कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिला आपदा प्रबन्धन समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि एसडीएमसी के अन्तर्गत जनपद में स्कूल सेफ्टी प्लान की समस्त राजकीय, अशासकीय सहायता प्राप्त एवं वित्त विहीन माध्यमिक विद्यालयों में डीआईओएस, सीएमओ, पुलिस विभाग, स्वयं सहायता समूहों आदि के माध्यम से स्कूल आपदा प्रबंधन की योजना, नीति निर्धारण, आपदा से पूर्व और पश्चात स्कूल सुरक्षा के न्यूनतम मानकों का निर्धारण आदि पर विशेष ध्यान दिया जाये। उन्होंने कहा कि विद्यालय के प्राचार्य, प्रधानाचार्य आदि को बता दिया जाये कि जिन विद्यालयों, स्कूलों के आस पास बाढ/पानी़ पिछले सालों में समस्या आयी है वहां पहले से ही पूरी तरह से इंतजाम कर लिया जाये। उन्होंने कहा कि स्कूल के शिक्षकों व छात्रों को आपदा प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु व्यवस्था किया जाये। जिला आपदा प्रबन्धन योजना में स्कूल सुरक्षा को भी सम्मलित किया जाये। उन्होंने अग्निसमन अधिकारी से कहा कि आपदा के लिए अपनी तैयारी पूरी तरह से सुदृढ रखे जिस पर अग्निसमन अधिकारी ने बताया कि अग्नि की समस्या हेतु पहले डायल 101 नम्बर था जो अब डायल 100 नम्बर पर भी अग्निसमन विभाग पूरी तरह से मुस्तैद है।
जिलाधिकारी ने आरटीओ से कहा कि विद्यालयों, स्कूलों में जो बस, वैन आदि लगे है उनकी एक लिस्ट बना ले तथा एक सप्ताह अभियान के तहत जो बस, वैन आदि बच्चों को ज्यादा भरते है उनके खिलाफ कार्यवाही की जाये तथा मानक का विशेष ध्यान दिलाया जाये। उन्होंने कहा कि नवीन स्कूल/कक्ष निर्माण छात्रों की सुरक्षा की दृष्टि से सुरक्षित अनुकूल होना चाहिए, स्कूलों की अवस्थापना की दशा सुधारने के लिए स्त्रोतों का चिन्हीकरण कराकर सकूलों को सुरक्षित एवं छात्रों के अनुकूल बनाया जाये, प्रत्येक जनपद के डाइट में शिक्षक, छात्रों की आपदा प्रबन्धन संबंधी प्रशिक्षण हेतु मास्टर ट्रेनर के प्रशिक्षण आदि की व्यवस्था करायी जाये। उन्होंने कहा कि प्रारंम्भिक स्तर पर छात्र/छात्राओं को आपदाआं से बचने के लिए निमित्त परिपूर्ण ज्ञान अर्जित कराना चाहिए जिससे कि भविष्य में होने वाली किसी भी आपदाके प्रति चैतन्य भाव से तत्काल कार्यवाही करने में सजग हो सके। उन्होंने कहा कि जनपद में जितने भी एनसीसी, स्काउट आदि चल रहे है वे स्कूल, विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण दे जिससे कि भविष्य में आने वाली समस्याओं से वे निपट सके। उन्होंने कहा कि स्कूल के निर्माण में ऊपरी मंजिल की अनुमति सिविल इंजीनियर की अनुमति के बाद ही मिलनी चाहिए। स्कूल में फर्नीचर, आलमारी, सेल्कस, ब्लैकबोर्ड, सीलिंग फैन, कूलर्स, वाटर टैंक आदि सुरक्षित ढंग से व्यवस्थित होने चाहिए। बसों को किराये पर लेने से पूर्व उनकी फिटनेस आदि पर विशेष ध्यान दिया जाये। बैठक में मुख्य बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा की गयी। इस मौके पर एडीएम वित्त एवं राजस्व विद्याशंकर सिंह, वनाधिकारी डा0 ललित कुमार गिरी, डीडीओ अभिराम त्रिवेदी, पीडी शिव कुमार पाण्डेय, डीआईओएस अरविन्द कुमार द्विवेदी आदि जनपदस्तीय अधिकारी गण उपस्थित रहे।