शिवली कानपूर देहात, जितेन्द्र कुमार। शिवली क्षेत्र के पांडव नदी के समीप स्थित प्राचीन जागेश्वर मंदिर इसी शिवलिंग की वजह से कस्बे का नाम पड़ा शिवली। इसी मंदिर में विराजमान है अवढर दानी भोलेबाबा शिवलिंग जिसके बारे में मान्यता है की वह स्वयं धरती से प्रकट हुए है। बताते चले की प्राचीन समय में बंजारों की एक गाय टीले पर एक जगह दूध गिराने लगती थी । चरवाहों को शंका होने पर उन लोगो ने यहाँ खुदाई करवाई तो यहाँ शिवलिंग पाई गयी।
18वीं शताब्दी में शिव जी के परमभक्त देवनाथ दुबे ने मंदिर और तालाब का निर्माण करवाया था। अव यहाँ पर कई देवी देवताओ के मंदिर स्थापित हो चुके है। मंदिर के बारे में मान्यता है की यह भोले बाबा का सच्चा दरबार है। यहाँ श्रद्धालुवो का हुजूम लगा रहता है।
यहाँ के श्राद्धलुओ का मानना है की जो बाबा भोलेनाथ से सच्चे दिल से मन्नत मागता है बाबा उसे पूरा करते है। सावन में हजारों की संख्या में दूर दराज के क्षेत्रों से यंहा महादेव के दर्शनों को श्रद्धालु पँहुचते है मान्यता है कि जागेश्वर मन्दिर के शिवलिंग का दूसरा छोर पाताल से जुड़ा है शिवलिंग के अभिषेक से सुख सम्रद्धि की प्राप्ति होती है। मंदिर के पुजारी राकेश ने बताया मन्दिर में प्रतिवर्षो की भांति इस बार भी रक्षाबंधन के दिन व बाबा भोले का श्रंगार कर मन्दिर को सझाया जाता है। रात में भजन कीर्तन व जागरण का कार्यक्रम किया जाता है इसमें कलाकार भगवान के भेषभूषा में कार्यक्रम करते है। ये देखने के लिये दूरदराज से काफी लोगों का जमावड़ा लगता है। मंदिर परिसर के कार्यकर्ता सभी आये हुए श्रद्धालु के बैठने की व्यवस्था करते है। भगवान भोले नाथ की पूजा अर्चना करने के बाद प्रसाद वितरण किया जाता है उसके बाद कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है जिसे सभी श्रथालु शांति के साथ सभी कार्यक्रम का लुत्फ उठाते है।
ओम नमः शिवाय कमेटी के सदस्य, ओमी बाजपई, रमन, नीलू त्रिवेदी, मनोज सविता, रामचन्द्र, भीम, बिल्लू, हिमांशु, रामजी, आकाश, रवि, सनी, अमित, बाबू शर्मा, जटाशंकर, मोनू शर्मा, हर्षित प्रजापति, लल्लु गुप्ता, चन्दन तिवारी, चारु अवस्थी, दयाशंकर शर्मा, शिवम मिश्रा, अंकित मिश्रा, सौरभ तिवारी, अनुभव मिश्रा, सौरभ सिंह आदि ने बताया कि मन्दिर में सफाई व सजावट की तैयारियां करते है। मन्दिर में दर्शन के लिए आने वाले भक्तों को कोई परेशानी नहीं उठानी पड़ती है। सभी कार्यकर्ता भक्तों की सेवा में लगे रहते है पुजारी ने बताया की शांतिपूर्वक पर्व मनाने के लिए पर्याप्त बन्दोबस्त कर पुलिस जगह जगह मुस्तैद रहती है।
पांडो नदी के किनारे स्थित है जागेश्वर मन्दिर।
शिवली का जागेश्वर मन्दिर पांडो नदी के किनारे स्थित है स्टेट हाइवे 68 चैबेपुर विधूना मार्ग पर उत्तर दिशा की ओर चलकर मन्दिर तक पहुंचता है मन्दिर के दो सौ मीटर दूरी पर शिवली कोतवाली भी बनी है
शिवली क्षेत्र के जागेश्वर मन्दिर के अलावा भी कई मंदिर है साकेत धाम, महाकालेश्वर, नर्मदेश्वर, शोभन मन्दिर, योगेश्वर मन्दिर, ओकारेश्वर पंचमुखी, रामेश्वर मन्दिर, कडरी आश्रम, अथैया माता, ईश्वरीय माता आदि स्थित है।
शिवली होकर जाने वाले मार्ग
शिवली कस्बे से होकर जाने वाले मार्ग स्टेट हाइवे 68 से कानपुर से दिल्ली, शिवली से रूरा – अकबरपुर, शिवली से मैथा रनिया, शिवली से शिवराजपुर पुर जाने वाले मार्गो को जोड़ता है।