लखनऊ, राम प्रकाश वरमा। राजधानी में रहने वाले केरलवासियों ने अपने प्रांत के बाढ़ पीड़ितों के लिए 5 लाख रुपया भेजने और इस बार ओणम त्यौहार नहीं मनाने का ऐलान किया है, वहीं बकरीद पर कुर्बानी करने वालों से मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने अपील की है कि वे अपने बजट का 10 फीसदी हिस्सा केरल के बाढ़ पीड़ितों को दें। इन पीड़ितों की मदद के लिए दुनिया भर से लोग सामने आ रहे हैं। संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय मूल के कारोबारियों ने केरल को 12.5 करोड़ रुपए देने की घोषणा की, ऐसी ही मानवीय अपीलें और मदद के एलान लगातार हो रहे है। पिछले 20-25 दिनों की लगातार बारिश ने केरल को लगभग तबाह कर दिया है। वहां के मुख्यमंत्री के मुताबिक 20 हजार करोड़ से अधिक के नुक्सान का अनुमान लगाया गया है। सैकड़ों मौतों में अकेले गुरूवार को 106 लोगों की जानें गईं हैं। जानवरों और वनस्पतियों का कोई आकलन नहीं है। अस्पतालों में जरूरी दवाईयों के साथ आक्सीजन तक नहीं हैं। पेट्रोल पम्पों में पेट्रोल, डीजल भी नहीं है ऐसे में आवश्यक वस्तुओं का संकट गहरा गया है।
खबरें बताती हैं कि 117 बरसों बाद ऐसी भीषण बरसात केरल में हुई है। सेना के जवान, स्वयंसेवी संस्थाएं, युवा छात्रों के दल लोगों की मदद में जुटे हैं। विपक्ष के कांग्रेस नेता, आरएसएस के लोग, जिले के डीएम, पुलिस अधिकरी और साधारण कर्मी नंगे पैर पीड़ितों के साथ दिन-रात मौजूद हैं। लाखों लोग शिविरों में हैं फिर भी लाखों सड़कों पर हैं। अभी भी हजारों की तादाद में चेंगन्नूर, पांडलम, तिरुवल्ला और पथानामथिट्टा जिलों के अलावा ऐसे कई इलाके हैं, जहां अभी भी हजारों लोग फंसे हैं। इनके पास भोजन और पानी तक नहीं है। मछुआरों के एक ग्रुप ने अधिकारियों के बीच समन्वय की कमी होने की शिकायत की। इन्होंने समाचार संकलनकर्ताओं को बताया कि हम लोगों ने कई लोगों को बचाया, लेकिन अब हम जहां से अपनी नाव से आए थे, वहां लौटने में हमारी मदद करने के लिए कोई नहीं है। अभी भी हजारों की संख्या में लोग फंसे हैं। 10- 12 दिनों के बाद थोड़ी राहत की खबर आई है, मौसम विभाग ने अगले चार दिन बारिश नहीं होने का अनुमान जताया है।
केरल जब तबाह हो गया तब प्रधानमंत्री का हेलीकाप्टर उसके आसमान पर उड़ा और 5 सौ करोड़ की रकम की मदद का एलान हुआ उससे पहले गृहमंत्री ने आसमान से केरल की तबाही देखने के बाद 100 करोड़ की मदद देने की घोषणा की थी। देश के कई राज्यों ने भी मदद के एलान किए हैं। कमोबेश आधा देश बाढ़ के भयानक जबड़े में फंसा है। हिमांचल, कर्नाटक और उत्तराखंड से बुरी खबरें आ रही हैं। उत्तर प्रदेश के तमाम इलाके जलमग्न हैं। अहमदाबाद में कल भयानक बारिश हुई जिससे पूरा शहर जलभराव का शिकार रहा, इससे पहले भी गुजरात के कई जिले बाढ़ से कराह रहे हैं। आज सोमवार को फिर मौसम विभाग ने भारी बारिश का अनुमान जताया है कि ओडिशा, विदर्भ, छत्तीसगढ़, झारखंड और तेलंगाना के कुछ इलाकों में और उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तरप्रदेश, पूर्वी राजस्थान, पूर्वी मध्यप्रदेश, मध्य महाराष्ट्र, कोंकण और गोवा, तटीय आंध्र प्रदेश, तटीय और उत्तर कर्नाटक में भारी बारिश हो सकती है।