फिरोजाबाद, एस. के. चित्तौड़ी। मुख्य विकास अधिकारी नेहा जैन की अध्यक्षता में शुक्रवार को कृषि विज्ञानं केंद्र हजरतपुर में उद्यान विभाग द्वारा आयोजित औद्यानिक फसलों की वैज्ञानिक खेती विषय पर दो दिवसीय किसान मेले का शुभारम्भ किया गया। महापौर नूतन राठौर ने मेले में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का उद्घाटन महापौर नूतन राठौर और सीडीओ नेहा जैन ने किया। इसके उपरांत उन्होंने स्टॉलों का भ्रमण कर ड्रिप एवं स्प्रिंकलर की गहनता से जानकारी ली तथा किसानों को अधिक से अधिक इसे अपननाये जाने की सलाह दी ।
किसान मेले में मुख्य विकास अधिकारी नेहा जैन ने किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि बिना औद्यानिक फसलों को अपनाये किसानों की आय दूनी नहीं की जा सकती अतः औद्यानिक फसलों को अपनाएं। प्रगतिशील कृषक शेर सिंह द्वारा फसल बीमा और छुट्टा पशुओं की समस्या का समाधान करने का सीडीओ ने आश्वासन दिया। उन्होंने ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई को किसानों से अपनाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि हमें जो 500 हेक्टेयर का लक्ष्य मिला है उसे भी पूर्ण करें और अधिक लक्ष्य प्राप्त भी करें। इसमें 80 प्रतिशत एवं 90 प्रतिशत अनुदान भी है। उन्होंने लोगों को अधिक से अधिक पाली हॉउस लगवाने के लिए प्रेरित करते हुए बताया कि इसमें 50 प्रतिशत का अनुदान भी है।
कार्यक्रम की मुख्य अथिति महापौर नूतन राठौर ने किसानों और जवानों को सलाम करते हुए कहा कि गोष्ठी का विषय अत्यंत प्रसंगिक है और औद्यानिक फसलों की वैज्ञानिक खेती को अपनाकर कृषकों की आय को बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने बताया की ड्रिप और स्प्रिंकर सिंचाई से जल भी बचता है और फसल भी अच्छी होती है इसलिये किसानों को इसका प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने बेटियों को आगे बढ़ने की भी अपील की। कार्यक्रम के दौरान डा सत्येन ने कृषक उत्पादक संघ बनाने के लिए किसानों को प्रेरित किया ताकि वे आर्थिक रूप से समृद्ध हो सके। निमित्त सिंह ने कृषको को मधुमक्खी पालन के गुर सिखाये और बताया कि इसके द्वारा दस हजार रूपये प्रति बॉक्स तक शुद्ध लाभ कमाया जा सकता है वही कृषि उत्पादन में उस क्षेत्र में परागण अच्छा होने के कारण 25 प्रतिशत तक उत्पादन में वृद्धि होती है। कार्यक्रम के दौरान डीएचओ विनय कुमार यादव ने पर ड्राप मोर क्रॉप के विषय में विस्तार से बताया। कार्यक्रम के दौरान उपनिदेशक उद्यान कौशल कुमार, सीवीओ डा प्रभंजन शुक्ल, उपनिदेशक कृषि हंसराज, वरिष्ठ वैज्ञानिक डा सत्येन, निमित्त सिंह, आर पी सिंह, आदि मौजूद रहे।