीवाल, गिरीश वार्ष्णेय, रामकुमार अग्रवाल नमकीन वाले, पंकज खण्डेलवाल, विपुल सिंघानिया, राकेश बंसल हींग वाले, कन्हैयालाल अग्रवाल, हरीश खण्डेलवाल, विष्णु बौहरे, गिर्राज किशोर नीरव, अनूप अग्रवाल, सुरेन्द्र वार्ष्णेय, अनिल कूलवाल, राजीव वार्ष्णेय, सुनील शर्मा, मोहित शर्मा, मनोज शर्मा, हरीश आंधीवाल आदि तमाम लोग मौजूद थे।