कानपुर, स्वप्निल तिवारी। संगोष्ठी का उद्देश्य था शोधार्थियो और शिक्षकों का इस विषय पर विचारों पर आदान-प्रदान करना संगोष्ठी का उद्घाटन मुख्य अतिथि डॉक्टर नीलमा गुप्ता कुलपति सीएसजेएम विश्वविद्यालय कानपुर और ईस्टर्न संगठन यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर अति सम्मानित अतिथि डॉक्टर वंदना अस्थानां के कर कमलो द्वारा दीप प्रज्ज्वलित किया गया। डॉ नीलिमा गुप्ता ने कहा कि शोध कौशल केवल शोधार्थियों और शिक्षकों के लिए ही नहीं बल्कि समस्त व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए लाभकारी है वहीं दूसरी ओर आई डॉक्टर वंदना ने अपने विशिष्ट संबोधन में मौलिक शोध क्या है लेख और शोध पत्र में क्या अंतर है और एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर के गुणात्मक शोध पत्र पर प्रकाश डाला पीपीएन कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉक्टर निर्मल कुमार सक्सेना ने मुख्य वक्ता के रूप गुणात्मक शोध पत्र लेखन के आधारभूत तत्वों के संक्षेप में बताते हुए डाटा विश्लेषण परिणामों का विवेचन और रिपोर्ट लेखन पर सहन प्रकाश डाला पंडित के. ऐ. दुबे पदमेश ने ऐसे गुणात्मक शोध प्रबंध और शोध पत्र हिंदी में लिखे जाने को आज की महती आवश्यकता बताया सोशल रिसर्च फाउंडेशन की अध्यक्षा आशा त्रिपाठी ने सभी सम्मानित अतिथियों का गर्मजोशी से स्वागत किया इस अवसर पर नीता अग्निहोत्री, अलका कटियार, आशा वर्मा, नीना श्रीवास्तव, मंजू तिवारी, मनोज कुमार, शिप्रा सिंह आदि द्वारा शोध पत्र प्रस्तुत का विमोचन किया गया तथा अंत में सोशल रिसर्च फाउंडेशन के महासचिव राजीव मिश्रा के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ गोष्ठी का समापन हुआ संगोष्ठी का सफल संचालन लखनऊ के मनोवैज्ञानिक परामर्शदाता डॉक्टर कुमुद श्रीवास्तव द्वारा किया गया इस अवसर संगोष्ठी में श्याम सिंह पंवार, डी. के. मैथानी, विजेंद्र मिश्रा, इंद्रा, दीप्ति मिश्रा, भावना, नम्रता, रश्मि, पूनम, रूपा आदि उपस्थित रहे।