Sunday, November 24, 2024
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किसान दिवस के दौरान भूगर्भ जल संरक्षण पर दिया जोर

किसान मेले को सम्बोधित करती डीएम, साथ में सीडीओ

जल संरक्षण के लिए वृक्षारोपण व स्प्रिकलर सिंचाई की सलाह, किसानों को दी खेतीबाडी की तकनीकि जानकारी
फिरोजाबाद, एस. के. चित्तौड़ी। जिलाधिकारी नेहा शर्मा की अध्यक्षता में विकास भवन परिसर में नेशनल मिशन आॅन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन एण्ड टेक्नोलोजी के सब मिशन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन (आत्मा) योजनान्तर्गत जनपद स्तरीय किसान मेला एवं प्रदर्शनी आयोजित की गयी। कार्यक्रम के दौरान जिलाधिकारी ने सुदूर क्षेत्रों से आये अन्नदाता प्रगतिशील कृषकों को उनके जज्बे के लिए नमन करते हुये कहा कि यह प्रगतिशील किसान विपरीत परिस्थितियों में भी पूरी मेहनत और निष्ठा के साथ नये-नये अभिनव प्रयोग करते रहते है, इसके लिए वह बधाई के पात्र है।
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि खेती के लिए जल अत्यन्त आवश्यक है और जनपद में भूमिगत जल का स्तर गिर रहा है जिसे हम सभी को मिलकर सुधारना होगा। हमें आने वाली पीढ़ीयों के लिए बूंद-बूंद पानी भी बचाना होगा। तकनीकि इस्तेमाल करके इसे सुधारा जा सकता है। जिसमे स्प्रिंकलर एवं ड्रिप सिंचाई प्रणाली आते हैं। सरकार द्वारा इस पर 90 प्रतिशत तक का अनुदान भी दिया जाता है। इसमें पानी का प्रयोग 75 प्रतिशत तक तथा उर्वरक का प्रयोग 50 प्रतिशत तक कम हो जाता है। उन्होने बताया कि जनपद की 1 लाख 70 हजार स्क्वायर किमी की भूमि में लगभग 1 लाख 30 हजार स्क्वायर किमी निजी नलकूपों से सिंचित है और लगभग तीस हजार वर्ग किमी नहरें द्वारा सिंचित हैं। इसलिये भूमिगत जल दोहन बडी किफायत से करें। जैसे हम अपने पास धन के अभाव में हाथ रोेककर खर्च करते है। इसके साथ ही जिलाधिकारी ने किसानों से अधिक से अधिक वृक्षारोपण किये जाने की अपील करते हुये बताया कि जिन किसानों को फसल ऋण मोचन योजना का लाभ मिला उन्हे निश्चित रूप से अपने खेत में वृक्षारोपण करके उसकी सूचना उपलब्ध करानी होगी। उन्होने बताया कि वनों से वर्षा का सीधा सम्बन्ध होता है और यह सीधे पर्यावरण से जुडे होते है। उन्होने सभी को पालीथीन का प्रयोग कतई न करने का संदेश भी दिया। उन्होने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा भी प्लास्टिक फोल्डर्स बिल्कुल बंद करके कपडेे के फोल्डर्स प्रयोग किये जा रहे हैं। उन्होेने किसानों की समस्याओं को भी एक-एक करके सुना और उनके प्रभावी निस्तारण के उददेश्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को दिए। मुख्य विकास अधिकारी नेहा जैन ने किसानों को सिंचायी की आधुुनिक प्रणाली प्रयोग करने का संकल्प दिलाते हुये कहा कि इससे इतने अधिक किसान जुडे़ कि हमे जनपद के लिये और अधिक लक्ष्य मांगना पडे़। उन्होने 16 से 22 जुलाई तक मनाये जाने वाले भूगर्भ जल सप्ताह के दौरान सभी से भूमिगत जल का कम से कम दोहन तथा अधिक से अधिक संचयन किये जाने का संकल्प दिलाया। किसान मेला के दौरान कृषि वैज्ञानिकों डा. सुभाष शर्मा, डा. ओमकार एवं तेज प्रताप ने किसानों की समस्याओं को सुना और उनका प्रभावी निस्तारण किये जाने की प्रक्रिया बताई। किसानों द्वारा गाजर घास (पार्थियम हिस्टोपोरियस) के खेत में अधिक जमने की समस्या पर बताया कि उसे उगते समय की जड़ सहित निकालकर गढढा खोदकर उसमें दबा दें। इसके साथ फसलों के अवशेष खेत में न जलाने की हिदायत कृषि वैज्ञानिकों को दी। किसान मेला के दौरान उपनिदेशक कृषि हंसराज, जिला कृषि अधिकारी रविकांत, भूमि संरक्षण अधिकारी योगेन्द्र कुमार, पशुचिकित्साधिकारी डा0 प्रभंजन शुक्ला, डीएचओ विनय कुमार यादव, एक्सईएन सिंचाई जितेन्द्र कुमार सहित सम्बन्धित विभागांे के अधिकारी मौजूद रहे।