छह माह से मानदेय के लिए चक्कर लगा रहे शिक्षा प्रेरक
टूंडला, जन सामना संवाददाता। निरक्षरों को साक्षर बनाने का काम कर रहे शिक्षा प्रेरकों की सेवा समाप्त हुए छह माह हो गए लेकिन उनका मानदेय अभी तक नहीं मिला है। प्रेरक मानदेय के लिए अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं। शिक्षा प्रेरकों ने मानदेय दिलवाने की मांग की है। मानदेय न मिलने पर धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी है।
उसायनी पर हुई बैठक में अमित दुबे ने कहा कि सरकार ने निरक्षरों को साक्षर बनाने के लिए शिक्षा प्रेरकों की नियुक्ति की थी। जिसमें एक महिला और एक पुरूष शामिल थे। प्रेरकों को दो हजार प्रतिमाह मानदेय दिए जाने का आश्वासन दिया था। 31 दिसंबर 2017 को शिक्षा प्रेरकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई। ज्वाइनिंग से लेकर अब तक करीब 45 फीसद ही मानदेय का भुगतान कियाा गया है। बाकी भुगतान के लिए प्रेरक अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं। दो हजार महीने के मानदेय में भी विभागीय अधिकारी आना कानी कर रहे हैं। हरिप्रताप ने कहा कि यदि प्रेरकों को बकाया भुगतान नहीं किया गया तो मजबूरन धरना प्रदर्शन करने को विवश होना पडेगा। जिसकी जिम्मेदारी संबंधित अधिकारियों की होगी। राकेश कुमार ने कहा कि प्रेरकों ने सेवा भाव के तहत कार्य किया और दो हजार में भी उनका भुगतान नहीं किया जा रहा है। बैठक में सत्यवीर, सुुनील, शालिनी, पूनम, विनोद, दीप्ती, अजय, नरेन्द्र, विनीता, सुमित, रीना, अनीता, हरी सिंह, मनोरमा, रेनू आदि मौजूद रहे।