कानपुर, जन सामना ब्यूरो। मोतीझील महर्षि वाल्मीकि उपवन से आदर्श वाल्मीकि जन समिति द्रारा सफाई कर्मचारी दिवस के पर्व पर स्वच्छकार शक्ति यात्रा निकाली गई। यात्रा को हरी झंडी पार्षद रमेश वाल्मीकि, सौरभ देव व संगीता बाली ने दिखाकर महर्षि वाल्मीकि उपवन से रवाना किया। यात्रा बेनाझावर जल संस्थान चुन्नीगंज, गंगूबाबा शहीद स्थल बड़ा चैराहा होते हुए महर्षि वाल्मीकि वाटिका नानाराव पार्क में एक गोष्ठी के रूप में परिवर्तित हो कर सम्पन्न हुई। गोष्ठी में देव कुमार ने वहाँ पर उपस्थित लोगों को जानकारी दी कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी ने जिस समुदाय को ईश्वर तुल्य माना था तथा जिस जाति के पेशे की तुलना वैध पाठन से की गई थी आज वो समुदाय किस दुर्गति में जी रहा है। किसी से छिपा नहीं है। गांधी जी का सबसे प्रिय समुदाय आज घृणा अपमान बेकारी बेरोजगारी से जीवन गुजर रहा है। समाज में फैले जातिवाद और सरकार में फैले भृष्टाचार के कारण इस समुदाय को सम्मान के साथ दो जून की रोटी हासिल करना भी मुश्किल हो गया है। यह समुदाय शैक्षिक, आर्थिक, सामजिक और राजनैतिक रूप से बहुत पिछड़ गया है। राष्ट्र प्रेमी स्वच्छकार सैनिक समुदाय को उसके पीड़ा से बाहर निकालने के उद्देश्य से समाज के हित चिंतक ने सन 1957 दिल्ली में हुई सफाई कर्मियों की हड़ताल को खत्म कराने के उद्देश्य से सरकार द्रारा चलवाई गई गोली में 31 जुलाई को शहीद हुए भाप सिंह वाल्मीकि की स्मृति को विस्मृत न होने देने के उद्देश्य से 31 जुलाई की तिथि को सफाई कर्मचारी दिवस घोषित कर दिया गया था। तब से धीरे धीरे इस दिवस का विस्तार पूरे देश में होता जा रहा है। इसी गोष्ठी में विनय सेन ने जानकारी दी कि आदर्श वाल्मीकि जन समिति ने सन 2014 से सफाई कर्मचारी दिवस के अवसर पर स्वच्छकार शक्ति यात्रा की शुरुआत की गई थी।
यात्रा में प्रमुख रूप से देव कुमार, विनय सेन, जितेन्द्र वाल्मीकि, डब्लू वाल्मीकि, चमन विरिहा, संजय टेकला, रविशंकर, हबेलकर, ओम प्रकाश वाल्मीकि, सतीश कुमार, अरुण हजारिया आदि लोग उपस्थित रहे।